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CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 4 with Solutions

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Students can access the CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi with Solutions and marking scheme Term 2 Set 4 will help students in understanding the difficulty level of the exam.

CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi Course A Set 4 with Solutions

समय : 3 घंटे
पूर्णांक : 80

सामान्य निर्देश:

  • इस प्रश्न-पत्र में दो खंड हैं-‘अ’ और ‘ब’। खंड ‘अ’ में वस्तुपरक/बहुविकल्पीय और खंड ‘ब’ में वस्तुनिष्ठ/वर्णनात्मक प्रश्न दिए गए हैं।
  • प्रश्न-पत्र के दोनों खंडों में प्रश्नों की संख्या 17 है और सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
  • यथासंभव सभी प्रश्नों के उत्तर क्रमानुसार लिखिए।
  • खंड ‘अ’ में कुल 10 प्रश्न हैं, जिनमें उपप्रश्नों की संख्या 44 है। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए 40 उपप्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
  • खंड ‘ब’ में कुल 7 प्रश्न हैं, सभी प्रश्नों के साथ उनके विकल्प भी दिए गए हैं। निर्देशानुसार विकल्प का ध्यान रखते हुए सभी प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

खंड ‘अ’
(बहुविकल्पीय/वस्तुपरक प्रश्न)

खंड ‘अ’ में अपठित गद्यांश-पद्यांश, व्यावहारिक व्याकरण व पाठ्य-पुस्तक से संबंधित बहुविकल्पीय/वस्तुपरक प्रश्न दिए गए हैं, जिनमें प्रत्येक प्रश्न के लिए 1 अंक निर्धारित है।

प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय/वस्तुपरक प्रश्नों के उत्तर सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
हमारे देश में हिंदी फिल्मों के गीत अपने आरंभ से ही आम दर्शक के सुख-दु:ख के साथी रहे हैं। वर्तमान समय में हिंदी फिल्मों के गीतों ने आम जन के हृदय में लोकगीतों-सी आत्मीय जगह बना ली है। जिस तरह से एक जमाने में लोकगीत जनमानस के सुख-दु:ख, आकांक्षा, उल्लास और उम्मीद को स्वर देते थे, आज फिल्मी गीत उसी भूमिका को निभा रहे है। इतना ही नहीं देश की विविधता को एकता के सूत्र में बाँधने में हिंदी फिल्मों का योगदान सभी स्वीकार करते हैं।

हिंदी भाषा की शब्द संपदा को समृद्ध करने का जो काम राजभाषा विभाग तत्सम शब्दों की सहायता से कर रहा है, वही कार्य फिल्मी गीत और डायलॉग लिखने वाले विविध क्षेत्रीय भाषाओं के मेल से करते हुए दिखाई पड़ रहे हैं। यह गाने जन-जन के गीत इसी कारण बन सके, क्योंकि इनमें राजनीति के उतार-चढ़ाव की अनुगूंजों के साथ देहाती कस्बायी और नए बने शहरों का देशज जीवन दर्शन भी आत्मसात् किया जाता रहा है। भारत की जिस गंगा-जमुनी संस्कृति का महिमामंडन बहुधा होता है, उसकी गूंज भी इन गीतों में मिलती है। आजादी की लड़ाई के दौरान लिखे प्रदीप के गीत हों या स्वाधीनता प्राप्त के साथ ही होने वाले देश के विभाजन की विभीषिका, सभी को इन गीतों में बहुत संवेदनशील रूप से व्यक्त किया गया है।

हिंदी फिल्मी गीतों के इस संसार में हिंदी-उर्दू का ‘झगड़ा’ भी कभी पनप नहीं सका। प्रदीप, नीरज जैसे शानदार हिंदी कवियों, इंदीवर तथा शैलेंद्र जैसे श्रेष्ठ गीतकारों और साहिर, कैफी, मजरूह जैसे मशहूर शायरों को हिंदी सिनेमा में हमेशा एक ही बिरादरी का माना जाता रहा है। यह सिनेमा की इस दुनिया की ही खासियत है कि एक तरफ गीतकार साहिर ने ‘कहाँ हैं कहाँ हैं / मुहाफिज खुदी के / जिन्हें नाज है हिंद पर / वो कहाँ हैं लिखा तो दूसरी तरफ उन्होंने ही ‘संसार से भागे फिरते हो / भगवान को तुम क्या पाओगे ! ये भोग भी एक तपस्या है / तुम प्यार के मारे क्या जानोगे/अपमान रचयिता का होगा/रचना को अगर ठुकराओगे!’ जैसी पंक्तियाँ भी रची हैं। परवर्तियों में गुलजार ऐसे गीतकार हैं, जिन्होंने उर्दू, हिंदी, पंजाबी, राजस्थानी के साथ पुरबिया बोलियों में मन को मोह लेने वाले गीतों की रचना की है। बंदिनी के ‘मोरा गोरा अंग लइले, मोहे श्याम रंग दइदे’, ‘कजरारे-कजरारे तेरे कारे-कारे नयना!’, ‘यारा सिली-सिली रात का ढलना’ और ‘चप्पा-चप्पा चरखा चले’ जैसे गीतों को रचकर उन्होंने भारत की साझा संस्कृति को मूर्तिमान कर दिया है। वस्तुतः भारत में बनने वाली फिल्मों में आने वाले गीत उसे विश्व-सिनेमा में एक अलग पहचान देते हैं। ये गीत सही मायने में भारतीय संस्कृति की खूबसूरती को अभिव्यक्त करते हैं।

(क) हिंदी फिल्मी गीतों और लोकगीतों में क्या समानता है?
(i) ये लोगों के रीति-रिवाजों, उनकी लालसाओं, उनकी सोच और कल्पनाओं को स्वर देते है।
(ii) ये लोगों के जीवन के अनुभवों, आमोद-प्रमोद, विचारों और दर्शन को स्वर देते हैं।
(iii) ये लोगों के आनंद, उनके शोक, उनके हर्ष और उनकी आशाओं को स्वर देते हैं।
(iv) ये लोगों के जीवन के यथार्थ और कठोरताओं में जिंदा रहने की चाह को स्वर देते हैं
उत्तर :
(iii) हिंदी फिल्मी गीतों और लोकगीतों में यह समानता है कि ये लोगों के आनंद, उनके शोक, उनके हर्ष और उनकी आशाओं को स्वर देते हैं।

CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 1 with Solutions

(ख) हिंदी भाषा की शब्द संपदा को समृद्ध करने का काम फिल्मी गीतों ने किस प्रकार किया?
(i) राजभाषा विभाग से प्रेरणा पाकर
(ii) विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं के मेल से
(iii) क्षेत्रीय भाषाओं की फिल्मों को प्रोत्साहित करके
(iv) विदेशी भाषाओं की फिल्मों को हतोत्साहित करके
उत्तर :
(ii) हिंदी भाषा की शब्द संपदा को समृद्ध करने का काम फिल्मी गीतों ने विमिन्न क्षेत्रीय भाषाओं के मेल से किया।

