CBSE Class 9 Hindi B लेखन कौशल चित्र-वर्णन
हिंदी साहित्य की दो प्रमुख विधाएँ हैं – (i) पद्य विधा (ii) गद्य विधा। गद्य शैली में अपने मन के भाव-विचार व्यक्त करने की अनेक विधाओं में एक है- चित्र वर्णन। मानव द्वारा अपने भाव-विचार की अभिव्यक्ति के लिए अपनाई गई विधाओं में यह प्राचीनतम विधाओं में एक है। आदिमानव, गुफा आदि की दीवार पर चित्र बनाकर ऐसा किया करता था।
किसी चित्र को देखकर हमारे मन में अनेक भाव उठते हैं। हम इस चित्र से जुड़ी नाना प्रकार की कल्पनाएँ करते हैं। इसी कल्पना शक्ति एवं अभिव्यक्ति कौशल को बढ़ावा देने तथा जाँचने-परखने के लिए इसे पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। एक ही चित्र को देखकर अलग-अलग छात्रों के मन में अलग-अलग भाव उठते हैं। अतः उनकी अभिव्यक्ति में थोड़ा-बहुत अंतर हो सकता है, पर उनका मूलभाव समान होता है। किसी चित्र को देखकर उसका लिखित वर्णन करना या लेखन करना भी एक कला है। इसमें छात्र अपने ज्ञान, बुद्धि कौशल और भाषा-कौशल का प्रयोग करते हुए विभिन्न कोणों से चित्र की परख करता है और उसे शब्दबद्ध करता है। इस लेखन में कल्पनाशीलता का रंग भरकर इसे और भी आकर्षक बनाया जाता है।
चित्र-वर्णन करते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए-
- चित्र को दो-तीन बार ध्यान से देखना चाहिए।
- चित्र के मूलभाव को समझने का प्रयास करना चाहिए।
- चित्र में समाहित कथ्य का प्रारूप तैयार करना चाहिए।
- लिखने से पूर्व विचारों को चित्र के अनुसार क्रमबद्ध कर लेना चाहिए।
- वाक्य छोटे, सरल और विषयानुकूल होने चाहिए।
- भाषा स्पष्ट, सरल, रोचक और प्रभावपूर्ण होनी चाहिए।
- चित्र-वर्णन मुख्य रूप से वर्तमान काल में करना चाहिए।
चित्र-वर्णन के कुछ उदाहरण नीचे दिए गए हैं। आइए, इन्हें ध्यानपूर्वक पढ़कर अभ्यास करते हैं।
1.
यह चित्र भक्तिकाल प्रसिद्ध कवि तुलसीदास का है। इन्होंने अमर ग्रंथ ‘रामचरितमानस’ के अलावा और भी कई ग्रंथों की रचना की। इनकी अमरकृति का मूलविषय भगवान राम की पावन लीला का गायन है। अवधी भाषा में रचित इस ग्रंथ में दोहा; चौपाई, सोरठा आदि छंदों का प्रयोग किया गया है। तुलसीकृत दोहे और चौपाइयाँ लोगों की जुबान पर सरलता से चढ़ जाती हैं।
2.
यह नई दिल्ली में खेले जा रहे अंडर-17 फुटबॉल विश्व कप के फुटबॉल मैच का एक दृश्य है। इसमें खिलाड़ियों का जोश देखते ही बन रहा है। भारतीय खिलाड़ी गेंद को लेकर आगे बढ़ रहे हैं और गोल करना चाहते हैं। अमेरिकी खिलाडी इस गोल को बचाने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं।
3.
पटरी पर पलटी रेलगाड़ी के डिब्बे क्रेन उठाती हुई कुछ डिब्बे और आसपास खड़े लोग और पुलिस यह चित्र दुर्घटनाग्रस्त रेलगाड़ी का है। रेलगाड़ी के कई डिब्बे पटरी से उतर गए हैं। कई डिब्बे इतने पिचक गए हैं कि उन्हें काटकर यात्रियों को बाहर निकालना पड़ा। पुलिस घायलों को अस्पताल पहुँचा रही है। क्रेन से डिब्बों को सीधा किया जा रहा है। आसपास खड़े लोग दुखी हैं।
4.
यह भारतीय किसान का चित्र है। किसान परिश्रम एवं सरलता की मूर्ति होता है। वह अपने कठोर परिश्रम से बंजर धरती को भी हरा-भरा बना देता है। किसान अनाज उगाकर दूसरों का पेट भरता है। उसका परिश्रमी जीवन देखकर ही हमारे पूर्व प्रधानमंत्री ने ‘जय जवान जय किसान’ का नारा दिया था।
5.
