CBSE Previous Year Question Papers Class 10 Hindi B 2016 Delhi Term 2
CBSE Previous Year Question Papers Class 10 Hindi B 2016 Delhi Term 2 Set-I
निर्धारित समय :3 घण्टे
खण्ड ‘क’
प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए : [2 × 6 = 12]
हम एक ऐसे युग में जी रहे हैं, जहाँ एक तरफ भौतिक समृद्धि अपनी ऊँचाई पर है, तो दूसरी तरफ चारित्रिक पतन की गहराई है। आधुनिकीकरण में उलझा मानव सफलता की नित नई परिभाषाएँ खोजता रहता है और अपनी अंतहीन इच्छाओं के रेगिस्तान में भटकता रहता है। ऐसे समय में सच्ची सफलता और सुख-शांति की प्यास से व्याकुल व्यक्ति अनेक मानसिक रोगों का शिकार बनता जा रहा है। हममें से कितने लोगों को इस बात का ज्ञान है कि जीवन में सफलता प्राप्त करना और सफल जीवन जीना, यह दोनों दो अलग-अलग बातें है। यह जरूरी नहीं कि जिसने अपने जीवन में साधारण कामनाओं को हासिल कर लिया हो, वह पूर्णतः संतुष्ट और प्रसन्न भी हो। अतः हमें गंभीरतापूर्वक इस बात को समझना चाहिए कि इच्छित फल को प्राप्त कर लेना ही सफलता नहीं है। जब तक हम अपने जीवन में नैतिक व आध्यात्मिक मूल्यों का सिंचन नहीं करेंगे, तब तक यथार्थ सफलता पाना हमारे लिए मुश्किल ही नहीं, अपितु असंभव कार्य हो जाएगा, क्योंकि बिना मूल्यों के प्राप्त सफलता केवल क्षणभंगुर सुख के समान रहती है। कुछ निराशावादी लोगों का कहना है कि हम सफल नहीं हो सकते, क्योंकि हमारी तकदीर या परिस्थितियाँ ही ऐसी हैं, परंतु यदि हम अपना ध्येय निश्चित करके उसे अपने मन में बिठा लें, तो फिर सफलता स्वयं हमारी ओर चलकर आएगी। सफल होना हर मनुष्य का जन्मसिद्ध अधिकार है, परंतु यदि हम अपनी विफलताओं के बारे में ही सोचते रहेंगे, तो सफलता को कभी हासिल नहीं कर पाएँगे। अतः विफलताओं की चिंता न करें, क्योंकि वे तो हमारे जीवन का सौंदर्य हैं और संघर्ष जीवन का काव्य है, कई बार प्रथम आघात में पत्थर नहीं टूट पाता, उसे तोड़ने के लिए कई आघात करने पड़ते हैं, इसलिए सदैव अपने लक्ष्य को सामने रख आगे बढ़ने की जरूरत है। कहा गया है कि जीवन में सकारात्मक कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।
(क) मनुष्य के मानसिक रोग और अशांति का कारण किसे माना गया है?
(ख) सफलता पाना और सफल जीवन जीना दोनों बातें अलग कैसे हैं?
(ग) गद्यांश में जीवन का सौंदर्य और संघर्ष किसे बताया गया है? क्यों?
(घ) पत्थर का उदाहरण क्यों दिया गया है?
(ङ) वास्तविक सफलता पाने के लिए क्या आवश्यक है और क्यों?
(च) आशय स्पष्ट कीजिए : “संघर्ष जीवन का काव्य है।”
उत्तर:
(क) मनुष्य के मानसिक रोग और अशांति का कारण उसकी अंतहीन इच्छायें हैं। मनुष्य इन इच्छाओं के रेगिस्तान में भटकता रहता है, सुख-शांति की प्यास में व्याकुल होकर वह मानसिक रोगों का शिकार हो जाता है। हम एक ऐसे युग में जी रहे हैं, जहाँ एक तरफ भौतिक समृद्धि|
(ख) सफलता पाना और सफल जीवन जीना दोनों अलग-अलग बातें हैं। अपने इच्छित फल को प्राप्त कर आधुनिकीकरण में उलझा मानव सफलता की नित नई लेना सफलता तो हो सकती है, पर सफल जीवन जीने परिभाषाएँ खोजता रहता है और अपनी अंतहीन इच्छाओं के लिए जीवन में नैतिक और आध्यात्मिक मूल्यों का रेगिस्तान में भटकता रहता है। ऐसे समय में सच्ची सफलता सिंचन करना भी होता है। इसी से संतुष्टि और प्रसन्नता और सुख-शांति की प्यास से व्याकुल व्यक्ति अनेक मानसिक मिलती है।
(ग) गद्यांश में विफलताओं को जीवन का सौंदर्य बताया इस बात का ज्ञान है कि जीवन में सफलता प्राप्त करना और गया है। हमें विफलताओं की चिन्ता नहीं करनी चाहिए। सफल जीवन जीना, यह दोनों दो अलग-अलग बातें है। यह संघर्ष को जीवन का काव्य बताया गया है। लक्ष्य को सामने रखकर आगे बढ़ने के लिए संघर्ष की आवश्यकता होती है।
(घ) पत्थर यहाँ समस्याओं का प्रतीक है जो सफलता के रास्ते में बाधा हैं। पत्थर को तोड़ने के लिए कई आघात हम अपने जीवन में नैतिक व आध्यात्मिक मूल्यों का सिंचन करने पड़ सकते हैं। उसी प्रकार समस्याओं के समाधान के लिए एक से ज्यादा प्रयास करने पड़ सकते हैं।
(ङ) वास्तविक सफलता पाने के लिए भाग्य का सहारा के प्राप्त सफलता केवल क्षणभंगुर सुख के समान रहती है। छोड़कर अपना ध्येय निश्चित करें और उसे अपने मन में बिठा लें। लक्ष्य की ओर निरंतर बढ़ते जाने से ही वास्तविक सफलता मिलती है। परंतु यदि हम अपना ध्येय निश्चित करके उसे अपने मन में।
(च) संघर्ष जीवन का काव्य है। संघर्ष करने में जहाँ कठोर आघात सहने पड़ते हैं, वहीं इसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आते हैं। संघर्ष सुखद अनुभूति भी कराता है।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तरे लिखिएः । [2 × 4 = 8]
वह जागता है।
रात के सन्नाटे में
दिन का कोलाहले उसे सोने नहीं देता
वह अरमानों को सँजोता है और
सिर्फ अपने लिए जीता है।
रात के सन्नाटे में वह सोच पाता है, विवेक को जगा पाता है।
तभी तो दिन को बर्दाश्त कर पाता है!