(ग) कथन (A) और कारण (R) को पढकर उपयुक्त विकल्प चुनिए।
कथन (A) हिंदी फिल्मों के गाने जन-जन के गीत बन गए हैं।
कारण (R) इन गीतों में राजनीति की अनुगूंजों के साथ, देहाती,
कस्बायी और नए बने शहरों का जीवन दर्शन भी आत्मसात् किया जाता रहा है।
(i) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है।
(ii) कथन (A) और कारण (R) दोनों ही गलत हैं।
(iii) कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
(iv) कथन (A) सही है, किंतु कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या नहीं करता है।
उत्तर :
(iii) प्रस्तुत गद्यांश के आधार पर विकल्प (iii) सही है। कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।

(घ) ‘हिंदी फिल्मी गीतों के इस संसार में हिंदी-उर्दू का ‘झगड़ा’ भी कभी पनप नहीं सका।’ प्रस्तुत कथन के पक्ष में निम्नलिखित तर्कों पर विचार कीजिए।
1. यहाँ सभी गीतकारों को एक ही बंधुत्व वर्ग का माना जाता है।
2. ये गीतकार सभी भाषाओं में समान रूप से गीत लिखते हैं।
3. इन गीतकारों में वैमनस्य व प्रतिस्पद्धा का भाव नहीं है।
कूट
(i) केवल 1 सही है।
(ii) केवल 2 सही है।
(iii) केवल 3 सही है।
(iv) केवल 1 और 2 सही है।
उत्तर :
(i) हिंदी फिल्मी गीतों के इस संसार में हिदी-उर्दू का ‘झगड़ा’ भी कभी पनप नहीं सका, व्योंकि यहों सभी गीतकारों को एक ही बंधुत्व वर्ग का माना जाता है।

(ङ) उपर्युक्त गद्यांश में हिंदी फिल्मी गीतों की किस विशेषता पर सर्वाधिक बल दिया गया है?
(i) ये गीत कलात्मक श्रेष्ठता व सर्वधर्म संभाव को अभिव्यक्त करते हैं।
(ii) ये गीत सांप्रदायिक सद्भाव को अभिव्यक्त करते हैं।
(iii) ये गीत पारस्परिक प्रेम व सद्भाव को अभिव्यक्त करते हैं।
(iv) ये गीत हमारी तहजीब की खूबसूरती को अभिव्यक्त करते हैं।
उत्तर :
(iv) प्रस्तुत गद्यांश में हिंदी फिल्मी गीत हमारी तहुजीब की खूकसूरती को अभिव्यक्त करते हैं। इस विशेषता पर सर्वाचिक बल दिया गया है।

CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 4 with Solutions

प्रश्न  2.
निम्नलिखित काव्यांशों पर आधारित बहुविकल्पीय/वस्तुपरक प्रश्नों के उत्तर सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)

विचार लो कि मर्त्य हो न मृत्यु से डरो कभी,
मरो, परंतु यों मरो कि याद जो करें सभी।
हुई न यों सु-मृत्यु तो वृथा मरे, वृथा जिए,
मरा नहीं वही कि जो जिया न आपके लिए।
वही पशु प्रवृत्ति है कि आप आप ही चरे,
वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे।।
उसी उदार की कथा सरस्वती बखानती,
उसी उदार से धरा कृतार्थ भाव मानती।
उसी उदार की सदा सजीव कीर्ति कूजती,

तथा उसी उदार को समस्त सृष्टि पूजती।
अखंड आत्मभाव जो असीम विश्व में भरे,
वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे।।
क्षुधार्थ रंतिदेव ने दिया करस्थ थाल भी,
तथा दधीचि ने दिया परार्थ अस्थिजाल भी।
उशीनर शिवि ने स्वमांस दान भी किया,
सहर्ष वीर कर्ण ने शरीर-चर्म भी दिया।
अनित्य देह के लिए अनादि जीव क्यों डरे?
वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे।।

(क) इस कविता का केंद्रीय भाव यह है कि ………….
(i) अपने स्वार्थ की पूत्ति हेतु कार्य करने चाहिए।
(ii) मनुष्य को हमेशा परोपकार के कार्य करते रहना चाहिए।
(iii) जरूरतमंदों के लिए सहानुभूति का भाव नहीं रखना चाहिए।
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ii) 2 और 4 सही हैं प्रस्तुत काव्यांश के माध्यम से कवि कहना चाहता है कि मनुष्य को हमेशा परोपकार के कार्य करते रहना चाहिए। परोपकारी मनुष्य का यश हमेशा बना रहता है।

(ख) ‘वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे’ का अर्थ है कि
(i) वास्तविक मनुष्य वही है, जो अपने लिए जीता है
(ii) वास्तविक मनुष्य वही है, जो दूसरों के लिए जीता है
(iii) वास्तविक मनुष्य वही है, जो केवल अपने स्वार्थ सिद्ध करता है
(iv) वास्तविक मनुष्य वही है, जो भौतिक वस्तुओं की चाह रखता है
उत्तर :
(ii) वास्तविक मनुष्य वही है, जो दूसरों के लिए जीता है प्रस्तुत पंक्ति का अर्थ है कि वास्तविक मनुष्य वही होता है, जो दूसरों की चिंता करता है, उनके काम आता है तथा उनके लिए जीता है।

CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 4 with Solutions

(ग) काव्यांश के आधार पर बताइए कि कैसे व्यक्तियों की कथा स्वयं सरस्वती बखानती हैं?
(i) आत्मसम्मानी व्यक्तियों की
(ii) उदार व्यक्तियों की
(iii) अहंकारी व्यक्तियों की
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ii) उदार व्यक्तियों की काव्यांश में बताया गया है कि जो व्यक्ति दूसरों के लिए परोपकार की भावना रखता है तथा समय पड़ने पर उनकी सहायता करता है, ऐसे उदार व्यक्तियों की क्था स्ययं सरस्वती बखानती हैं।

(घ) कवि ने दर्धीचि, कर्ण आदि महान व्यक्तियों के उदाहरण से क्या संदेश दिया है?
(i) अहंकार और स्वार्थ मनुष्य के लिए आवश्यक हैं
(ii) वीरता और शक्ति का कोई पर्याय नहीं होता
(iii) त्याग और बलिदान सर्वश्रेष्ठ होता है
(iv) मनुष्य को यश की कामना करनी चाहिए
उत्तर :
(iii) त्याग और बलिदान सर्वश्रेष्ठ होता है कवि ने दधीचि, कर्ण आदि महान व्यक्तियों का उदाहरण देकर त्याग और बलिदान का संदेश दिया है। उन्होंने अपना पूरा जीवन दूसरों के लिए त्याग दिया तथा अपना सर्वस्व उनकी सेवा में न्योछावर कर दिया।

(ङ) कथन (A) महापुरुषों को आज भी याद किया जाता है।
कारण (R) महान व्यक्तियों ने अपना पूरा जीवन दूसरों के लिए त्याग दिया।
(i) कथन A गलत है, किंतु कारण R सही है।
(ii) कथन A और कारण R दोनों गलत हैं।
(iii) कथन A और कारण R दोनों सही हैं तथा कारण R कथन A की सही व्याख्या करता है।
(iv) कथन A और कारण R दोनों सही है, परंतु कारण R कथन A की सही व्याख्या नहीं करता है।
उत्तर :
(iii) कथन A और कारण R दोनों सही हैं तथा कारण R कथन A की सही व्याख्या करता है महापुरुषों को आज भी याद किया जाता है, क्योंकि उन्होंने अपना पूरा जीवन दूसरों के लिए त्याग दिया।

