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CBSE Class 9 Hindi A व्याकरण समास

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CBSE Class 9 Hindi A व्याकरण समास

परिचय :

समास के माध्यम से भी नए शब्दों की रचना की जाती है। समास का अर्थ है-संक्षेपीकरण। इसके अंतर्गत दो या दो से अधिक पदों को मिलाकर विभिन्न तरीकों से एक नए शब्द की रचना की जाती है। इस क्रम में शब्दों की विभक्तियों, योजक शब्दों आदि को हटाकर बचे शब्दों को पास-पास लाया जाता है। इसी प्रक्रिया को समास कहा जाता है।

परिभाषा :

दो या दो से अधिक शब्दों को निकट लाने से नए शब्दों की रचना को समास कहते हैं।
उदाहरण –

तुलसी के द्वारा लिखा गया = तुलसीकृत
पानी में डूबा हुआ = जलमग्न
राह के लिए खर्च = राहखर्च
चार आनन का समूह = चतुरानन
लंबा उदर है जिसका अर्थात गणेश जी = लंबोदर

पूर्व एवं उत्तर पद – समास रचना में दो पद होते हैं। इनमें से पहले पद को पूर्वपद एवं बाद वाले पद को उत्तर पद कहते हैं।
समस्त पन्द्र – समास प्रक्रिया में बने नए शब्द को समस्त पद कहते हैं। यह पूर्वपद एवं उत्तर पद का मेल होता है।
इन्हें निम्नलिखित द्वारा समझा जा सकता है –
CBSE Class 9 Hindi A व्याकरण समास - 1
समास विग्रह – समस्त पद के पदों को पहले जैसी दशा में लाना समास-विग्रह कहलाता है। जैसे –CBSE Class 9 Hindi A व्याकरण समास - 2
समास के भद – समास के छह भेद माने जाते हैं। इनके नाम हैं –

  1. अव्ययीभाव समास
  2. तत्पुरुष समास
  3. द्वंद्व समास
  4. कर्मधारय समास
  5. द्विगु समास
  6. बहुव्रीहि समास

1. अव्ययीभाव समास जिस समास में पहला पद प्रधान और दूसरा गौण होता है, उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं। इस समास में पूर्वपद अव्यय तथा उत्तर पद संज्ञा या विशेषण होता है। इससे समस्तपद अव्यय का काम करता है।
जैसे –
आ (अव्यय) + जीवन (संज्ञा) = आजीवन
प्रति (अव्यय) + एक (विशेषण) = प्रत्येक

अन्य उदाहरण –
CBSE Class 9 Hindi A व्याकरण समास - 3
CBSE Class 9 Hindi A व्याकरण समास - 4

2. तत्पुरुष समास :

जिस समास का उत्तर पद प्रधान तथा पूर्वपद गौण होता है, उसे तत्पुरुष समास कहते हैं।
जैसे –
मोक्षप्राप्त – मोक्ष को प्राप्त
बिहारी रचित – बिहारी द्वारा रचित
रणभूमि – रण की भूमि
अध्ययनरत – अध्ययन में रत (लीन)

( क ) कर्म तत्पुरुष-जिस समास के पूर्व पद में कर्म कारक के विभक्ति चिह्न ‘को’ का लोप हो, उसे ‘कर्म तत्पुरुष’ कहते हैं; जैसे –CBSE Class 9 Hindi A व्याकरण समास - 5
CBSE Class 9 Hindi A व्याकरण समास - 6

(ख) करण तत्पुरुष-जिस समास के पूर्व पद में करण कारक के विभक्ति चिह्न ‘से, के द्वारा’ का लोप हो उसे करण तत्पुरुष कहते हैं; जैसे –CBSE Class 9 Hindi A व्याकरण समास - 7
CBSE Class 9 Hindi A व्याकरण समास - 8
(ग) संप्रदान तत्पुरुष-जिस समास के पूर्व पद में संप्रदान कारक विभक्ति चिह्न ‘को’ ‘के लिए’ का लोप होता है, उसे संप्रदान तत्पुरुष कहते हैं; जैसे –
CBSE Class 9 Hindi A व्याकरण समास - 9
CBSE Class 9 Hindi A व्याकरण समास - 10