वह परेशान है दिन के कोलाहल से,
वही ढोंग, दिखावा, झूठे रिश्ते,
छल, छद्म और पाखंड दम घुटता है उसका
इसलिए जागना चाहता है।
रात के सन्नाटे में।
(घ) पत्थर का उदाहरण क्यों दिया गया हैं?
(क) काव्यांश में दिन और रात किस बात के प्रतीक माने गए
(ख) विवेक किसे कहा जाता है? कवि का विवेक कब जागता
(ग) कवि को दिन में परेशानी क्यों होती है?
(घ) आशय स्पष्ट कीजिए : “तभी तो दिन को बर्दाश्त कर पाता है!”
उत्तर:
(क) काव्यांश में दिन कोलाहल, किसी न किसी रूप में होने वाले समाज के ढोंग, छल-कपट, पाखंड का प्रतीक है। तो रात शांति और विवेक का प्रतीक है।
(ख) विवेक चिंतन प्रक्रिया का नाम है। इसमें अच्छे-बुरे का ज्ञान होता है। कवि का विवेक रात के शांत वातावरण में जागता है। तभी वह अच्छा सो पाता है तथा दिन को
बर्दाश्त करता है।
(ग) कवि को दिन में इसलिए परेशानी होती है क्योंकि दिन में कोलाहल रहता है। लोग ढोंग, आडंबर और छल-कपट का प्रदर्शन करते हैं वास्तविकता कहीं दूर
चली जाती है।
(घ) रात के समय कवि का विवेक जागता है। तभी उसे नई ऊर्जा मिलती है और सम्पूर्ण तन्मयता से वह इस समय का सदुपयोग अपनी रचनाओं में देकर सन्तुष्ट होता है। रात्रि में सन्तुष्ट होने की वजह से, इसी ऊर्जा के बलबूते पर वह दिन के प्रपंच को झेल पाता है।
खण्ड ‘ख’।
प्रश्न 3.
शब्द और पद में क्या अंतर है ? उदाहरण सहित समझाइए। [1 + 1 = 2]
उत्तर:
शब्द और पद में अंतर-वाक्य से स्वतंत्र अर्थवान ध्वनि समूह ‘शब्द’ कहलाता है। वाक्य में प्रयुक्त शब्द ‘पद’ कहलाता है। उदाहरण-‘लड़का एक शब्द है। इसका कोश में एक अर्थ है। वाक्य में प्रयुक्त हुए बिना भी यह अर्थवान है। जब इसे वाक्य में प्रयुक्त किया जाता है तो यह स्वतंत्र नहीं रहता। तब इसका रूप भी बदल जाता है।
उदाहरणतया-लड़का रो रहा है। लड़के ने अध्यापक से शिकायत की। अध्यापक ने लड़कों को डाँटा। अध्यापक ने कहा-लड़को! शोर न करो। स्पष्ट है कि लड़का’ शब्द वाक्य में प्रयुक्त होने पर विभिन्न रूप बदल रहा है। ‘लड़का, *लड़के, लड़कों, तथा लड़को-ये चार रूप से स्पष्ट हैं। अतः ये चारों पद हैं।
प्रश्न 4.
निर्देशानुसार उत्तर दीजिए : [1 × 3 = 3]
(i) ज्यों ही वह पहुँचा वर्षा होने लगी। (सरल वाक्य में बदलिए)
(ii) जब उसने भाषण शुरू किया तो तालियों की गड़गड़ाहट से उसका स्वागत हुआ। (संयुक्त वाक्य में बदलिए)
(iii) मैंने वहाँ एक हृष्ट-पुष्ट व्यक्ति देखा। (मिश्र वाक्य में बदलिए)
उत्तर:
(i) सरल वाक्य-उसके पहुँचते ही वर्षा होने लगी।
(ii) संयुक्त वाक्य-उसने भाषण शुरू किया और तालियों की गड़गड़ाहट से उसका स्वागत हुआ।
(iii) मिश्र वाक्य-मैंने वहाँ एक व्यक्ति को देखा जो हृष्ट-पुष्ट था।
प्रश्न 5.
