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CBSE Class 7 Hindi पत्र लेखन

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CBSE Class 7 Hindi पत्र लेखन Pdf free download is part of NCERT Solutions for Class 7 Hindi. Here we have given NCERT Class 7 Hindi पत्र लेखन.

CBSE Class 7 Hindi पत्र लेखन

पत्र-लेखन का हमारे जीवन में काफ़ी महत्त्व है, किंतु आजकल टेलीफ़ोन, मोबाइल व कंप्यूटर के बढ़ते प्रयोग से पत्र लिखने का चलन कुछ कम हो गया है। फिर भी किसी सरकारी विभाग से अपनी समस्या की शिकायत करनी हो, कहीं से कोई आवश्यक वस्तु मँगवानी हो अथवा विवाह या किसी सरकारी विभाग से अपनी समस्या की शिकायत करनी हो, कहीं से कोई आवश्यक वस्तु मँगवानी हो अथवा विवाह या किसी अन्य उत्सव कार्यक्रम के लिए अपने प्रियजनों को आमंत्रित करना हो, तब हमें पत्र लिखने की आवश्यकता होती है। अतः पत्र-लेखन आज के युग में उपयोगी है। पत्र लिखते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए

  • पत्र की भाषा सरल व स्पष्ट हो। हमें विस्तृत वर्णन से बचना चाहिए।
  • आयु व संबंध के अनुकूल शब्दावली का प्रयोग करना चाहिए।
  • विचारों की क्रमबद्धता का ध्यान रखना चाहिए। पत्र का उद्देश्य व विषय-वस्तु स्पष्ट होनी चाहिए। पत्र में उसके सभी अंगों का प्रयोग करना चाहिए।

पत्रों के प्रकार
पत्र मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं।

1. अनौपचारिक या निजी पत्र – ये पत्र अपने निकट संबंधियों अथवा मित्रों को लिखे जाते हैं। इनमें निजी बातों का ब्योरा (वर्णन) होता है।
2. औपचारिक पत्र – ये पत्र उन्हें लिखे जाते हैं जिससे हमारा निजी संबंध नहीं होता। ये कई प्रकार के हो सकते हैं; जैसे-प्रार्थना
पत्र, कार्यालयी-पत्र, व्यावसायिक-पत्र आदि।
प्रार्थना पत्र – प्रधानाचार्य को आवेदन के लिए लिखे जाने वाले पत्र।।
कार्यालयी पत्र – किसी सरकारी अधिकारी, विभाग को लिखे गए पत्र आदि।
व्यावसायिक पत्र – दुकानदार, प्रकाशक, व्यापारी, कंपनी आदि को लिखे गए पत्र आदि।

पत्र के आठ मुख्य अंग होते हैं

  1. प्रेषक का पता
  2. तिथि
  3. संबोधन
  4. अभिवादन
  5. विषयवस्तु
  6. समाप्ति
  7. हस्ताक्षर
  8. पता

अनौपचारिक पत्र का प्रारूप
1
औपचारिक पत्र का प्रारूप

प्रार्थना-पत्र
प्रधानाचार्य को लिखे जाने वाले पत्र का प्रारूप
2
औपचारिक पत्र

1. छात्रवृत्ति के लिए प्रधानाचार्य को प्रार्थना पत्र लिखिए।

सेवा में
प्रधानाचार्य महोदय
केंद्रीय विद्यालय
कालिंदी विहार, नई दिल्ली।

विषय – छात्रवृत्ति हेतु प्रार्थना पत्र

महोदय
सविनय निवेदन यह है कि मैं आपके विद्यालय में कक्षा सातवीं ‘ए’ की छात्रा हूँ। मेरे पिता जी की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। वे विद्यालय के शुल्क तथा अन्य खर्चे का भार उठा पाने में असमर्थ हैं। मैं अपनी पिछली कक्षाओं में प्रथम स्थान प्राप्त करती रही हूँ तथा खेल-कूद व अन्य प्रतियोगिताओं में भी मैंने अनेक पदक प्राप्त किए हैं।

अतः आप से अनुरोध है कि मुझे विद्यालय के छात्रवृत्ति कोष से छात्रवृत्ति प्रदान करने का कष्ट करें, ताकि मैं अपनी पढ़ाई जारी रख सकें। मैं सदैव आपकी आभारी रहूँगी।

आपकी आज्ञाकारी शिष्या,
नेहा तिवारी
कक्षा-सातवीं ‘ए’
दिनांक…….