प्रश्न 3.
निर्देशानुसार रचना के आधार पर वाक्य भेद पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार के उत्तर दीजिए। (1 × 4 = 4)

(क) ‘रसूलन और बतूलन ने गाना गाया, क्योंकि इसी से अमीरुद्दीन को खुशी मिलती है।’ सरल वाक्य में लिखिए।
(i) रसूलन और बतूलन के गायन से अमीरुद्दीन को खुशी मिलती है।
(ii) रसूलन और बतूलन जैसे ही गाती हैं अमीरुद्दीन को खुशी मिलती है।
(iii) रसूलन और बतूलन गाती हैं और अमीरुद्दीन को खुशी मिलती है।
(iv) रसूलन और बतूलन के गीतों से अमीरुद्दीन को खुशी मिलती है।
उत्तर :
(i) रसूलन और बतूलन के गायन से अमीरुद्दीन को खुशी मिलती है।

(ख) ‘दूसरी बार, जब हालदार साहब उधर से गुजरे तो उन्हें मूर्ति में कुछ अंतर दिखाई दिया’ इस मिश्रित वाक्य को संयुक्त वाक्य में बदलिए।
(i) जैसे ही दूसरी बार हालदार साहब उधर से गुजरे, उन्हें मूर्ति में कुछ अंतर दिखाई दिया।
(ii) दूसरी बार उधर से गुजरते समय हालदार साहब को मूर्ति में कुछ अंतर दिखाई दिया।
(iii) दूसरी बार हालदार साहब उधर से गुजरे और उनको मूर्ति में कुछ अंतर दिखाई दिया।
(iv) जब भी हालदार साहब उधर से गुजरते हैं मूर्ति में अंतर दिखाई देता है।
उत्तर :
(iii) दूसरी बार हालदार साहब उथर से गुजरे और उनको मूर्ति में कुछ अंतर दिखाई दिया।

(ग) मिश्र वाक्य का उदाहरण है
(i) अजमेर से पहले पिता जी इंदौर में थे।
(ii) हुड़दंग तो इतना मचाया कि कॉलेज वालों को थर्ड इयर भी खोलना पड्रा।
(iii) हमने हुड़दंग मचाया और कोलेज वालों ने थर्ड इयर खोल दिया।
(iv) हमारे हुड़दंग मचाने के कारण कॉलेज वालों को थर्ड इयर भी खोलना पड़ा।
उत्तर :
(ii) हुड़र्दंग तो इतना मचाया कि कौलेज वालों को थर्ड इयर भी खोलना पड़ा।

(घ) निम्नलिखित वाक्यों में संयुक्त वाक्य पहचानकर नीचे दिए गए विकल्पों में से सर्वाधिक सही विकल्प चुनिए।
1. असफल होने पर शोक करना व्यर्थ है।
2. मैं एक दिन अमेरिका जाऊँगी तथा अपना शेष जीवन वहीं बिताऊँगी।
3. जैसे ही रमेश आया, वैसे ही मोहन चल दिया।
4. विद्यार्थी परिश्रमी है, तो अवश्य सफल होगा। कूट
(i) 1 और 2 सही हैं।
(ii) 2 और 3 सही हैं।
(iii) 1 और 4 सही हैं।
(iv) 2 और 4 सही हैं।
उत्तर :
(iv) 2 और 4 सही हैं।

CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 1 with Solutions

(ङ) सूची 1 को सूची 2 से सुमेलित कीजिए और सही विकल्प का चयन कीजिए।

सूची 1 सूची 2
A. सुरेश के आ जाने से सब प्रसन्न हो गए। 1. मिश्र वाक्य
B. मैं युवा थी और शीला अग्रवाल की जोशीली बातों ने रगों में बहते खून को लावे में बदल दिया था। 2. सरल वाक्य
C. कुछ लोग इसलिए दान करते हैं कि उनका नाम हो। 3. संयुक्त वाक्य

कूट
A B C
(i) 123
(ii) 2 3 1
(iii) 1 3 2
(iv) 2 1 3
उत्तर :
(ii) (A) -2 , (B) -3, (C) -1

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प्रश्न  4.
निर्देशानुसार ‘वाच्य’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 × 4 = 4)

(क) सूची I को सूची II के साथ सुमेलित कीजिए और सही विकल्प का चयन कीजिए।

सूची I सूची II
A. मेरे द्वारा यह किताब नहीं पढ़ी जाती है। 1. कर्तृवाच्य
B. मैं यह किताब नहीं पढ़ सकूँगा। 2. भाववाच्य
C. मुझसे यह किताब नहीं पढ़ी जा सकेगी। 3. कर्मवाच्य

कूट
A B C
(i) 3 2 1
(ii) 2 3 1
(iii) 1 2 3
(iv) 3 1 2
उत्तर :
(iv) A-3, B-1, C-2

(ख) कर्मवाच्य का उदाहरण है
(i) अध्यापक द्वारा कक्षा में पढ़ाया जाता है।
(ii) अध्यापक कक्षा में पढ़ाता था।
(iii) अध्यापक कक्षा में पढ़ा सकता है।
(iv) अध्यापक कक्षा में पढ़ाता है।
उत्तर :
(i) अध्यापक द्वारा कक्षा में पढ़ाया जाता है

(ग) कर्तृवाच्य का उदाहरण है
(i) आइए, कहीं चला जाए।
(iii) उससे कहीं नहीं चला जाता।
(ii) मजदूरों द्वारा दो वर्ष में यह पुल तैयार किया गया।
(iv) दुकानदार द्वारा उचित मूल्य लिया गया।
उत्तर :
(ii) दुकानदार ने उचित मूल्य लिया

(घ) ‘हम गा नहीं सकते।’ इसका भाववाच्य होगा
(i) हमसे गाया नहीं जा सकता।
(ii) दुकानदार ने उचित मूल्य लिया।
(iii) हमारे द्वारा गाया गया।
(iv) हमने गाया।
उत्तर :
(i) हमसे गाया नहीं जा सकता

CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 4 with Solutions

(ङ) ‘मजदूरों ने दो वर्ष में यह पुल तैयार किया।’ इसका कर्मवाच्य होगा
(i) मजदूरों से दो वर्ष में पुल तैयार हुआ।
(ii) हमने नहीं गाया।
(iii) मजदूरों द्वारा यह पुल दो वर्ष में तैयार किया जा सकता है।
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ii) मजदूरों द्वारा दो वर्ष में यह पुल तैयार किया गया

प्रश्न 5.
निर्देशानुसार ‘पद परिचय’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार के उत्तर दीजिए। (1 × 4 = 4)