(घ) अपादान तत्पुरुष- जिस समास के पूर्व पद में अपादान कारक के विभक्ति चिह्न ‘से अलग’ का लोप होता है उसे अपादान तत्पुरुष समास कहते हैं; जैसे –
CBSE Class 9 Hindi A व्याकरण समास - 11
CBSE Class 9 Hindi A व्याकरण समास - 12
(ङ) संबंध तत्पुरुष-जिस समास के पूर्व पद में संबंध कारक के विभक्ति चिह्न ‘का’, ‘की’, ‘के’, ‘रा’, ‘री’, ‘रे’ का लोप होता है, उसे संबंध तत्पुरुष कहते हैं; जैसे –
CBSE Class 9 Hindi A व्याकरण समास - 13
CBSE Class 9 Hindi A व्याकरण समास - 14
(च) अधिकरण तत्पुरुष-जिस समास में अधिकरण कारक के विभक्ति-चिह्न ‘में’, ‘पर’ का लोप हो, उसे अधिकरण तत्पुरुष समास कहते हैं; जैसे –
CBSE Class 9 Hindi A व्याकरण समास - 15
CBSE Class 9 Hindi A व्याकरण समास - 16
3. वंद्व समास :

जिस समास में न पूर्व पद प्रधान होता है और न उत्तर पद, बल्कि दोनों ही पद समान होते हैं, उसे दवंदव समास कहते हैं। इस समास में दो शब्दों के निकट आ जाने से उनको मिलाने वाले ‘और’ या अन्य समुच्चयबोधक अव्ययों का लोप हो जाता है, जैसे –
CBSE Class 9 Hindi A व्याकरण समास - 17
CBSE Class 9 Hindi A व्याकरण समास - 18

4. कर्मधारय समास

जिस समास में एक पद उपमेय अथवा विशेषण और विशेष्य हो, उसे कर्मधारय समास कहते हैं।

(क) विशेषण-विशेष्य
CBSE Class 9 Hindi A व्याकरण समास - 19
CBSE Class 9 Hindi A व्याकरण समास - 20
(ख) उपमेय-उपमान
CBSE Class 9 Hindi A व्याकरण समास - 21
CBSE Class 9 Hindi A व्याकरण समास - 22

5. द्विगु समास :

जिस समस्त पद का पहला पद संख्यावाचक होता है उसे द्विगु समास कहते हैं; जैसे –
CBSE Class 9 Hindi A व्याकरण समास - 23
CBSE Class 9 Hindi A व्याकरण समास - 24

6. बहुव्रीहि समास :

जिस समास में न पूर्वपद प्रधान होता है न उत्तरपद, बल्कि अन्य पद की ओर संकेत करते हैं, उसे बहुव्रीहि समास कहते हैं। जैसे-पंकज समस्त पद का विग्रह हुआ – पंक + ज। अर्थात् – पंक (कीचड़) में जन्म लेता है जो। पंक में मछली, घोंघा, सीप, कीड़े-मकोड़े घास आदि-आदि पैदा होते हैं परंतु यहाँ पंकज ‘कमल’ के अर्थ का बोध कराता है। यह ‘कमल’ प्रधान होने के कारण यहाँ बहुव्रीहि समास है।

अन्य उदाहरण –
CBSE Class 9 Hindi A व्याकरण समास - 25
CBSE Class 9 Hindi A व्याकरण समास - 26