किसी भी देश में औद्योगिक इकाइयों की स्थापना देश के विकास और समृद्धि के लिए की जाती है, परंतु सावधानी न बरतने पर ये इकाइयाँ प्रदूषण फैलाने लगती हैं। चित्र में फैक्ट्रियाँ प्राणवायु को जहरीला बना रही हैं तथा इनसे निकला जहरीले रसायनों वाला पानी नदियों में मिलकर जल को प्रदूषित कर रहा है।
6.
यह चित्र ‘स्वच्छ भारत अभियान’ से संबंधित है। लोग अपने आसपास साफ़-सफ़ाई रखने के लिए हाथों में झाड़ उठा लिया है। वे कूड़ा उठाकर डस्टबिन में डाल रहे हैं। बच्चे इस अभियान को सफल बनाने के लिए अति उत्साहित हैं। ऐसा हम सबको हर समय करना चाहिए ताकि हमारा देश स्वच्छ हो और लोग स्वस्थ हों।
7.
यह मनभावन वसंत ऋतु का चित्र है। इस समय प्रकृति में सर्वत्र उल्लास का वातावरण छाया है। फ़सलें देखकर किसान हर्षित है। पक्षी वसंत आने की सूचना देते हुए आकाश में उड़-फिर रहे हैं। बालक उछल-कूद रहे हैं। इन्हीं में एक छात्र तितली पकड़ने का प्रयास कर रहा है।
8.
यह कालीनी उद्योग से जुड़ा चित्र है। यहाँ छोटे-छोटे बच्चे कालीन बुन रहे हैं। यहाँ बाल श्रम कानून का उल्लंघन हो रहा है। अधिकाधिक लाभ कमाने के चक्कर में उद्योग स्वामी यह भूल गया है कि बालश्रम अपराध है। इन बच्चों को काम से हटाकर स्कूल भेजना चाहिए।
9.
यह दृश्य ग्रामीण क्षेत्र के किसी प्रौढ़ शिक्षा केंद्र का है। यहाँ अभी भी बिजली नहीं पहुंच पाई है। ग्रामीण अपनी अशिक्षा का अँधेरा भगाने के लिए प्रौढ़ शिक्षा केंद्र पर एकत्र हुए हैं। वे लालटेन की रोशनी में पढ़ना-लिखना सीख रहे हैं। इस केंद्र का प्रभारी इन्हें पढ़ा रहा है। लोग प्रतिदिन कुछ समय निकालकर यहाँ आते हैं।
10
यह नोटबंदी के बाद उत्पन्न स्थिति का चित्र है। स्टेट बैंक के बाहर लगी लंबी-लंबी लाइनें लोगों की परेशानी प्रकट कर रही हैं। लोग अपने पुराने नोट बदलवाने के लिए काम-काज छोड़कर भूखे-प्यासे खड़े हैं। पुलिस उन्हें रोकने का प्रयास कर रही है। अनिश्चितता की स्थिति में लोगों का धैर्य जवाब दे रहा है।
11.
यह किसी महानगर के व्यस्त चौराहे का दृश्य है। यहाँ वाहनों की आवाजाही के कारण वृद्धों के लिए सड़क पार करना टेढ़ी खीर बन गया है। बत्ती लाल होने पर एक बालक किसी वृद्ध को सड़क पार करा रहा है। यह बालक अच्छे संस्कार वाला है।
12.
इस चित्र में कानों में मोबाइल फोन की लीड लगाकर दो युवक गाने सुनने में इतने व्यस्त हैं कि उन्हें ट्रेन की आवाज़ नहीं सुनाई दे रही है। ऐसे में दुर्घटना घट सकती है। मोबाइल फोन का ऐसा प्रयोग करना ठीक नहीं है।
13.
इस चित्र में कोई युवक बिना हेलमेट लगाए मोटरसाइकिल चला रहा है। उसने लालबत्ती की परवाह नहीं की और बिना रुके चौराहा पार कर गया। सड़क सुरक्षा कानून का इस तरह उल्लंघन करने के कारण ट्रैफिक पुलिस वाला उसका चालान काट रहा है।
14.
यह चित्र वृक्षारोपण का है। पर्यावरण के प्रति सजग कुछ बच्चों ने पार्क को हरा-भरा बनाने का जिम्मा उठाया है। इनके इस कार्य में प्रकृति भी उनका साथ दे रही है। बच्चे पौधों को लगाने के साथ उनकी रक्षा के लिए कटिबद्ध हैं।
15.
