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NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitiz Chapter 11 सवैये is part of NCERT Solutions for Class 9 Hindi. Here we have given NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitiz Chapter 11 सवैये.
Board | CBSE |
Textbook | NCERT |
Class | Class 9 |
Subject | Hindi Kshitiz |
Chapter | Chapter 11 |
Chapter Name | सवैये |
Number of Questions Solved | 22 |
Category | NCERT Solutions |
NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitiz Chapter 11 सवैये
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास
प्रश्न 1.
ब्रजभूमि के प्रति कवि का प्रेम किन-किन रूपों में अभिव्यक्त हुआ है?
उत्तर-
ब्रजभूमि के प्रति कवि का प्रेम, निम्न रूपों में अभिव्यक्त हुआ है।
- वह अगले जन्म में मनुष्य बनकर ब्रज के ग्वाल-बालों के मध्य बसना चाहता है।
- वह पशु बनकर नंद की गायों के मध्य चरना चाहता है।
- वह पत्थर के रूप में गोवर्धन पर्वत का हिस्सा बनना चाहता है।
- वह पक्षी बनकर यमुना-किनारे कदंब के पेड़ पर बसेरा बनाना चाहता है।
- कवि ब्रज के वन-बाग और तालाब निहारते रहना चाहता है।
प्रश्न 2.
कवि का ब्रज के वन, बाग और तालाब को निहारने के पीछे क्या कारण हैं?
उत्तर-
कवि का ब्रज के वन-बाग और तालाब निहारने का कारण यह है कि वह इन सबसे श्रीकृष्ण का जुड़ाव महसूस करता है। कवि श्रीकृष्ण का अनन्य भक्त है। अपने आराध्य से जुड़ी वस्तुएँ उसे शांति और आनंद की अनुभूति कराती है।
प्रश्न 3.
एक लकुटी और कामरिया पर कवि सब कुछ न्योछावर करने को क्यों तैयार है?
उत्तर-
एक लकुटी और कामरिया पर कवि सब कुछ इसलिए न्योछावर करने को तैयार है क्योंकि ये वस्तुएँ उसके आराध्य प्रभु से जुड़ी हैं और इन वस्तुओं में कृष्ण की यादें बसी हैं।
प्रश्न 4.
सखी ने गोपी से कृष्ण का कैसा रूप धारण करने का आग्रह किया था? अपने शब्दों में वर्णन कीजिए।
उत्तर-
सखी ने गोपी से कृष्ण का ठीक वैसा ही रूप धारण करने का अग्रह किया था जैसा कृष्ण दिखते थे। इसके लिए उसने सिर पर मोर पंखों को बना मुकुट, गले में गूंज की माला, शरीर पर पीला वस्त्र पहने और हाथ में लाठी लेने का अग्रह किया था।
प्रश्न 5.
आपके विचार से कवि पशु, पक्षी और पहाड़ के रूप में भी कृष्ण का सान्निध्य क्यों प्राप्त करना चाहता है?
उत्तर-
कवि पशु, पक्षी और पहाड़ के रूप में भी कृष्ण का सान्निध्य इसलिए प्राप्त करना चाहता है क्योंकि इन सबके साथ श्रीकृष्ण का जुड़ाव किसी न किसी रूप में रहा था।
प्रश्न 6.
चौथे सवैये के अनुसार गोपियाँ अपने आप को क्यों विवश पाती हैं?
उत्तर-
चौथे सवैये के अनुसार गोपियाँ अपने आपको इसलिए विवश पाती हैं क्योंकि श्रीकृष्ण की मुसकान अत्यंत आकर्षक है। इस मुसकान के आकर्षण से बच पाना उनके लिए कठिन हो जाता है। इस मुसकान के कारण वे अपने तन-मन पर अपना नियंत्रण नहीं रख पाती है।
प्रश्न 7.