(क) हम देहरादून घूमने गए। ….. रेखांकित पद का परिचय है?
(i) संज़ा, प्रथम पुरुष, पुल्लिग, बहुवचन, कर्ता
(ii) सर्वनाम, प्रथम पुरुष, पुल्लिग, बहुवचन, कर्ता
(iii) सर्वनाम, प्रथम पुरुष, पुल्लिग, एकवचन, कर्ता
(iv) सर्वनामिक विशेषण, प्रथम पुरुष, पुल्लिग, बहुबचन, कर्ता
उत्तर :
(ii) सर्वनाम, प्रथम पुरुष, पुल्लिग, बहुवचन, कर्ता

(ख) शशि दसर्वीं कक्षा में पढ़ती है। …, रेखांकित पद का परिचय है?
(i) विशेषण, संख्यावाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, ‘कक्षा’ विशेष्य
(ii) क्रियाविशेषण, परिमाणवाचक, ‘पढ़ना’ क्रिया
(iii) विशेषण, गुणवाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, ‘कक्षा’ विशेष्य
(iv) विशेषण, संख्यावाचक, स्त्रीलिंग, बहुवचन, ‘कक्षा’ विशेष्य
A B C
(ii) 2 3 1
(iv) 213
उत्तर :
(i) विशेषण, संख्यावाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, ‘कबा’ विशेष्य

(ग) वह स्कूल से अभी-अभी आया है। … रेखांकित पद का परिचय है।
(i) संज्ञा, जातिवाचक, एकवचन, पुल्लिग, करण कारक
(ii) संज्ञा, व्यक्तिवाचक, एकवचन, पुल्लिग, अपादान कारक
(iii) संज्ञा, जातिवाचक, बहुवचन, पुल्लिग, अपादान कारक
(iv) संज्ञा, जातिवाचक, एकवचन, पुल्लिग, अपादान कारक
उत्तर :
(iv) संज्ञा, जातिवाचक, एकवचन, पुल्लिग, अपादान कारक

CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 1 with Solutions

(घ) वह मेरी बात पर बहुत हँसा।… रेखांकित पद का परिचय है।
(i) परिमाणवाचक क्रियाविशेषण, हैंसना क्रिया का विशेषण
(ii) विशेषण, संख्यावाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, ‘हँसना’ विशेष्य
(iii) विशेषण, परिमाणवाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, ‘हँसना’ विशेष्य
(iv) विशेषण, परिमाण वाचक, पुल्लिग, एकवचन, ‘हँसना’ विशेष्य
उत्तर :
(i) परिमाणवाचक क्रियाविशेषण, हैंसना क्रिया का विशेषण

(ङ) योग्य पिता की संतान भी योग्य होती है।… रेखांकित पद का परिचय है।
(i) संज्ञा, जातिवाचक, त्रीलिंग, एकवचन
(ii) संज्ञा, व्यक्तिवाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन
(iii) संज्ञा, जातिवाचक, पुल्लिग, एकवचन
(iv) विशेषण, गुणवाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, ‘पिता’ विशेष्य
उत्तर :
(i) संज्ञा, जातिवाचक, स्त्रीलिंग, एकवयन

प्रश्न  6.
निर्देशानुसार ‘अलंकार’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 × 4 = 4)

(क) ‘जो रहीम गति दीप की, कुल कपूत गति सोय।
बारे उजियारो करै, बढ़े अँधेरो होय।।
इन काव्य-पंवित्तों में प्रयुक्त अलंकार है’
(i) श्लेष
(ii) उत्प्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(i) श्लेष इन काव्य-पंक्तियों में ‘बारे’ और ‘बढ़े’ के दो अर्थ हैं। ‘बारे’ के दोनों अर्थ ‘जलने पर ‘ तथा ‘बचपन’ और ‘बदे’ के दोनों अर्थ ‘बड़ा होने पर’ तथा ‘बुझने पर’ है। अतः यहाँ श्लेष अलंकार है।

(ख) ‘मंगन को देखि पटे देत बार-बार है।’ इस काव्य-पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(i) श्लेष इस काव्य-पंक्ति में पट के दो अर्थ हैं, पहला अर्थ है-ब्यक्तिवाचक को देखकर बार-बार वस्त्र देता है तथा दूसरा अर्थ है कि याचक को देखते ही दरवाजा बंद कर लेता है।

(ग) ‘ले चला साथ मैं तुझ्शे कनक। ज्यों भिक्षुक लेकर स्वर्ण।।
इन काव्य-पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(ii) उत्प्रेक्षा प्रस्तुत पंक्तियों में कनक का अर्थ धतूरा है। कवि कहता है कि वह धतूरे को ऐसे ले चला मानो कोई रिक्षुक सोना ले जा रहा हो। इसमें ज्यों शब्द का अर्थ प्रयोग हुआ है एवं कनक-उपमेय में तथा स्वर्ण उपमान के होने की कल्पना हो रही है। इसका कारण यहाँ उत्प्रेक्षा अलंकार है।

CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 4 with Solutions

(घ) ‘देख लो साकेत नगरी है यही, स्वर्ग से मिलने गगन में जा रही। इन काव्य-पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(iv) अतिशयोक्ति यहाँ साकेत नगरी का वर्णन बढ़ा-चढ़ाकर किया गया है। अतः यहाँ अतिशयोक्ति अलंकार है।

(ङ) फाग गाता मास फागुन हैं कई पतर किनारे पी रहे चुप-चाप पक्षी.प्यास जाने कब बुझेगी।’ इन काव्य-पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(iii) मानवीकरण यहाँ फागुन मास को फाग गाता हुआ तथा पत्थरों को पानी पीते दिखाया गया है। अतः जड़ वस्तुओं में मानवीय क्रियाओं के आरोप के कारण यहाँ मानवीकरण अलंकार है।

प्रश्न 7.
निम्नलिखित पठित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
जीप कस्बा छोड़कर आगे बढ़ गई, तब भी हालदार साहब उस मूर्ति के बारे में ही सोचते रहे और अंत में इस निष्कर्ष पर पहुँचे कि कुल मिलाकर कस्बे के नागरिकों का यह प्रयास सराहनीय ही कहा जाना चाहिए। महत्त्व मूर्ति के रंग-रूप या कद का नहीं, उस भावना का है वरना तो देशभक्ति भी आजकल मजाक की चीज होती जा रही है। दूसरी बार जब हालदार साहब उधर से गुजरे तो उन्हें मूर्ति में कुछ अंतर दिखाई दिया। ध्यान से देखा तो पाया कि चश्मा दूसरा है। पहले मोटे फ्रेमवाला चौकोर चश्मा था, अब तार के फ्रेमवाला गोल चश्मा है। हालदार साहब का कौतूहल और बढ़ा। वाह भई क्या आइडिया है। मूर्ति कपड़े नहीं बदल सकती, लेकिन चश्मा तो बदल ही सकती है।

(क) ‘जीप कस्बा छोड़कर आगे बढ़ गई’ अर्थात्
(i) जीप कस्बे में बिना रुके आगे बढ़ गई।
(ii) जीप कस्वे में रूक कर आगे बढ़ गई।
(iii) जीप कस्बे में रुक गई।
(iv) जीप कस्बे में नहीं गई।
उत्तर :
(i) ‘जीप कस्बा छोड़कर आगे बढ़ गई’ अर्थात् जीप कस्वे में बिना रुके ही आगे बढ़ गई।