(क) निम्नलिखित का विग्रह करके समास का नाम लिखिए : [1 + 1 = 2]
ऋणमुक्त, चन्द्रखिलौना
(ख) निम्नलिखित का समस्त पद बनाकर समास का नाम लिखिए : [1 + 1 = 2]
धन और दौलत, राष्ट्र की संपत्ति
उत्तर:
(क) (i) ऋणमुक्त = ऋण से मुक्त – तत्पुरुष समास
(ii) चन्द्रखिलौना = चंद्र रूपी खिलौना – कर्मधारय समास
(ख) (i) धन और दौलत = धन-दौलत – द्वंद्व समास
(ii) राष्ट्र की संपत्ति = राष्ट्रीय संपत्ति – तत्पुरुष समास
प्रश्न 6.
निम्नलिखित वाक्यों को शुद्ध रूप में लिखिए : [1 × 4 = 4]
(क) यह लोग कहाँ के रहने वाले हैं?
(ख) कृपया मेरी बात सुनने की कृपा करें?
(ग) हमने उन्हें आज भोजन पर बुलाए हैं।
(घ) शिक्षक ने उसकी खूब प्रशंसा करी।
उत्तर:
(क) ये लोग कहाँ के रहने वाले हैं?
(ख) मेरी बात सुनने की कृपा करें।
(ग) हमने आज उन्हें भोजन पर बुलाया है।
(घ) शिक्षक ने उसकी बहुत प्रशंसा की।
प्रश्न 7.
निम्नलिखित मुहावरों का वाक्य में इस प्रकार प्रयोग कीजिए कि उनका अर्थ स्पष्ट हो जाए : [2]
छक्के छुड़ाना, आँखें खुल जाना
उत्तर:
मुहावरों का वाक्यों में प्रयोग-
छक्के छुड़ाना–भारतीय सेना ने युद्ध में पाकिस्तानी सेना के छक्के छुड़ा दिए । आँखें खुल जाना—जब तुम्हारा सारा धन बाहर वाले लूट ले जाएंगे तो तुम्हारी स्वतः ही आँखें खुले जायेंगी।
खण्ड ‘ग’
प्रश्न 8.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए : [2 + 2 + 1 = 5]
(क) ख्यूक्रिन कौन था? उसने मुआवजा पाने की क्या दलील दी?**
(ख) ‘गिन्नी का सोना पाठ में शुद्ध आदर्श की तुलना सोने से और व्यावहारिकता की तुलना ताँबे से क्यों की गई।
(ग) सआदत अली को अवध के तख्त पर बिठाने के पीछे कर्नल का क्या उद्देश्य था?
उत्तर:
(ख) महात्मा गांधी ने शुद्ध आदर्श की तुलना सोने से और व्यावहारिकता की तुलना ताँबे से इसलिए की है क्योंकि शुद्ध आदर्श में कभी कोई खोट नहीं होता। वह खरे सोने के समान होता है। व्यावहारिकता ताँबे के समान होती है। उसे आभूषण बनाने के लिए सोने में मिलाया जाता है। इसी प्रकार आदर्श को व्यावहारिक बनाने के लिए कभी-कभी कुछ समझौते करने पड़ते हैं।
(ग) सआदत अली कर्नल का दोस्त था। कर्नल ने उसे अपनी स्वार्थ सिद्धि के लिए अवध के तख्त पर बिठाने का षड्यंत्र रचा। सआदत अली ऐश पसंद व्यक्ति था। यही कारण था कि उसने आधी जायदाद और दस लाख रुपये कर्नल को दे दिए। कर्नल ने उसे अवध के तख्त पर बिठा दिया। वे दोनों मजे करने लगे। सआदत अली अंग्रेजों का दोस्त बन गया था, जिसे बाद में अंग्रेजों ने गद्दी से उतार कर अवध पर कब्जा कर लिया।
प्रश्न 9.
“अब कहाँ दूसरे के दुःख से दुःखी होने वाले पाठ में बढ़ती हुई आबादी का पर्यावरण पर क्या कुप्रभाव बताया गया है? अपने शब्दों में विस्तार से लिखिए।
उत्तर:
इस पाठ में पर्यावरण के असंतुलन पर प्रकाश डाला गया है। बढ़ती आबादी ने पर्यावरण पर निम्नलिखित रूप से कुप्रभाव डाला है-
इसने समुद्र को सिकोड़कर रख दिया है। कहने का तात्पर्य यह है कि समुद्र को धीरे-धीरे पाट-पाट कर जमीन बनाते जा रहे हैं। बढ़ती आबादी को रहने के लिए भूमि जमीन की आवश्यकता बढ़ती जा रही है।
इसने पर्यावरण को प्रदूषित कर दिया है। इसने पर्यावरण के संतुलन को बिगाड़कर रख दिया है। अब मौसम अनिश्चित हो गया है और तापमान में वृद्धि होती जा रही है। ग्रीष्म ऋतु का समय बहुत बढ़ गया है, जबकि शरद ऋतु नाममात्र की रह गई है। आर्कटिक व अन्टार्कटिका ग्लेशियर भी पिघलने लगे हैं।
अब प्राकृतिक आपदाएँ अधिक भयंकर रूप में आने लगी हैं।
प्रश्न 10.
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए : [2 + 2 + 1 = 5]
अकसर हम या तो गुजरे हुए दिनों की खट्टी-मीठी यादों में उलझे रहते हैं या भविष्य के रंगीन सपने देखते हैं। हम या तो भूतकाल में रहते हैं या भविष्यकाल । असल में दोनों काल मिथ्या हैं। एक चला गया है, दूसरा आया नहीं है। हमारे सामने जो वर्तमान क्षण है, वही सत्य है। उसी में जीना चाहिए।
(क) गद्यांश में लेखक ने किन बातों में उलझे रहने की बात कही है?