अभ्यास-प्रश्न

1. नीचे दिए गए समस्त पदों का विग्रह करके समास का नाम भी लिखिए –
CBSE Class 9 Hindi A व्याकरण समास - 27
CBSE Class 9 Hindi A व्याकरण समास - 28
उत्तरः
(i) माता और पिता – वंद्व समास
(ii) पशुरूपी धन – कर्मधारय समास
(iii) बुरी है मति – कर्मधारय समास
(iv) प्रधान है अध्यापक – कर्मधारय समास
(v) चक्र को धारण करता है अर्थात् विष्णु – कर्मधारय समास
(vi) उद्योग का पति – संबंध तत्पुरुष
(vii) दो पहरों का समूह – द्विगुसमास
(viii) गण अर्थात् समूह का पति है जो अर्थात् गणेश जी – बहुव्रीहि समास
(ix) नीति में निपुण – अधिकरण तत्पुरुष
(x) जितना शीघ्र हो सके – अव्ययीभाव समास
(xi) पंक में जन्म लेता है जो अर्थात कमल – बहुव्रीहि समास
(xii) तीन लोचन है जिसके अर्थात शिव जी – बहुव्रीहि समास
(xiii) कन्यारूपी धन – कर्मधारय समास
(xiv) धन के समान श्याम – कर्मधारय समास
(xv) हाथ ही हाथ में – अव्ययीभाव समास
(xvi) नौ निधियों का समूह – द्विगु समास
(xvii) चार आनों का समूह – द्विगु समास
(xviii) कमल के समान नयन हैं जिसके अर्थात् श्रीराम – बहुव्रीहि समास
(xix) नीला है गगन – कर्मधारय समास
(xx) पाँच आवों का समूह – द्विगुण समास
(xxi) लोगों की सभा – संबंध तत्पुरुष समास
(xxii) स्वर्ग को प्राप्त – कर्म तत्पुरुष समास
(xxiii) लोक का गीत – संबंध तत्पुरुष समास
(xxiv) गीत और संगीत – वंद्व समास
(xxv) गज के समान आनन है जिसके अर्थात् गणेश जी – बहुव्रीहि समास
(xvi) हवन के लिए सामग्री – संप्रदान तत्पुरुष समास
(xvii) ज्वर से पीड़ित – करण तत्पुरुष समास
(xviii) दो पहरों का समूह – द्विगु समास
(xix) महान है जन – कर्मधारय समास
(xxx) सास सौ पदो का समूह – द्विगु समास
(xxxi) प्रत्येक गाँव में – अव्ययी भाव समास
(xxxii) चार राहों का समाहार – द्विगु समास

2. नीचे कुछ विग्रह दिए गए हैं। उनके समस्त पद बनाकर समास का नाम लिखिए।
CBSE Class 9 Hindi A व्याकरण समास - 29
उत्तरः
(i) महात्मा कर्मधारय समास
(vi) तुलसीकृत करण तत्पुरुष समास
(ii) अष्ट सिद्धि द्विगु समास
(vii) यथाशीघ्र अव्ययीभाव समास
(iii) यथाशक्ति अव्ययीभाव समास
(viii) दशानन बहुव्रीहि समास
(iv) आज्ञानुसार संबंध तत्पुरुष समास
(ix) रात-दिन वंद्व समास
(v) गुरुदक्षिणा संप्रदान तत्पुरुष समास
(x) त्रिफला . द्विगु समास

3. नीचे कुछ समास के भेद दिए गए हैं। आप उनके उदाहरण लिखकर विग्रह भी लिखिए
CBSE Class 9 Hindi A व्याकरण समास - 30
CBSE Class 9 Hindi A व्याकरण समास - 31
CBSE Class 9 Hindi A व्याकरण समास - 32