(ख) हालदार साहब किसके विषय में सोचते रहे?
(i) नेताजी के विषय में
(ii) मूर्ति के विषय में
(iii) चौराहे के विषय में
(iv) कस्बे के विषय में
उत्तर :
(ii) हालदार साहब मूर्ति के विषय में ही सोचते रहते थें।

(ग) ‘वरना तो देशभव्ति भी आजकल मजाक की चीज होती जा रही है।’ से आशय है …..
(i) आजकल देशभक्त होना संभव नहीं है।
(ii) आजकल देशभक्त होना हास्यास्पद हो गया है।
(iii) आजकल सभी देशभक्त हो गए हैं।
(iv) आजकल देशभक्ति की प्रासंगिकता नहीं है।
उत्तर :
(ii) ‘वरना तो देशभक्ति भी आजकल मजाक की चीज होती जा रही है’ इस पंक्ति का आशय है कि आजकल देशभक्त होना हास्यास्पद हो गया है।

(घ) दूसरी बार जब हालदार साहब उधर से गुजरे, तो उन्हें मूर्ति में क्या अंतर दिखाई दिया?
(i) मूर्ति पर कोई चश्मा नहीं था।
(ii) मूर्ति पर पुराना चश्मा था।
(iii) मूर्ति पर एक नया चश्मा था।
(iv) मूर्ति क्षतिग्रस्त थी।
उत्तर :
(iii) दूसरी बार जब हालदार साहब उधर से गुजरे, तो उन्हें मूर्ति पर एक नया चश्मा दिखाई दिया।

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(ङ) ‘नेताजी का चश्मा’ पाठ
(i) देशभक्ति के भाव पर व्यंग्य करता है।
(ii) देशभक्ति की प्रासंगिकता पर सवाल उठाता है।
(iii) देशर्भक्ति के महत्त्व को स्थापित करता है।
(iv) देशभक्ति के प्रति उम्मीद जगाता है।
उत्तर :
(iv) ‘नेताजी का चश्मा’ पाठ देशभक्ति के प्रति उम्मीद जगाता है।

CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 4 with Solutions

प्रश्न  8.
क्षितिज के गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित दो बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 2 = 2)

(क) निम्नलिखित रचनाओं को उनके रचनाकारों के साथ सुमेलित कीजिए।

सूची I सूची II
A. नेताजी का चश्मा 1. यशपाल
B. बालगोबिन भगत 2. स्वयं प्रकाश
C. लखनवी अंदाज 3. मन्नू भण्डारी
D. एक कहानी यह भी 4. रामवृक्ष बेनीपुरी

कूट
A B B C
(i) 1 2 3 4
(ii) 2 4 1 3
(iii) 4 3 2 1
(iv) 2 4 3 1
उत्तर :
(ii) A-2, B-4, C-1, D-3 सही उत्तर है ‘बालगोबिन भगत’ पाठ के लेखक रामवृक्ष बेनीपुरी हैं। इसी प्रकार ‘नेताजी का चश्मा’ पाठ के लेखक स्वयं प्रकाश, ‘लखनवी अंदाज’ पाठ के लेखक यशपाल तथा ‘एक कहानी यह भी पाठ’ की लेखिका मन्नू भंडारी हैं।

(ख) नवाब साहब को खीरा काटते हुए देखकर लेखक क्या सोच रहे थे?
(i) खीरा देखने में तो लजीज लग रहा है
(ii) मियाँ रईस बनते हैं, लेकिन लोगों से बचने के विचार में असलियत पर उत्तर आए हैं
(iii) खीरे में नमक-मिर्च डालने से खीरा पनिया गया है
(iv) नवाबों के शौक भी अजीब होते हैं
उत्तर :
(ii) मियाँ रईस बनते हैं, लेकिन लोगों से बचने के विचार में असलियत पर उतर आए हैं नवाब साहब को खीरा काटते हुए देखकर लेखक यह सोच रहे थे कि मियाँ रईस बनते हैं, लेकिन लोगों से बचने के विचार में असलियत पर उतर आए हैं।

प्रश्न 9.
निम्नलिखित पठित पद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए।
बिहसि लखन बोले मृदु बानी। अहो मुनीसु महाभट मानी।। पुनि पुनि मोहि देखाव कुठारु। चहत उड़ावन फूँकि पहारू॥। इहाँ कुम्हड़बतिया कोड नाहीं। जे तरजनी देखि हरि नाहीं।। देखि कुठारु सरासन बाना। मैं कछु कहा सहित अभिमाना।। भृगुसुत समुझि जनेउ विलोकी। जो कछु कहहु सह रिस रोकी।। सुर महिसुर हरिजन अरु गाई। हमरे कुल इन्ह पर न सुराई।। बधे पापु अपकीरति हारें। मारतहूँ पा परिअ तुम्हारे।।

(क) परशुराम बार-बार अपना कुठार किसे और क्यों दिखा रहे हैं?
(i) राम को भयभीत करने के लिए
(ii) लक्ष्मण को भयभीत करने के लिए
(iii) विश्नामित्र को भयभीत करने के लिए
(iv) महाराज जनक को भयभीत करने के लिए
उत्तर :
(ii) परशुराम बार-दार अपना कुठार लक्ष्मण को मयभीत करने के लिए दिखा रहे हैं।

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(ख) निम्नलिखित पंक्तियों में से किस पंक्ति से लक्ष्मण के शक्तिशाली होने का पता चलता है?
(i) बिहसि लखनु बोले मृदु बानी। अहो मुनीसु महाभट मानी।।
(ii) पुनि-पुनि मोहि देखाव कुठारु। चहत उड़ावन फूँकि पहारू॥।
(iii) देखि कुठाह सरासन बाना। मैं कुछ कहा सहित अभिमाना।।
(iv) इहाँ कुम्हड़बतिया कोठ नाहीं। ते तरजनी देखि मरि जाहीं।
उत्तर :
(iv) प्रस्तुत पद्यांश में “इइाँ कुम्हड़बतिया कोठ नाहीं। ते तरजनी देखि मरि जाहीं” पंक्ति से लक्ष्मण के शक्तिशाली होने का पता चलता है।

(ग) रघुकुल में किन-किन के प्रति अपनी वीरता का प्रदर्शन नहीं किया जाता है?
(i) देवता, ब्राह्यण, ईश्वर भक्त और गाय पर
(ii) स्त्रियों, बच्चों, ईश्वर भक्त और गाय पर
(iii) देवता, राजा, वीर योद्धा और स्त्रियों पर
(iv) स्त्रियों, बच्चों, राजा और गाय पर
उत्तर :
(i) रघुकुल में देवता, ब्रात्राण, ईश्वर भक्त और गाय के प्रति अपनी वीरता का प्रदर्शन नहीं किया जाता है।

(घ) ‘बिहसि लखन बोले मृदु बानी।’ अहो मुनीसु महाभट मानी’ यह कथन ………. का उदाहरण है।
(i) व्यंग्य का
(ii) हास्य का
(iii) क्रोध का
(iv) वैराग्य का
उत्तर :
(i) ‘बिहसि लखन बोले मृदु बानी।’ अहो मुनीसु महाभट मानी’ यह कथन ब्यंग्य का उदाहरण है।