(ख) शिये स्पष्ट कीजिए : “असल में दोनों काल मिथ्या हैं ।
(ग) लेखक ने सत्य किसे कहा है और क्यों?
उत्तर:
(क) लेखक ने बीते हुए समय की खट्टी-मीटी यादों में उलझे रहने की बात की है। हम उन बातों को याद करते हैं अथवा भविष्य के रंगीन सपने देखते रहते हैं।
(ख) असल में दोनों काल भूतकाल और भविष्यकाल” मिथ्या हैं। भूतकाल बीत गया और भविष्यकाल आया ही नहीं। अतः दोनों ही कालों में रहना व्यर्थ है। हमें वर्तमान में
जीना चाहिए।
(ग) लेखक ने वर्तमान क्षण को सत्य कहा है क्योंकि हम उसी वर्तमान में जी रहे हैं। जो सामने है, वही सत्य है।
प्रश्न 11.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए : [2 + 2 + 1 = 5]
(क) बिहारी ने जगत को तपोवन क्यों कहा है और इससे क्या संदेश देना चाहा हैं?
(ख) ‘मधुर मधुर मेरे दीपक जल’ में कवयित्री के दीपक से ज्वाला-कण कौन माँग रहे हैं और क्यों?**
(ग) ‘आत्मत्राण’ कविता में कवि किससे और क्या प्रार्थना करता है?
उत्तर:
(क) बिहारी ने ग्रीष्म ऋतु का वर्णन करते हुए जगत को तपोवन कहा है क्योंकि गर्मी में जगत भी तपोवन के समान भीषण अग्नि में जल रहा है। तपोवन पवित्र स्थान होता है, वहाँ न कोई शत्रुता का भाव होता है और न कोई बैरी होता है। गर्मी के कारण परस्पर बैरभाव रखने वाले जीव भी एक ही वृक्ष की छाया में आ जाते हैं। । ‘आत्मत्राण’ कविता में कवि यह नहीं चाहता है कि ईश्वर इसे दिन-प्रतिदिन विपदाओं से बचाए। वह तो ईश्वर से यह प्रार्थना करता है कि वह उसे इतनी शक्ति दे कि वह इन विपदाओं से भयभीत न हो और जीवन में आने वाले दुखों पर विजय प्राप्त कर सके। उसे कोई सहायक भले ही न मिले, पर उसका बल-पौरुष न हिले। कवि अपने मन की दृढ़ता की कामना करता है तथा ईश्वर से केवल कष्ट सहने की शक्ति चाहता है।
प्रश्न 12.
‘कर चले हम फिदा’ कविता में किस प्रकार की मृत्यु को अच्छा कहा गया है और क्यों? इससे कवि क्या संदेश देना चाहता है?
उत्तर:
“कर चले हम फिदा’ कविता में कवि ने देश की खातिर होने वाली मृत्यु को अच्छा बताया है। उसका कहना है कि देश पर मर-मिटने का अवसर बार-बार नहीं मिलता।
शायर कैफी आज़मी इस कविता के माध्यम से संदेश देते हैं। कि जीने के मौसम तो बहुत आते हैं, पर देश पर अपनी जान कुर्बान करने का मौका बड़ी मुश्किल से मिलता है। अवसर मिलने पर हमें इस प्रकार के मौके को नँवाना नहीं चाहिए। देश का मान-सम्मान सर्वोपरि है। इसकी रक्षा में अपने प्राण तक न्योछावर करने को तत्पर रहना चाहिए। हमें सैनिकों के जीवन बलिदान करने के जज्बे का सम्मान करना चाहिए।
प्रश्न 13.
जीवन मूल्यों के आधार पर इफ्फन और टोपी शुक्ला के संबंधों की समीक्षा कीजिए। [5]
उत्तर:
इफ्फन और टोपी शुक्ला दो भिन्न-भिन्न धर्मों को मानने वाले हैं। इफ्फन मुसलमान है तो टोपी शुक्ला पक्का हिंदू है। धार्मिक भिन्नता होते भी दोनों में प्रगाढ़ मित्रता है। टोपी इफ्फन को बहुत चाहता है। उसके पिता का तबादला होने पर वह दुःखी होता है। वह इफ्फन की दादी को प्यार करता है तथा दादी भी उसे बहुत प्यार करती है। दोनों के सम्बन्ध मानवीय धरातल पर हैं। इनके बीच में धर्म की दीवार नहीं है। यही हमारी सामाजिक संस्कृति की प्रमुख विशेषता है। हमें सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए। मानवीय प्रेम सर्वोपरि है। धर्म को इसमें बाधक नहीं बनना चाहिए।
खण्ड “घ”
प्रश्न 14.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर दिए गए संकेत-बिंदुओं के आधार पर लगभग 80-100 शब्दों में एक अनुच्छेद लिखिए : [5]
(क) देशाटन
• क्या और क्यों