भाव स्पष्ट कीजिए-
(क) कोटिक ए कलधौत के धाम करील के कुंजन ऊपर वारौं।
(ख) माइ री वा मुख की मुसकानि सम्हारी न जैहै, न जैहै, न जैहै।
उत्तर-
भाव
(क) कवि रसखान श्रीकृष्ण और ब्रज क्षेत्र से असीम लगाव रखते हैं। श्रीकृष्ण ब्रज के करील के कुंजों की छाया में विश्राम किया करते थे। इस करील के कुंजों की छाया के बदले वे सोने के महलों का सुख भी न्योछावर करने को तैयार थे।
(ख) श्रीकृष्ण की मुसकान की मादकता के विषय में गोपी कहती हैं कि माई री, वह मुसकान इतना आकर्षक है कि मैं उससे बच नहीं पाऊँगी और मुझसे स्वयं को सँभाला नहीं जाएगा।
प्रश्न 8.
‘कालिंदी कुल कदंब की डारन’ में कौन-सा अलंकार है?
उत्तर-
‘कालिंदी कूल कदंब की डारन’ में ‘क’ वर्ण की आवृत्ति के कारण अनुप्रास अलंकार है।
प्रश्न 9.
काव्य-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए
या मुरली मुरलीधर की अधरा न धरी अधरा न धरौंगी।।
उत्तर-
भाव-सौंदर्य- गोपी कह रही है कि वह श्रीकृष्ण का स्वांग करने को तैयार है पर वह मुरलीधर की मुरली को अपने होठों पर नहीं रखेगी।
शिल्प सौंदर्य
- भाषा में व्रजभाषा की मधुरता है।
- छंद सवैया है।
- ‘म’ की आवृत्ति होने के कारण अनुप्रास अलंकार तथा अधरा न – अधरों पर, अधरा न – अधरों पर नहीं में यमक अलंकार है।
- दृश्य बिंब साकार हो उठा है।
रचना और अभिव्यक्ति
प्रश्न 10.
प्रस्तुत सवैयों में जिस प्रकार ब्रजभूमि के प्रति प्रेम अभिव्यक्त हुआ है, उसी तरह आप अपनी मातृभूमि के प्रति अपने मनोभावों को अभिव्यक्त कीजिए।
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।
प्रश्न 11.
रसखान के इन सवैयों का शिक्षक की सहायता से कक्षा में आदर्श वाचन कीजिए। साथ ही किन्हीं दो सवैयों को कंठस्थ कीजिए।
उत्तर-
छात्र अध्यापक की मदद से स्वयं करें।
पाठेतर सक्रियता
प्रश्न 12.
सूरदास द्वारा रचित कृष्ण के रूप-सौंदर्य संबंधी पदों को पढ़िए।
उत्तर-
छात्र स्वयं पढ़ें।
अन्य पाठेतर हल प्रश्न
लघुउत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
रसखान अगले जन्म में मनुष्य बनकर कहाँ जन्म लेना चाहते थे और क्यों ?
उत्तर-
रसखान अगले जन्म में मनुष्य बनकर ब्रज क्षेत्र के गोकुल गाँव में जन्म लेना चाहते थे क्योंकि ब्रज उनके आराध्य श्रीकृष्ण की लीला भूमि रही है। ब्रज क्षेत्र में जन्म लेकर वह श्रीकृष्ण से जुड़ाव की अनुभूति करता है।
प्रश्न 2.
रसखान ने ऐसा क्यों कहा है, ‘जो पसु हौं तो कहा बस मेरो’?
उत्तर-
‘जौ पसु हाँ तो कहा बस मेरो’ कवि रसखान ने ऐसा इसलिए कहा है क्योंकि पशु की अपनी इच्छा नहीं चलती है। कोई भी उसके गले में रस्सी डालकर कहीं भी ले जा सकता है। उसकी इच्छा-अनिच्छा का कोई महत्व नहीं रहती है।
प्रश्न 3.
कवि किस गिरि का पत्थर बनना चाहते हैं और क्यों?
उत्तर-
कवि गोवर्धन पर्वत का पत्थर बनना चाहता हैं क्योंकि इंद्र के प्रकोप और क्रोध से ब्रजवासियों को मचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को छाते की तरह उठाकरे श्रीकृष्ण ने उनकी रक्षा की थी। गोवर्धन पर्वत का पत्थर बनकर कवि श्रीकृष्ण से जुड़ाव महसूस करता है।
प्रश्न 4.
‘कालिंदी कुल कदंब की डारन’ का भाव स्पष्ट करते हुए बताइए कि कवि ने इसका उल्लेख किस संदर्भ में किया
उत्तर-
‘कालिंदी कूल कदंब की डारन’ का भाव है-यमुना नदी के किनारे स्थित कदंब की डालों पर बसेरा बनाना। कवि ने। इसका उल्लेख अगले जन्म में पक्षी बनकर श्रीकृष्ण से जुड़ी वस्तुओं का सान्निध्य पाने के संदर्भ में किया है।
प्रश्न 5.