(ङ) उपर्युक्त पद्यांश में लक्ष्मण के चरित्र की कौन-सी विशेषता उजागर होती है?
(i) वीरता
(ii) घैर्य
(iii) शिष्टता
(iv) विनम्रता
उत्तर :
(i) प्रस्तुत पद्यांश में लक्ष्मण के चरित्र की वीरता उजागर होती है।

प्रश्न  10.
पाठ्यपुस्तक में निध्धारित कविताओं के आधार पर निम्नलिखित दो बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 2 = 2)

(क) ‘उत्साह’ कविता में कवि ने बादलों को किस रूप में प्रस्तुत किया है?
(i) नवयुवा के रूप में
(ii) क्रांति के सूचक के रूप में
(iii) काले बालों के रूप में
(iv) खिलते फूल के रूप में
उत्तर :
(ii) क्रांति के सूचक के रूप में ‘उत्साह’ कविता में कवि ने बादलों को क्रांति के सूचक के रूप में प्रस्तुत किया है।

(ख) श्रीराम शिव-द्वारा धनुष के टूटने के विषय में लक्ष्मण ने परशुराम को क्या सफाई पेश की?
(i) धनुष की डोरी छोटी होने के कारण प्रत्यंचा चढ़ाते हुए टूट गया
(ii) पुराना होने के कारण वह धनुष जर्जर हो गया था, इसलिए टूट गया
(iii) धनुष अधिक भारी था, इसलिए प्रत्यंचा चढ़ाते हुए टूट गया
(iv) श्रीराम ने तो इसे केवल हुआ था, पर यह छूते ही टूट गया फिर इसमें श्रीराम का क्या दोष
उत्तर :
(iv) श्रीराम ने तो इसे केवल छुआ था, पर यह छूते ही टूट गया फिर इसमें श्रीराम का क्या दोष लक्ष्मण ने शिव-धनुष के टूटने के विषय में परशुराम को सफाई दी कि शीराम ने तो इसे केवल छुआ था, पर यह छूते ही टूट गया फिर इसमें श्रीराम का क्या दोष।

खंड ‘ब’
(वर्णनात्मक प्रश्न)

खंड ‘ब’ में वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं, जिनके निर्धारित अंक प्रश्न के सामने अंकित हैं।

प्रश्न 11.
गध पाठों के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए।
(क) क्या आपको नवाब साहब का व्यवहार सामान्य लगा? क्यों? युक्तियुक्त उत्तर दीजिए।
उत्तर :
नहीं हमें नवाब साहब का व्यवहार सामान्य नहीं लगा, क्योंकि एक तरफ तो नवाब साहब खीरा छीलने, काटने, नमक-मिर्च बुरकने आदि की प्रक्रिया कर रहे थे और दूसरी तरफ लेखक की उपेक्षा कर रहे थे।

(ख) महानगरों की ‘फ्लैट-कल्चर’ और लेखिका मन्नू भंडारी के ‘पड़ोस-कल्चर में क्या अंतर दिखाई देता है? विचार करते हुए लिखिए।
उत्तर :
महानगरों की फ्लेट-कल्यर में अफेलापन, परस्पर अलगाव व कृत्रिम जीवन है, जबकि लेखिका मन्नू भंडारी के पड़ोस-कल्चर में पारस्परिक सद्भाव, पारिवारिक संबंध तथा सहज जीवन है।

(ग) ‘मंगल ध्वनि’ का क्या अभिप्राय है? बिस्मिल्लाह खान को ‘शहनाई की मंगल ध्वनि का नायक’ क्यों कहा गया है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
‘मंगल ध्चनि’ से अभिप्राय मांगलिक विधि-विधानों में प्रयुक्त होने वाले वाद्ध यंत्र से है। बिस्तिल्लाह खान को ‘शहनाई की मंगल ध्वनि का नायक’ इसीलिए कहा जाता है, क्योंकि वह सर्वश्रेष्ठ शहनाई वादक थे। उनकी बाबा विश्वनाथ के प्रति अटूट आस्था थी। वह निर्रतर शहनाई का रियाज करते रहते थे और बहुत सरल-सहज स्वभाव के थे। वे दिखावे तथा आडबर से दूर रहते थे।

(घ) सच्चे अर्थों में ‘संस्कृत व्यक्ति’ किसे कहा जाता है? संस्कृति पाठ के आधार पर तर्क सहित लिखिए।
उत्तर :
जो व्यक्ति अपनी नुद्धि और विवेक से समाज को किसी नए तथ्य से अवगत कराता है और अनुसंधान करता है, वह व्यक्ति ही वास्तविक अर्थों में संस्कृत व्यक्ति है। ऐसा व्यक्ति नए-नए आविष्कार करता है; जैसे – न्यूटन ने गुरुत्वाकर्षण का सिद्धात खोजा। वह वास्तविक अर्थों में संस्कृत य्यक्ति थे।

प्रश्न 12.
निंर्धारित कविताओं के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए। (2 × 3 = 6)

(क) ‘राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद’ में पूरे प्रसंग में व्यंग्य का अनूठा सौदर्य है। उदाहरण के साथ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
‘राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद’ में जब राम ने परशुराम से कहा कि धनुष तोड़ने वाला कोई आपका सेवक ही होगा, तब परशुराम ने व्यंग्यपूर्वक विरोध करते हुए कहा, शत्रुता का कार्य करने में सेवक-भाव नहीं होता। लक्ष्मण के यह कहने पर कि सभी धनुष तो एक जैसे ही होते हैं, आप तो अकारण ही क्रोधित हो रहे हैं, तब परशुराम ने लक्ष्मण के यचन सुनकर अपने फरसे (एक प्रकार की तेज धार की कुल्हाड़ी) को दिखाते हुए कहा कि यह बालक कौन है, यह तो मारे जाने योग्य है। राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद में ऐसे अनेक व्यग्यों का अनूठा सौंदर्य व्याप्त है।

(ख) “ऊथौ भले लोग आगे के, पर हित डोलत थारण” पंक्ति के द्वारा गोपियाँ क्या बताना चाहती हैं? ‘सूरदास के पदों’ के आधार पर बताइए।
उत्तर :
गोपियाँ प्रस्तुत पंक्ति के माध्यम से उद्धव एवं कृष्ण को यह बताना चाहती हैं कि पहले के लोग अर्थात् प्राचीन राजा बहुत भले होते थे, जो दूसरों की भलाई करने के लिए इधर-उधर दौड़ा करते थे, परंतु उद्धव द्वारा लाए गए योग के संदेश को सुनकर न तो अब उद्ध्रव पर विश्वास रहा और न ही भीकृष्षण पर।

(ग) कवि बादल से फुहार या रिमझिम बरसने की जगह ‘गरजने’ के लिए क्यों कहता है? ‘उत्साह कविता के आथार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
‘उत्साह’ कविता में कवि ने बादलों को क्रांति के सूचक के रूप में प्रस्तुत किया है। समाज में कभी-भी क्रांति बादलों की फुहार या रिमझिम बरसने अर्थात् कोमल या मृदु भावों से नहीं आती, अपितु उसके लिए गरजने अर्थात् विध्यंस की आवश्यकता होती है। इसलिए कवि नव सृष्टि के निर्माण के लिए बादलों से गरजने के लिए कहता है।