• शैक्षिक महत्त्व
• साधन और सुविधा
(ख) विज्ञान के आधुनिक चमत्कार
• मानव जीवन और विज्ञान
• आधुनिक आविष्कार
• लाभ-हानि
(ग) शारीरिक श्रम
• श्रम और मानव जीवन
• लाभ
• सुझाव
उत्तर:
(क) देशाटन
“देशाटन देश को भ्रमण करना है। जब हम देश का भ्रमण करके वहाँ की स्थिति को, वहाँ के उद्योगों को, बाजार को, नदियों अथवा समुद्र को, वहाँ के वातावरण को अपनी आँखों से देखते हैं तब इसे देशाटन कहा जाता है। देशाटन की उपयोगिता सर्वविदित है। इससे हमारा ज्ञान बढ़ता है, अनुभव से संसार का दायरा विस्तृत होता है तथा मनोरंजन होता है। देशाटन करके हम दुनिया की हर चीज को खुली आँखों से प्रत्यक्ष देखते हैं। किताबों के पढ़ने मात्र से हमारा ज्ञान अधूरा रह जाता है। इसके लिए विभिन्न साधन अपनाने होते हैं। हम हवाई यात्रा, रेल यात्रा, बस यात्रा, निजी वाहन को प्रयोग कर सकते हैं और पहाड़ों पर चढ़ने के लिए पैदल चलकर भी यात्रा कर सकते हैं। देशाटन को उस देश की सरकार को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। आजकल की सरकारे इसे बढ़ावा भी दे रही हैं। अलग से पर्यटन मंत्रालय बनाया गया है,
पर अभी कई तरह की सुविधाओं का अभाव है। पर्यटन | पर आये यात्रियों को अधिक सुविधाएँ प्रदान की जानी चाहिए।
(ख) विज्ञान के आधुनिक चमत्कार
वर्तमान समय विज्ञान का है। विज्ञान ने हमें अनेक चमत्कारी वस्तुएँ प्रदान की हैं। विज्ञान के आधुनिक चमत्कार हैं-कम्प्यूटर, इंटरनेट और स्मार्ट मोबाइल फोन। इसके अलावा यातायात, चिकित्सा शिक्षा, जनसंचार, मुद्रण आदि क्षेत्रों में विज्ञान के चमत्कारों / आविष्कारों ने हमारा जीवन बहुत सुखद एवं सुविधाजनक बना दिया है। जब से कम्प्यूटर के साथ इंटरनेट को जोड़ दिया गया है, तब से विज्ञान के और नये-नये आविष्कारों में क्रांति सी आ गयी है। किस जगह पर कहाँ और क्या हो रहा है, हमें तुरन्त खबर मिल जाती है। आने वाले 8.10 दिनों में मौसम कैसा रहेगा, उसका पूर्वानुमान लगा लिया जाता है। घर बैठे सारी सूचनाएँ उपलब्ध हो जाती हैं। सारे बिल घर बैठे जमा हो जाते हैं बैंकिंग का काम हो जाता है, हवाई, रेल अथवा बस की टिकट बुक हो जाती है। 5 मिनट के अन्दर टैक्सी सर्विस आपके घर पर मुहैया हो जाती है। मोबाइल फोन भी एक वरदान है। हम सभी के साथ चौबीस घंटे संपर्क में रहते हैं। फेसबुक और व्हाट्सएप सोशल मीडिया के जरिये हम जाने-अनजाने सभी व्यक्तियों से विचारों का आदान-प्रदान कर सकते हैं। यह फोन कैमरे और घड़ी का भी काम करता है। अब तो फोन पर भी इंटरनेट सुविधा उपलब्ध है।
(ग) शारीरिक श्रम
श्रम संसार में सफलता दिलाने का सर्वाधिक महत्वपूर्ण साधन है। श्रम करके ही हम जीवन की इच्छा-आकांक्षाओं की पूर्ति कर सकते हैं। यह संसार कर्मक्षेत्र है। यहाँ कर्म करके ही सफलता पाई जा सकती है। काम में सफलता तभी मिलती है जब हमें ईमानदारी से परिश्रम/मेहनत करते हैं। श्रम से जीवन को गति मिलती है। यदि हम मेहनत नहीं करना चाहते, दूसरे शब्दों में यदि हम श्रम की उपेक्षा करते हैं तो हमारे जीवन में एक ठहराव आने लगता है। हमारे सामने चींटी का उदाहरण है। चींटी को श्रमजीवी कहा गया है। वह श्रम करके एक-एक दाना जमा करती है ताकि वर्षाकाल में उसे भोजन को अभाव न हो। हम भी श्रम करके भावी कठिनाइयों और शारीरिक बीमारियों से जूझने की हिम्मत जुटा सकते हैं। श्रम न करने वाले लोग भाग्यवादी होते हैं, वास्तव में वे आलसी होते हैं। श्रम करने से कतराते हैं। उन्हें यह बात भली-भांति समझ लेनी चाहिए कि जीवन में श्रम के बलबूते पर ही सफलता पायी जा सकती है।
प्रश्न 15.