2. बड़े भाई के विवाह में शामिल होने के लिए चार दिन के अवकाश के लिए अपने प्रधानाचार्य को प्रार्थना पत्र लिखिए।

सेवा में
प्रधानाचार्य महोदय
डी० ए० वी० स्कूल
सेक्टर-5 द्वारका
नई दिल्ली-110075

महोदय

सविनय निवेदन यह है कि मेरे बड़े भाई का शुभ विवाह 15 मार्च, 20XX को होना निश्चित हुआ है। विवाहोत्सव में मेरा उपस्थित होना आवश्यक है। अतः मैं दिनांक 13 मार्च 20XX से 16 मार्च 20XX तक विद्यालय में उपस्थित नहीं हो सकेंगा। अतः आपसे अनुरोध है कि मुझे इन चार दिनों का अवकाश प्रदान करने की कृपा करें।

धन्यवाद
आपका आज्ञाकारी शिष्य
आयुष रंजन
कक्षा-सात (बी)
अनुक्रमांक-15

3. गंदगी की सूचना देते हुए नगर निगम अधिकारी को प्रत्र।

B-4/13 अंकुर विहार, लोनी
गाजियाबाद।
दिनांक-16 अगस्त
सेवा में
नगर निगम अधिकारी
लोनी क्षेत्र, गाजियाबाद।

विषय-हमारे क्षेत्र में फैली गंदगी की सूचना हेतु पत्र।

महोदय
मैं अंकुर तथा आसपास के इलाकों में फैली गंदगी तथा सफ़ाई कर्मचारियों की अकर्मण्यता के विषय में आपको सूचित करना चाहता हूँ।

यहाँ जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे हैं तथा गलियों में यहाँ-वहाँ कूड़ा फैला है। सफ़ाई कर्मचारी सप्ताह में एक बार भी सफ़ाई नहीं करते तथा नगर निगम की गाड़ियाँ महीनों तक दिखाई नहीं पड़तीं। चारों तरफ़ मक्खी, मच्छर तथा बदबू का साम्राज्य है।
आशा है आप इस विषय में अवश्य कार्यवाही करेंगे।

धन्यवाद
भवदीय
ओजस्व तिवारी।

4. अपने क्षेत्र में बढ़ते अपराधों की समस्या के बारे में सूचना देते हुए थानाध्यक्ष को पत्र लिखिए।

16 ए हौज खास, नई दिल्ली
दिनांक 25 जुलाई ……….
सेवा में
थाना अध्यक्ष
हौज खास

विषय – बढ़ते हुए अपराधों की समस्या के समाधान हेतु पत्र।

मान्यवर
मैं हौज खास क्षेत्र में लगातार बढ़ रहे अपराधों की ओर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता हूँ। पिछले दो महीने में हमारे क्षेत्र में चार चोरियाँ व दो हत्याएँ हो चुकी हैं। छोटी-मोटी राहजनी की घटनाएँ तो अब आम हो गई हैं। राह चलती महिलाओं के पर्स, चेन आदि मोटरसाइकिल सवार दिन-दहाड़े लूटकर ले जाते हैं। पुलिस की गश्त करने वाली वैन सड़क पर दूर-दूर तक दिखाई नहीं देती। सिपाही गश्त पर नहीं आते। इस वजह से अपराधियों के हौंसले दिन-प्रतिदिन बढ़ते ही जा रहे हैं।

अतः आपसे अनुरोध है कि इन अपराधों की रोकथाम के लिए जल्द से जल्द कार्यवाही करें, ताकि इस क्षेत्र के निवासी निश्चित होकर जी सकें और सड़कों पर चल सकें। आशा है कि आप मेरे अनुरोध पर ध्यान देंगे और कोई ठोस कदम उठाएँगे।