यह चित्र किसी बस अड्डे का है। लोग यहाँ से अपने गंतव्य को आते-जाते हैं। यहाँ बस आते ही चहल-पहल बढ़ जाती है। टिकट बाबू टिकट देने के लिए यात्रियों का इंतज़ार कर रहा है। यहाँ समाचार-पत्र, पानी की बोतलें, खाने के लिए तरह-तरह की वस्तुएँ मिलती हैं।
16.
इस चित्र में प्रात:काल का मनोहर दृश्य है। पूरब दिशा से सूर्योदय हो रहा है। पक्षी अपना नीड़ छोड़ चुके हैं। आसमान में उड़ते बादलों के टुकड़े लाल हो गए हैं। फूल खिल गए हैं । वृद्ध टहलने, बच्चे खेलने तथा युवा व्यायाम करने उद्यान में आ गए हैं।
17.
यह पुस्तकालय का दृश्य है। यहाँ बहुत-से विषयों की ढेरों पुस्तकें हैं। पुस्तकालयाध्यक्ष लोगों को पुस्तकें देते हैं। पुस्तकें न खरीद पाने वाले लोग, जिज्ञासु एवं ज्ञान-पिपासु यहाँ बैठे पढ़ रहे हैं। पुस्तकालय में शांति है। पुस्तकालय में पुस्तकें सुरक्षित रखी जाती हैं।
18.
चित्र में बाढ़ का दृश्य है। चारों ओर पानी ही पानी भर गया है। फसलें नष्ट हो गई हैं। कुछ पेड़ उखड़ गए हैं। कच्चे मकान गिए गए हैं। लोग ऊँचे स्थानों एवं घरों की छतों पर बैठे हैं। जानवर पानी में बह रहे हैं। बाढ़ से जन-धन की अत्यधिक हानि हुई है। हेलीकॉप्टर से उनके लिए खाना लाया जा रहा है।
19.
यह मतदान केंद्र का दृश्य है। मतदान केंद्र पर शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस के जवान तैनात हैं। मतदान केंद्र के बाहर लोग अपनी बारी की प्रतीक्षा कर रहे हैं। कमरे में पीठासीन अधिकारी तथा अन्य कर्मचारी बैठे हैं। एक व्यक्ति मतदान कर रहा है। मतदान केंद्र पर शांति है।
20.
यह रक्तदान कैंप का दृश्य है। यहाँ रक्त एकत्र करने एवं सुरक्षित रखने के लिए अनेक उपकरण हैं। नर्स जाँच करने के उपरांत रक्त ले रही है। नवयुवक स्वेच्छा से रक्तदान कर रहे हैं। रक्तदान के उपरांत व्यक्ति को जलपान कराया जा रहा है।
21.
इस चित्र में सड़क पर कार जा रही है। कार की गति अनियंत्रित है। कार ने कुत्ते के बच्चे को टक्कर मार दी है। पिल्ला घायल होकर कराह रहा है। कार चली जा रही है। दो लड़के पिल्ले को उठाकर उसका इलाज करना चाह रहे हैं।
22.
चित्र में एक नदी है। जिस पर बना रेलवे का पुल टूटा है। दूर से ट्रेन आती दिख रही है। टूटे पुल के पास एक बालक अपने जानवर चरा रहा है। ट्रेन को नदी में गिरने से बचाने के लिए बालक अपनी लाल कमीज लहराकर ट्रेन रुकवाने का प्रयास कर रहा है।
23.
इस चित्र में एक शेर है जो जाल में फँस गया है। वन्य जीवों का अवैध शिकार करने वाले शिकारी इसे मारना चाहते हैं। ये लोग वन्य जीवों के दुश्मन हैं। एक व्यक्ति उन्हें जीवों की हत्या न करने के लिए समझा रहा है।
चित्र-वर्णन
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24.
यह दृश्य प्राकृतिक आपदा की मार झेल रहा है। पहाड़ की चट्टानें खिसकने से वहाँ स्थित घर, पेड़ गिर गए हैं। पहाड़ पर नदी का वेग प्रबल है। जगह-जगह भू-स्खलन होने से सड़कें टूट गई हैं। उसे बनाने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास किया जा रहा है। लोग विवश हो प्रकृति की विनाश लीला देख रहे हैं।
25.
यह किसी अभयारण्य का जलाशय है। यह काफ़ी दूर तक फैला है। इसमें पक्षी निर्भय होकर जलक्रीड़ा कर रहे हैं। कुछ पक्षी पेड़ों पर बैठे हैं तथा कुछ पानी के आसपास उड़ रहे हैं। उन्हें दो लड़के निहार रहे हैं। एक पुलिसवाला शिकारी को पकड़कर ले जा रहा है, क्योंकि यहाँ शिकार करना मना है।
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