यात्रा करते समय मेट्रो में छूट गए अपने बैग और मोबाइल को मेट्रो कर्मचारी द्वारा आपको वापस भेज दिए जाने पर उसकी ईमानदारी की प्रशंसा करते हुए प्रबंधक को एक पत्र लिखिए। [5]
उत्तर:
सेवा में,
प्रबंधक
दिल्ली मेट्रो, नई दिल्ली
दिनांक : 25 जनवरी, 20XX
विषयः मेट्रो में छूटे सामान का वापस मिलना।
महोदय,
कल दिनांक 24 जनवरी, 20XX को मैंने द्वारका सेक्टर-9 से राजीव चौक तक की यात्रा मेट्रो से की थी। जल्दबाजी में उतरते समय मेरा बैग मेट्रो में ही छूट गया। मुझे अपने आफिस पहुँचकर अपनी गलती का पता चला।
मेरे सुखद आश्चर्य की सीमा न रही जब मेट्रो के एक कर्मचारी श्री दीपक सिन्हा ने मुझे फोन पर बुलाया कि मेरा बैग राजीव चौक मेट्रो के आफिस में है और मैं अपना सामान ले जा सकता हूँ। उनको व्यवहार बहुत सुखद और प्रशंसनीय है। मैं उनके प्रति कृतज्ञ हूँ क्योंकि मेरे बैग में मेरे आफिस के कई कागजात आदि रखे थे। मैं चाहता हूँ कि ऐसे ईमानदार श्री दीपक सिन्हा को प्रमाण पत्र सहित सम्मानित करना चाहिए जिससे कि दूसरे कर्मचारी भी ईमानदारी का पाठ सीख सकें।
सधन्यवाद
भवदीय
(नाम, पता व फोन नं.)
प्रश्न 16.
विद्यालय के वार्षिकोत्सव की सूचना साहित्यिक क्लब की ‘प्राचीर’ पत्रिका के लिए लगभग 30 शब्दों में लिखिए। [5]
उत्तर :
वार्षिकोत्सव सूचना
राजकीय प्रतिभा विद्यालय
दिनांक : 20 अप्रैल 20xx
प्राचीर साहित्यिक क्लब की ओर से सभी विद्यार्थियों को सूचित किया जाता है कि हमारे विद्यालय का वार्षिक उत्सव 10 मई, 20xx को मनाया जाएगा। इसमें भाग लेने के इच्छुक सभी छात्र व छात्राएं क्लब के कार्यालय अथवा अपने कक्षा अध्यापक को 30 अप्रैल 2018 तक अपना नाम लिखवायें । संयोजक : वर्षा मेहता
प्रश्न 17.
बढ़ती महँगाई के संबंध में मित्र से हुए वार्तालाप को संवाद के रूप में लगभग 50 शब्दों में लिखिए। [5]
उत्तर:
वार्तालाप-संवाद
गौरव – अरे भाई शाश्वत, यह महँगाई तो हमें मार डालेगी। शाश्वत – ठीक कहते हो गौरव, लेकिन हम क्या करें, कुछ समझ में नहीं आता।
गौरव – सच में, हम क्या कर सकते हैं, करेगी तो सरकार। और वह कुछ कर नहीं रही।
शाश्वत – सरकार तो स्वयं महँगाई बढ़ाने पर तुली है।
गौरव – वह कैसे? शाश्वत – सरकार ने खाने-पीने की हरेक चीज, पेट्रोल व डीजल की कीमतें स्वयं बढ़ाई हैं, तो वह दूसरी इंडस्ट्री से निकले सामानों की कीमतों पर रोक कैसे लगा सकती है?
गौरव – सरकार को इस देश में रहने वाले 90% मध्यम वर्गीय और गरीबों की कोई चिंता नहीं है।
शाश्वत – पर वह दावा तो गरीबों की रक्षा का करती है।
गौरव – हम होस्टल में रहने वाले छात्र भी महँगाई की चक्की में बुरी तरह पिस रहे हैं। हमारे माता-पिता की सीमित आय है और वे अब ज्यादा पैसे खर्च करने में असमर्थ हैं।
शाश्वत – बिल्कुल सच कहते हो भाई । महँगाई की मार तो हमें ही झेलनी पड़ती है, नेताओं को कोई फर्क नहीं पड़ता।
प्रश्न 18.
अपने पुराने घरेलू फर्नीचर को बेचने के लिए एक विज्ञापन तैयार कीजिए।
उत्तर:
फर्नीचर बेचने के लिए विज्ञापन
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CBSE Previous Year Question Papers Class 10 Hindi B 2016 Delhi Term 2 Set-II
निर्धारित समय :3 घण्टे
अधिकतम अंक : 90
प्रश्न 4.
निर्देशानुसार उत्तर दीजिए : [1 × 3 = 3]
(i) जब-जब प्राकृतिक आपदा आती है, लोग दिल खोलकर सहायता करते हैं। (रचना के आधार पर वाक्ये भेद बताइए)
(ii) शिक्षक के आते ही वहाँ सन्नाटा छा गया। (संयुक्त वाक्य में बदलिए)।
(iii) लाल कमीज पहनकर आने वाला व्यक्ति मेरा पड़ोसी है। (मिश्र वाक्य में बदलिए)
उत्तर:
(i) मिश्र वाक्य
(ii) संयुक्त वाक्य-शिक्षक आए और वहाँ सन्नाटा छा गया।
(iii) मिश्र वाक्य-जो लाल कमीज पहनकर आया, वह व्यक्ति मेरा पड़ोसी है।
प्रश्न 5.
(क) निम्नलिखित का विग्रह करके समास का नाम लिखिए : [1 + 1 = 2]
कर्मफल, हिसाब-किताब
(ख) निम्नलिखित का समस्त पद बनाकर समास का नाम लिखिए : [1 + 1 = 2]
मिट्टी जैसा मैला, हाथ से बनाया हुआ |
उत्तर:
(क) कर्मफल-कर्मों का फल = तत्पुरुष समास
हिसाब-किताब-हिसाब और किताब = द्वंद्व समास
(ख) मिट्टी जैसा मैला-मटमैला = कर्मधारय समास
हाथ से बनाया हुआ-हस्तनिर्मित = तत्पुरुष समास
प्रश्न 6.