गोपी किस तरह के वस्त्र धारण करना चाहती है और क्यों?
उत्तर-
गोपियाँ पीले रंग के वैसे ही वस्त्र पहनना चाहती है जैसा श्रीकृष्ण पहना करते थे क्योंकि वह श्रीकृष्ण के रूप सौंदर्य पर मोहित है और वैसा ही रूप बनाना चाहती है।
प्रश्न 6.
श्रीकृष्ण की मुसकान का गोपियों पर क्या असर होता है?
उत्तर-
श्रीकृष्ण की मुसकान अत्यंत आकर्षक एवं मादक है। गोपियाँ इस मुसकान को देखकर अपनी सुध-बुध खो बैठती हैं। उनका खुद अपने तन-मन पर नियंत्रण नहीं रह जाता है। वे विवश होकर स्वयं को नहीं सँभाल पाती हैं।
प्रश्न 7.
गोपियाँ ब्रज के लोगों से क्या कहना चाहती हैं और क्यों ?
उत्तर-
गोपियाँ ब्रज के लोगों से यह कहना चाहती हैं कि कृष्ण के प्रभाव से बचने के लिए कानों में अँगुली रख लेंगी तथा उनके गोधन को नहीं सुनेंगी पर श्रीकृष्ण की मुसकान देखकर वह स्वयं को नहीं सँभाल पाएंगी और तन-मन पर वश नहीं रहेगा।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
श्रीकृष्ण और उनसे जुड़ी वस्तुओं का सान्निध्य पाने के लिए कवि क्या-क्या त्यागने को तैयार है?
उत्तर-
रसखान श्रीकृष्ण के प्रति अगाध आस्था और लगाव रखते हैं। वे अपने आराध्य से जुड़ी हर वस्तु से प्रेम करते हैं। इन वस्तुओं को पाने के लिए वे अपना सर्वस्व त्यागने को तैयार हैं। वे लकुटी और कंबल के बदले तीनों लोकों का राज्य, उनकी गाएँ चराने के बदले आठों सिधियाँ और नवों निधियों का सुख छोड़ने को तैयार हैं। श्रीकृष्ण जिन करील के कुंजों की छाया में मुरली बजाते हुए विश्राम किया करते थे उन कुंजों की छाया पाने के लिए कवि सोने के सैकड़ों महलों का सुख छोड़ने को तैयार है।
प्रश्न 2.
‘ब्रज के बन-बाग, तड़ाग निहारौं’ का अशय स्पष्ट करते हुए बताइए कि कवि ने ऐसा क्यों कहा है?
उत्तर-
ब्रजे के बन-बाग और तड़ाग देखने का आशय है-ब्रजभूमि पर स्थित उन बन-बाग और तालाबों को निहारते रहना जहाँ श्रीकृष्ण गाएँ चराया करते थे और विश्राम किया करते थे। कवि ने ऐसा इसलिए कहा है क्योंकि कवि रसखान श्रीकृष्ण का अनन्य भक्त है। वह श्रीकृष्ण से ही नहीं वरन उनसे जुड़ी हर वस्तु से अत्यधिक लगाव रखता है। इन वस्तुओं को पाने के लिए वह अपना हर सुख त्यागने को तैयार है। यह श्रीकृष्ण के प्रति कवि की भक्ति भावना की पराकाष्ठा है।
प्रश्न 3.
‘या मुरली मुरलीधर की अधरा न धरी अधरा न धरौंगी’ का भाव स्पष्ट करते हुए बताइए कि गोपी ने ऐसा क्यों कहा होगा?
उत्तर-
भाव यह है कि गोपी श्रीकृष्ण का रूप बनाने के लिए उनकी हर वस्तु धारण करने को तैयार है पर उनकी मुरली नहीं, क्योंकि गोपी मुरली से ईर्ष्या भाव रखती है। इसी मुरली ने गोपियों को कृष्ण से दूर कर रखा है। कृष्ण के होठों से लगकर मुरली गोपियों की व्यथा बढ़ाती है।
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