(घ) ‘संगतकार’ कविता के आधार पर संगतकार मुख्य गायक का साथ देते समय उसे क्या-क्या याद दिलाता है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
संगतकार मुख्य गायक का साथ देते समय अप्रत्यक्ष रूप से उसे कुछ बाते याद दिलाता है। कई बार जब मुख्य गायक स्थायी या टेक को छोड़कर अंतरे का चरण पकड़ता है और तानों के जंगल में खो जाता है या अपने सरगम को लाँघकर एक अनहद में भटक जाता है, तब संगतकार ही गाने के स्थायी को पकड़े रहता है। ऐसा लगता है जैसे वह उसे उसका बचपन याद दिला रहा हो कि जब वह संगीत सीख रहा था और सरगम के स्वर से भटक जाया करता था।

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प्रश्न 13.
पूरक पाठ्यपुस्तक के पाठों पर आधारित निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो के उत्तर लगभग 50 -60 शब्दों में लिखिए।
(क) ‘माता का प्रेम, पिता के प्रेम की अपेक्षा अधिक गहन होता है।’ ‘माता के अंचल’ पाठ के आधार पर विचार कीजिए।
उत्तर :
माता का मेम, पिता के म्रेम की अपेक्षा अधिक गहन होता है, क्योंकि माता से बच्चे का ममत्व का रिश्ता होता है। माँ की गोद में जैसी ममता होती है, स्नेह होता है, वैसा उन्हैं किसी से प्राप्त नहीं होता। भोलानाथ का अपने पिता से अपार स्नेह था, परंतु विपदा आने पर वह अपनी मॉ की गोद में जाकर छिप जाता था, क्योंकि मों का प्यार, दुलार व स्नेह भोलानाथ को सुरक्षा प्रदान करता है। इसीलिए हम कह सकते हैं कि मों के औँचल में बच्चा स्वयं को सुरक्षित महसूस करता है।

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(ख) ‘मैं क्यों लिखता हूँ’ प्रश्न के उत्तर में लेखक क्या कारण बताता है?
उत्तर :
एक सच्चा लेखक आंतरिक स्तर पर संवेदनशील होता है। उसके अंतर्मन की अनुभूतियाँ ही उसे लिखने के लिए प्रेरित करती है। लेखक लिखकर ही अपनी आंतर्चिक विवशता को स्वयं पहचानता है तथा दूसरों को दिखाता है।
लेखन एक कला है। कभी-कभी यह बाह्म म्रेरणा स्रोतों से प्रभावित भी होता है। अपनी ख्याति के लिए, संपादकों के आग्रह अथवा आर्थिक आवश्यकताओं के कारण भी रचनाकार लिखने को विवश होता है।

(ग) ‘मेहनतकश बादशाहों का शहर’ किस शहर को कहा गया है और क्यों?
उत्तर :
गतोक (गैंगटोंक) पर्वतीय स्थल है। पर्वतीय क्षेत्र होने के करण यहाँ की परिस्थितियी भी अत्त्यत कठिन है। अवनी आवश्यकताएँ पूरी करने के लिए यहाँ लोगों को कठोर मेहनत करनी पड़ती है। पहाड़ों को काटकर रास्ता बनाना पड़ता है। पत्थरों पर बेठकर औरतें कुदाल व हृथड़े से पत्थर तोड़ती है। कुछ औरतों की पीठ पर बँँधी टोकरी में उनके बच्चे बँंधे हुए होते हैं। उनकी मातृत्व भावना और भम-साधना साथ-साथ देखी जा सकती है।
औरतें रास्ता बनाती और लकड़ियों के भारी-भरक्म गट्ठर उठाती है। हरे-भरे बागानों में युवतियाँ ‘बोकु’ पहने चाय की पत्तियाँ तोड़ती हैं। बच्चे भी अपनी माँ के साथ काम करते हैं। यहाँ लोग अत्यंत कठिन परित्तिथियों में जीयन जीते हैं, इसीलिए लेखिका ने गंतोक को ‘मेहनतकश बादशाहों का शहर’ कहा है।

प्रश्न 14.
त्रिम्नलिखित तीन विषयों में से किसी एक विषय पर लगभग 120 शब्दों में एक अनुच्छेद लिखिए।
(क) ई-कचरा
संकेत बिंदु

  • तात्पर्य
  • ई-कचरे से समस्याएँ
  • ई-कचरे का निपटान

उत्तर :
ई-कचरा
ई-कचरा आधुनिक समय की एक गंभीर समस्या है। वर्तमान समय में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में काफ़ी काम हो रहा है। इसके फलख्वरूप, आज नित नए-नए उन्नत तकनीक वाले इलेक्ट्रॉनिक यंत्रों का उत्पादन हो रहा है। जैसे ही बाजार में उन्नत तकनीक वाला उत्पाद आता है, वैसे ही पुराने यंत्र बेकार पड़ जाते हैं। इसी का नतीजा है कि आज कंप्यूटर, लैपटॉंप, मोबाइल फोन, टीवी, रेडियो, प्रिंटर, आई-पोड्स आदि के रूप में ई-कथरा बढ़ता जा रहा है। एक अनुमान के अनुसार एक वर्ष में पूरे विश्व में लगभग 50 मिलियन टन ई-कचरा उत्पन्न होता है। यह अत्यंत चिंता का विषय है कि ई-कचरे का नियटान उस दर से नहीं हो पा रहा है, जितनी तेज़ी से यह उत्पन्न हो रहा है। ई-कचरे को खुले में डालने या जलाने से पर्यावरण के लिए गंभीर समस्याएँ उत्पन्न हो गई हैं, क्योंकि इलेक्ट्रॉनिक यंत्रों में आर्सेनिक, कोबाल्ट, मरकरी, बेरियम, लिथियम, कॉपर, क्रोम, लेड आदि हानिकारक अवयव होते हैं।

इनसे कैससर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा कई गुना बढ़ गया है। ई-कचरे की बढ़ती मात्रा को देख भारत सरकार ने अक्टूबर, 2016 में ई-कचरा प्रबंधन नियम बनाया था। अब समय आ गया है कि ई-कचरे के उचित निपटान और पुनः चक्रण पर ध्यान दिया जाए अन्यथा पूरी दुनिया शीघ ही ई-कचरे का ढेर बन जाएगी। इसके लिए विकसित देशों को आगे आना होगा और विकासशील देशों के साथ अपनी तकनीकों को साझा करना होगा, क्योंकि विकसित देशों में ही ई-कचरे का उत्पादन अघिक होता है और वे जब्तब चोरी-छिपे विकासशील देशों में उसे भेजते रहते हैं। इस समस्या से निपटने के लिए संपूर्ण विश्व को एक्जुट होकर कार्य करना होगा।

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(ख) आत्मविश्वास और सफलता
संकेत बिंदु