निम्नलिखित वाक्यों को शुद्ध रूप में लिखिए : [1 × 4 = 4]
(क) फलों का रस मेरे को नहीं पीना।
(ख) कृपया आप यहाँ से जाने की कृपा करें।
(ग) हमारे घर में आज बहुत सा मेहमान आया है।
(घ) उसे बैंक से रुपए निकालने चाहिए ।
उत्तर:
(क) मुझे फलों का रस नहीं पीना।
(ख) कृपया आप यहाँ से जाएँ।
(ग) हमारे घर में आज बहुत मेहमान आए हैं।
(घ) उसे बैंक से रुपये निकालने चाहिए।
प्रश्न 7.
निम्नलिखित मुहावरों का वाक्य में इस प्रकार प्रयोग कीजिए कि उनका अर्थ स्पष्ट हो जाए : [1 + 1 = 2]
सिर मारना, मुट्ठी गरम करना।
उत्तर:
मुहावरों का वाक्य प्रयोग
सिर मारना–बहुत प्रयत्न करना-अस्पताल में पत्नी के इलाज के लिए, रमेश पैसों के इन्तजाम के लिए जगह-जगह सिर मारता फिर रहा है।
मुट्ठी गरम करना-रिश्वत देना-आजकल सरकारी कार्यालयों में अफसरों व क्लर्को की मुट्ठी गरम किए बगैर कोई काम नहीं होता।
खण्ड ‘ग’
प्रश्न 9.
‘गिरगिट’ कहानी के इस शीर्षक के औचित्य पर अपने विचार विस्तार से व्यक्त कीजिए।* *[5]
प्रश्न 12.
‘मनुष्यता’ कविता में कवि ने किन महान व्यक्तियों का उदाहरण दिया है और उनके माध्यम से क्या संदेश देना चाहा है? [5]
उत्तर:
कवि “मैथिलीशरण गुप्त ने दधीचि, कर्ण, रंतिदेव, उशीनर-पुत्र शिबि आदि महान व्यक्तियों के उदाहरण देकर मनुष्यता के लिए यह संदेश दिया है कि परोपकार के लिए अपना सर्वस्व बलिदान कर देना चाहिए। इन लोगों ने समाज के लिए अपने शरीर तक का त्याग कर दिया और उन्होंने यह काम खुशी-खुशी किया। भूख से व्याकुल रंतिदेव ने अपना भोजन दूसरे को देकर उसकी भूख मिटाई, ऋषि दधीचि ने वृत्रासुर के आतंक से मुक्ति दिलाने के लिए अपनी अस्थियाँ तक दान में दे दीं, उशीनर-पुत्र राजा शिबि ने कबूतर की प्राण-रक्षा हेतु अपने शरीर का माँस काटकर दे दिया तथा कर्ण ने अपने जीवन-रक्षक कवच-कुंडल तक दान में दे डाले। उनके इन कार्यों से मनुष्यता की रक्षा हो सकी। वे कार्य हमें परोपकार करने का संदेश देते हैं।
खण्ड “घ”
प्रश्न 15.
बस में यात्रा करते हुए आपका एक बैग छूट गया था जिसमें जरूरी कागज और रुपये थे। उसे बस कंडक्टर ने आपके घर आकर लौटा दिया। उसकी प्रशंसा करते हुए परिवहन निगम के अध्यक्ष को पत्र लिखिए।
उत्तर:
सेवा में,
अध्यक्ष,
पंजाब राज्य परिवहन निगम,
अम्बाला।
दिनांक : 25 फरवरी, 20XX
विषय-बस में छूटे बैग का वापस मिलना। महोदय, कल दिनांक 24 फरवरी 20XX को मैंने दिल्ली में कार्य समाप्ति पर अम्बाला के लिए दिल्ली बस स्टैण्ड से वातानुकूलित (एयर कंडीशनिंग) बस पकड़ी थी। सफर पूर्ण होने पर मैं बस से उतर कर अम्बाला चला गया। मेरे सुखद आश्चर्य की तब सीमा नहीं रही जब दो घंटे पश्चात बस के कंडक्टर श्री रामनाथ चौधरी मेरे घर का पता पूछते हुए मेरे बैग के साथ मेरे घर पहुँच गये। तब मुझे अहसास हुआ कि बस से उतरते हुए मैं अपना बैग बस में भूल गया था, जिसमें कई जरूरी कागज, कुछ रुपये और भारत सरकार द्वारा जारी आधार कार्ड था। उसी पर मेरे घर का पता लिखा हुआ था। मुझे कंडक्टर का व्यवहार बहुत सराहनीय और प्रशंसनीय लगा। मैं उसकी ईमानदारी के प्रति कृतज्ञ हूँ। मैं चाहता हूँ कि इस तरह के ईमानदारे कर्मचारियों को पुरस्कृत किया जाना चाहिए, जिससे दूसरे कर्मचारी भी ईमानदारी का पाठ सीख सकें। सधन्यवाद और श्री रामनाथ चौधरी का पुनःआभार।
भवदीय
(नाम, पता, फोन नम्बर)
(दिनांक 28 जनवरी 20XX)
CBSE Previous Year Question Papers Class 10 Hindi B 2016 Delhi Term 2 Set-III
निर्धारित समय :3 घण्टे
अधिकतम अंक : 90
खण्ड ‘ख’।
प्रश्न 4.