धन्यवाद
भवदीय
रजत कुमार

5. पुस्तक मँगवाने के लिए पुस्तक-विक्रेता को पत्र लिखिए।

प्रेषक
आयुष
B-2/13 अंकुर विहार, लोनी
गाजियाबाद।
दिनांक-25 जून 20XX

सेवा में
व्यवस्थापक
फ्रैंक एजुकेशनल एड्स प्रा० लि०
ए-39 नोएडा, उत्तर प्रदेश।
पिन-201301

महोदय
मुझे निम्नलिखित पुस्तकें वी०पी०पी० से भेजने की कृपा करें। मैं पाँच सौ रुपए का बैंक ड्राफ्ट अग्रिम राशि के रूप में संलग्न कर रहा हूँ।

पुस्तकें भेजते समय कृपया इस बात का ध्यान रखें कि पुस्तकें नई संस्करण की हों तथा कटी-फटी न हों। पुस्तकों पर उचित कमीशन देते हुए पुस्तक भेजने की कृपा करें।
पुस्तकों के नाम-मधुरिमा हिंदी रीडर भाग-7
E.V.S. Part-7
हिंदी व्याकरण-7
Social Science भाग-7

प्रत्येक की एक-एक प्रति भिजवाएँ।

भवदीय
आयुष रंजन

अनौपचारिक पत्र

1. पुस्तक खरीदने के लिए रुपये भेजने का अनुरोध करते हुए अपने पिता जी को पत्र लिखिए।

कमरा संख्या-85
सरस्वती छात्रावास
गुमानपुरा कोटा,
राजस्थान
दिनांक 5 अगस्त 20XX

पूज्य पिता जी
चरण स्पर्श
मेरी प्रथम सत्र की परीक्षा समाप्त हो चुकी है। सभी विषयों के अंक प्राप्त हो गए हैं। मुझे लगभग 90% अंक मिले हैं। मुझे और परिश्रम करना होगा। मुझे और अधिक अंक प्राप्त करने हैं।

आपने इस महीने जो रुपए भेजे थे, वे परीक्षा शुल्क जमा कराने में खर्च हो गए। मुझे कुछ सहायक पुस्तकें खरीदनी हैं, इसलिए आपसे निवेदन है कि इस पत्र के मिलते ही मुझे आप 2000 रुपए और भेज दें ताकि मैं शीघ्र पुस्तकें खरीद सकें। पूज्य माता जी से सादर चरण-स्पर्श कहिएगा।

नेहा को असीम प्यार।
आपका आज्ञाकारी पुत्र
रजत,
अंकुर विहार लोनी

2. अपनी सहेली को उसके जन्म दिन पर न पहुँच पाने का कारण बताते हुए पत्र लिखिए।

परीक्षा भवन
नई दिल्ली
दिनांक 22 अप्रैल 20XX

प्रिय अंशु
मधुर स्मृतियाँ
मैं सपरिवार यहाँ सकुशल हूँ और ईश्वर से तुम्हारे परिवार की कुशलता की प्रार्थना करती हैं। पिछले महीने की 22 तारीख को तुम्हारा जन्मदिन था। तुमने बड़े प्यार से मुझे निमंत्रित भी किया था, परंतु मैं तुम्हारे जन्म दिन में नहीं आ सकी। इसका मुझे बहुत अफसोस है। मुझे पता है कि तुम मुझसे बहुत नाराज़ हो, इसलिए तुमने विद्यालय में भी मुझसे बात नहीं की। जब तुम्हें मेरे न आने का पता चलेगा, तब तुम मुझे अवश्य क्षमा कर दोगी। मेरी दादी की तबियत अचानक बहुत खराब हो गई थी। हम सभी दोपहर से लेकर रात तक अस्पताल में ही थे, इसलिए मैं तुम्हारे जन्मदिन की पार्टी में शामिल नहीं हो सकी।