विभिन्न परीक्षाओं में पूछे गए प्रश्न

1. निम्नलिखित समस्त पदों का विग्रहकर समास का नाम लिखिए –
(i) अंशुमाली
(ii) धनहीन
(iii) दशानन
(iv) शताब्दी
(v) मृगनयनी
(vi) आजन्म
(vii) कलम-दवात
(viii) प्रतिजन
(ix) रथ यात्रा
(x) चाँद-सूरज
(xi) भवसागर
(xii) दिन-रात
(xiii) भवसागर
(xiv) रसोईघर
(xv) आजीवन
(xvi) गजानन
(xvii) गुरुदक्षिणा
(xviii) धनहीन
(xix) त्रिफला
(xx) दाल-रोटी
(xxi) गिरिधर
(xxii) पंच परमेश्वर
(xxiii) आय-व्यय
(xxiv) नील-कमल
(xxv) हार-जीत
(xxvi) रेखांकित
(xxvii) पंचतत्व
(xxviii) उद्योगपति
(xxix) दसानन
(xxx) माता-पिता
उत्तरः
(i) अंशु है माला जिसकी अर्थात् सूर्य – बहुव्रीहि समास
(ii) धन से हीन – अपादान तत्पुरुष
(iii) दस आनन हैं जिसके अर्थात् रावण – बहुव्रीहि समास
(iv) एक सौ वर्षों का समय – द्विगु समास
(v) मृग के समान नयन है जिसके अर्थात् सीता जी – बहुव्रीहि समास
(vi) जन्म से – अव्ययीभाव समास
(vii) कलम और दवात – वंद्व समास
(viii) हर एक जन – अव्ययीभाव समास
(ix) रथ की यात्रा – संबंध तत्पुरुष समास
(x) चाँद और सूरज – वंद्व समास
(xi) भवरूपी सागर – कर्मधारय समास
(xii) दिन और रात – वंद्व समास
(xiv) रसोई के लिए घर – संप्रदान तत्पुरुष समास
(xv) जीवनभर – अव्ययीभाव समास
(xvi) गज के समान आनन है जिसके अर्थात् गणेश जी – बहुव्रीहि समास
(xvii) गुरु के लिए दक्षिणा अर्थात् दान – तत्पुरुष समास
(xviii) धन से हीन – अपादान तत्पुरुष समास
(xix) तीन फलों का समूह – द्विगु समास
(xx) दाल और रोटी – वंद्व समास
(xxi) गिरि को धारण करते हैं जो अर्थात् श्रीकृष्ण – बहुव्रीहि समास
(xxii) पाँच परमेश्वरों का समूह – द्विगु समास
(xxiii) आय और व्यय – वंद्व समास
(xxiv) नीला है कमल – कर्मधारय समास
(xxv) हार और जीत – वंद्व समास
(xxvi) रेखा से अंकित – करण तत्पुरुष समास
(xxvii) पाँच तत्वों का समूह – द्विगु समास
(xxviii) उद्योग का पति – संबंध तत्पुरुष समास
(xxix) दस आनन है जिसके अर्थात् रावण – बहुव्रीहि समास
(xxx) माता और पिता – द्वंद्व समास

2. निम्नलिखित विग्रहों के लिए समस्त पद लिखिए और समास का नाम भी लिखिए –
(i) मरण तक
(ii) मन का योग
(iii) नर और नारी
(iv) अश्रुलाने वाली गैस
(v) देवता का आलय
(vi) चार मंजिल वाला
(vii) कामना पूरी करने वाली धेनु
(viii) राजा और रंक
(ix) नीला कमल
(x) राष्ट्र का पति
उत्तरः
(i) आमरण – अव्ययीभाव समास
(ii) मनोयोग – संबंध तत्पुरुष समास
(iii) नर-नारी – वंद्व समास
(iv) अश्रुगैस – कर्मधारय समास
(v) देवालय – संबंध तत्पुरुष समास
(vi) चारमंजिला – द्विगु समास
(vii) कामधेनु – कर्मधारय समास
(viii) राजा-रंक – वंद्व समास
(ix) नील कमल – कर्मधारय समास
(x) राष्ट्रपति – संबंध तत्पुरुष समास

3. निम्नलिखित समस्त पदों का विग्रह कीजिए –
(i) आना-जाना
(ii) सप्ताह
(iii) दशानन
(iv) घुड़सवार
(v) अकाल पीड़ित
(vi) त्रिभुवन
(vii) देवदूत
(viii) चतुर्भुज
(ix) नवगीत
(x) त्रिलोचन
उत्तरः
(i) आना और जाना
(ii) सात दिनों का समूह
(iii) दसआनन है जिसके अर्थात् रावण
(iv) चक्र को धारण करता है जो अर्थात् विष्णु
(v) मरण तक
(vi) तीन लोकों का समूह
(vii) देवताओं का दूत
(viii) चार भुजाएँ हैं जिसकी
(ix) नया है जो गीत
(x) तीन नेत्र है जिसके अर्थात शिव जी

4. निम्नलिखित पदों का समास भेद बताइए –
(i) पाप-पुण्य
(ii) नीलकंठ
(iii) तुलसीकृत
(iv) चक्रधर
(v) आमरण
(vi) जंतुगृह
(vii) यथारुचि
(viii) आमरण
(ix) आजीवन
(x) नीलगगन
उत्तरः
(i) द्वंद्व समास
(ii) कर्मधारय, बहुव्रीहि
(iii) करण तत्पुरुष समास
(iv) बहुव्रीहि समास
(v) अव्ययीभाव समास
(vi) संप्रदान तत्पुरुष समास
(vii) अव्ययीभाव समास
(viii) कर्मधारय समास
(ix) अव्ययीभाव समास
(x) कर्मधारय समास

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