निर्देशानुसार उत्तर दीजिए : [1 × 3 = 3]
(i) जब-जब वह यहाँ आता है तो पढ़ाई के बारे में चर्चा करता है। (रचना के आधार पर वाक्य भेद बताइए)
(ii) घनघोर वर्षा के कारण वहाँ के सभी रास्ते बंद हो गए। (संयुक्त वाक्य में बदलिए)
(iii) आजकल मैं घर के सभी काम करता हूँ और समय पर कार्यालय जाता हूँ। (सरल वाक्य में बदलिये)
उत्तर:
(i) संयुक्त वाक्य
(ii) संयुक्त वाक्य-घनघोर वर्षा हुई और वहाँ के सभी रास्ते बंद हो गए।
(iii) सरल वाक्य-आजकल मैं घर के सभी काम करके समय पर कार्यालय जाता हूँ।
प्रश्न 5.
(क) निम्नलिखित का विग्रह करके समास का नाम लिखिए : पत्रव्यवहार, शुभदर्शन [1 + 1 = 2]
(ख) निम्नलिखित का समस्त पद बनाकर समास का नाम लिखिए :
अग्नि की ज्वाला, सेवा और सुश्रूषा [1 + 1 = 2]
उत्तर:
(क) पत्रव्यवहार-पत्र से व्यवहार-तत्पुरुष समास
शुभदर्शन-शुभ है दर्शन जिसके-बहुव्रीहि समास
(ख) अग्नि की ज्वाला अग्नि ज्वाला-तत्पुरुष समास
सेवा और सुश्रूषा-सेवा-सुश्रूषा-द्वंद्व समास
प्रश्न 6.
निम्नलिखित वाक्यों को शुद्ध रूप में लिखिए : [1 × 4 = 4]
(क) उसे गरम गाय का दूध पसंद है।
(ख) मैंने परीक्षा फीस जमा कर दिया।
(ग) तुम्हारे चेहरे पर आज उदासिता क्यों हैं?
(घ) मेरे को पिताजी ने बुलाया था।
उत्तर:
(क) उसे गाय का गरम दूध पसंद है।
(ख) मैंने परीक्षा फीस जमा कर दी है।
(ग) तुम्हारा चेहरा आज उदास क्यों है?
(घ) मुझे पिताजी ने बुलाया था।
प्रश्न 7.
निम्नलिखित मुहावरों का वाक्य में इस प्रकार प्रयोग कीजिए कि उनका अर्थ स्पष्ट हो जाए : [1 + 1 = 2]
खाक छानना, आँखों पर बिठाना।
उत्तर:
खाक छानना-भटकते फिरना-मन की शांति के लिए श्याम ने मंदिरों की खाक छान डाली।
आँखों पर बिठाना–आदर-सत्कार करना हमारे बेटे की शादी में हमारे परिवारीजनों ने सभी बारातियों को आँखों पर बिठाया।
खण्ड-‘ग’
प्रश्न 9.
“अब कहाँ दूसरे के दुःख से दुःखी होने वाले पाठ के आधार पर ‘ लिखिए कि प्रकृति में असंतुलन क्यों हो रहा है? इसके परिणाम क्या हैं ?
उत्तर:
मनुष्य ने अपनी बुद्धि के बल पर अन्य प्राणियों का अधिकार छीन लिया है। इससे प्रकृति में असंतुलन आ गया। प्रकृति में आए असंतुलन का यह परिणाम हुआ कि पक्षियों ने बस्तियों में जाना बन्द कर दिया। अब गर्मी का मौसम ज्यादा लम्बा हो गया है और तापमान में बहुत बढ़ोत्तरी होती जा रही है। मौसम का चक्र बिगड़ गया है। बेवक्त बरसात होने लगी है। भूकंप, बाढ़, तूफान जैसी प्राकृतिक आपदाएँ आने लगी हैं। नित्य नये रोग पनपने लगे हैं। प्रदूषण दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है।
इस असंतुलन से मौसमों का आना-जाना अनिश्चित हो गया है। अब गर्मी में ज्यादा गर्मी पड़ने लगी है, वर्षा कभी समय पर नहीं होती, कभी बहुत कम होती है, कभी बहुत ज्यादा होती है और बाढ़ ला देती है। प्रकृति में आए असंतुलन के कारण नए-नए रोगों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है।
प्रश्न 12.
“कर चले हम फिदा” गीत किस पृष्ठभूमि में लिखा गया? गीत का प्रतिपाद्य अपने शब्दों में लिखिए। [5]
उत्तर:
‘कर चले हम फिदा’ गीत की एक ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है। सन् 1962 में भारत पर चीन का आक्रमण हुआ था। उस युद्ध में अनेक भारतीय सैनिकों ने सीमा पर लड़ते-लड़ते अपने प्राण देकर भारत के सम्मान की रक्षा की थी। इसी युद्ध की पृष्ठभूमि पर हकीकत’ फिल्म बनी थी। यह गीत कैफी आजमी ने लिखा था और भारतीय सैनिकों के लिए उत्साह बढ़ाने वाला गीत बन गया। इस कविता में देशभक्ति की भावना को प्रतिपादित किया गया है। इस गीत को पढ़कर हमें अपने देश के सैनिकों पर गर्व होता है। इन सैनिकों ने अत्यन्त विषम परिस्थितियों को सामना करते हुए देश की रक्षा हेतु अपना अमर बलिदान दिया। देश की धरती अत्यन्त पवित्र है। हम सभी को मिलकर इस देश की रक्षा करनी है।
CBSE Previous Year Question Papers
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