आशा है, तुम मुझे अवश्य क्षमा कर दोगी।

तुम्हारी सहेली
कोमल।

3. छोटे भाई को परीक्षा में सफलता पाने पर बधाई पत्र लिखिए।

छात्रावास कक्षा संख्या-15
इंजीनियरिंग कॉलेज पटियाला
सेक्टर IT Section, पंजाब

प्रिय ओजस्व
प्रसन्न रहो
यहाँ सब कुशल है। आशा है वहाँ तुम भी सकुशल होंगे। कल ही पिता जी का पत्र मिला। पत्र पढ़कर पता चला कि इस वर्ष कक्षा में प्रथम आए हो और सभी विषयों में ‘ए’ श्रेणी प्राप्त की है। सच मानो पढ़कर बहुत खुशी हुई। मेरी ईश्वर से प्रार्थना है कि सफलता सदैव तुम्हारे कदम चूमें और तुम आसमान की ऊँचाई तक पहुँचो।

मैंने तुमसे वादा किया था कि अगर तुम कक्षा में प्रथम आओगे तो एक अच्छी घड़ी मेरी ओर से तुम्हें पुरस्कार स्वरूप दूंगा। दशहरे की छुट्टियों में जब मैं घर जाऊँगा तो तुम्हारी पसंद की घड़ी दिलाऊँगा। माँ और पिता जी को मेरा सादर प्रणाम कहना।।

तुम्हारा अग्रज
प्रणव
पटियाला, पंजाब

4. वाद-विवाद प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर छोटी बहन को बधाई देते हुए पत्र लिखिए।

परीक्षा भवन
नई दिल्ली
दिनांक 30 मई 20XX
परीक्षा भवन
गाजियाबाद
दिनांक 10 मई 20XX

प्रिय कोमल
यह देखकर प्रसन्नता हुई कि तुमने अंतरराज्यीय विद्यालयों में आयोजित ‘आतंकवाद’ विषय पर वाद-विवाद प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। तुम्हारी सफलता पर मैं तुम्हें हार्दिक बधाई देती हूँ। और आशा करती हूँ कि आगे की परीक्षा में भी तुम्हें इसी प्रकार सफलता मिले। चूँकि तुम प्रतियोगिता में प्रथम आई हो, इसलिए विश्वविद्यालय की ओर से छात्रवृत्ति और स्वर्ण पदक दोनों तुम्हें मिलेंगे। मेरा पूर्ण विश्वास है कि तुम अपनी पढ़ाई जारी रखोगी। मेरा तो विचार है कि तुम्हें आई०ए०एस० की प्रतियोगिता परीक्षा में भी सम्मिलित होना चाहिए। ईश्वर तुम्हारा पथ प्रशस्त करे।

तुम्हारी बहन
नेहा

5. अपने मित्र के दादा जी के निधन पर उसे सांत्वना पत्र।

15/4 ब्रह्मपुरी
मेरठ-2
12 जुलाई 20XX

अभिन्न मित्र राकेश
सस्नेह
आज ही तुम्हारे पूज्य दादा जी के अचानक निधन हो जाने का दुखद समाचार सुना। सुनकर स्तब्ध रह गया। मुझे इस समाचार पर सहसा विश्वास नहीं हुआ। पिछले हफ्ते ही जब मैं आया था तब वे कितने प्रसन्नचित एवं स्वस्थ लग रहे थे। उन्होंने मुझे एक सुंदर कलम भी दिया था। यह कलम सदैव उनकी स्मृति बनकर मेरे पास रहेगा। उनकी प्रसन्न मुद्रा तथा मधुर स्नेह को मैं आजीवन नहीं भुला पाऊँगा।

प्रिय मित्र! इस संसार में केवल मृत्यु ही ऐसी चीज़ है जिसे टाला नहीं जा सकता। ऐसी स्थिति में केवल संतोष कर लेने के अलावा कोई चारा नहीं है। मैं तुम्हारे मन की मन:स्थिति का अनुमान लगा सकता हूँ। पर मित्र धैर्य रखना होगा।

ईश्वर से मेरी प्रार्थना है कि वे दिवंगत आत्मा को सद्गति और तुम्हें एवं तुम्हारे परिवार जनों को यह दुख सहने की शक्ति एवं धैर्य प्रदान करें।

यदि मुझे पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार अपने मामा जी के यहाँ मुंबई न जाना होता, तो स्वयं आकर तुमसे मिलता। वहाँ से लौटने पर मैं तुमसे मिलने आऊँगा।

तुम्हारा अभिन्न मित्र
रजत

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