  • भूमिका
  • महत्तव
  • आत्मविश्वास की पहचान

उत्तर :
आत्मविश्वास और सफलता
आत्मविश्वास एक मानसिक एवं आध्यात्मिक शक्ति है। आत्मविश्वास से ही विचारों की स्वाधीनता प्राप्त होती है और इसके कारण ही महान कार्यो के संपादन में सरलता और सफलता मिलती है। जो व्यक्ति आत्मविश्वास से ओत-प्रोत है, उसे अपने भविष्य के प्रति किसी प्रकार की चिंता नहीं रहती। दूसरे व्यक्ति जिन संदेह और शंकाओं से दबे रहते है, वे उनसे सदैव मुक्त रहते हैं, यह मनुष्य की आंतरिक भावना है। इसके बिना जीवन में सफल होना अनिश्चित है। छात्रों को अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए हमेशा प्रेरणा की आवश्यकता होती है और प्रेरणा से आत्मविश्वास बढ़ता है।

आत्मविश्वास सीधे हमारी सफलता से जुड़ा होता है। जितना अधिक छात्र प्रेरित होता है, उतने ही अधिक अंक वह प्राप्त कर सकता है। वर्तमान समय में यदि हमें कुछ पाना है, किसी भी क्षेत्र में कुछ करके दिखाना है, जीवन को खुशी से जीना है, तो इन सबके लिए आत्मविश्वास का होना परम आवश्यक है। आत्मविश्वास में वह शक्ति है, जिसके द्वारा हम कुछ भी कर सकते हैं। अपने ऊपर विश्वास रखकर ही हम बड़े से बड़ा कार्य कर सकते हैं और अपना जीवन सहज बना सकते हैं। मधुमक्खी कण-कण से ही शहद इकट्ठा करती है। उसे कहीं से इसका भंडार नहीं मिलता। उसके छते में भरा शहद उसके आत्मविश्वास और कठिन परिश्नम का ही परिणाम होता है।

दुनिया में ईश्वर ने सभी को अनत शक्तियाँ प्रदान की हैं। हर किसी में कोई-न-कोई विशेष गुण होता है। हमें केवल अपने अंदर के उस विशेष गुण को पहचानने तथा निखारने की आवश्यकता है। जो काम दूसरे कर सकते हैं वे काम आप क्यों नहीं कर सकते। यदि आपका अपने ऊपर विश्वास है, तो कोई भी कार्य असंभव नहीं है। जरूरत है तो बस आत्मविश्वास बनाए रखने की तथा आत्मविश्यास जगाने की, क्योंकि आत्मविश्वास से ही मनुष्य जीवन के किसी भी मार्ग में सफलता प्राप्त कर सकता है। अंततः कहा जा सकता है कि आत्मविश्वास मनुष्य के अंदर ही समाहित होता है। आपको इसे कहीं से लाने की आवश्यकता नहीं होती। बस जरूरत है अपने अंदर की आंतरिक शक्तियों को इकट्ठा कर अपने आत्मविश्वास को मजबूत करने की।

(ग) प्लास्टिक मुक्त भारत
संकेत बिंदु

  • भूमिका
  • सरकार के फैसले
  • प्लास्टिक मुक्त भारत में हमारा योगदान

उत्तर :
प्लास्टिक मुक्त भारत
आज के समय में प्लास्टिक प्रदूषण पर्यावरण के लिए एक गंभीर संकट बन गया है और आने वाले समय में यह और भी अधिक भयावह होने वाला है। आज प्लास्टिक का उपयोग इतना अधिक होने लगा है कि यह हमारे पर्यावरण और पृथ्वी के जनजीवन पर बहुत बुरा प्रभाव डाल रहा है। प्लास्टिक वस्तुओं की बढ्ती माँग के कारण विश्वभर में प्लास्टिक का उत्पादन बढ़ता जा रहा है। भारत को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए सरकार को अब किसी नई संस्था को प्लास्टिक उत्पाद्न की मंजूरी नहीं देनी वाहिए, ताकि प्लास्टिक के उत्पादन को नियंत्रित किया जा सके। भारत को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए सरकार को कड़े फैसले लेने की आवश्यकता है। कुछ जरुरी कदम हैं, जिनका आवश्यक रूप से पालन किया जाना चाहिए

(i) कई देशों की सरकारों द्वारा प्लास्टिक बैग का उपयोग प्रतिबंधित कर दिया गया है, क्योंकि इसके द्वारा ही सबसे अधिक प्लास्टिक प्रदूषण फेलता है, हालाँकि भारत जैसे कुछ देशों में इन प्रतिबंधों को सही ढंग से लागू नहीं किया गया है, विंतु यदि भारत को प्लास्टिक मुक्त बनाना है, तो सरकार को प्लास्टिक बैग के उपयोग को रोकने के लिए कड़े फैसले लेने ही होंगे।
(ii) इसके साथ ही लोगों में प्लास्टिक कचरे के पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव को लेकर जागरूकता फैलाने की भी आवश्यकता है। यह कार्य टेलीविजन और रेडियो व विश्ञापनों आदि के माध्यम से आसानी से किया जा सकता है।
(iii) हम चाहे जितना भी प्रयास कर लें, परंतु प्लास्टिक उत्पादों के उपयोग को पूर्ण रूप से बंद नहीं कर सकते। लेकिन हम चाहें तो इसके उपयोग को निश्चित रूप से कम जरूर कर सकते है। भारत को प्लास्टिक मुक्त करना मात्र सरकार की ही जिम्मेदारी नहीं है और सरकार अकेले इस विषय में कुछ भी नहीं कर सकती। एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते यह हमारा कर्त्तव्य है कि प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने में हम भी अपना महत्त्वपूर्ण योगदान दें।
अंततः यही कहा जा सकता है कि भारत को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को इस समस्या के निवारण के लिए आगे आना होगा और अपना बहुमूल्य योगदान देना होगा।

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प्रश्न 15.
किसी एक विषय पर लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखिए। (5 × 1 = 5)
आपका नाम दिशा/दक्ष है। आपकी आयु मतदान करने योग्य हो गई है। आपने मतदाता पहचान-पत्र बनवाने के लिए गरुण ऐप के द्रारा आवेदन कर दिया है, किंतु काफी समय के बाद भी आपका मतदाता पहचान-पत्र आपको नहीं मिला। मतदाता पहचान-पत्र के वितरण में देरी की शिकायत करते हुए अपने क्षेत्र के बी. एल. ओ. (ब्लॉक लेवल ऑफिसर) को लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखिए।
अथवा
आपका नाम दिशा/दक्ष है। आप अपने आसपास अनेक अशिक्षित प्रौढ़ों को देखते हैं और उन्हें साक्षर बनाने हेतु कुछ प्रयास करते हैं। इस विषय में जानकारी देते हुए लगभग 100 शब्दों में अपने मित्र मानव को पत्र लिखिए।
उत्तर :
परीक्षा भवन, दिल्ली।
दिनांक 28 फरवरी, 2022
सेवा में,
बी. एल. ओ. (ब्लॉक लेवल ऑफिसर)
दिल्ली।
विषय मतदाता पहृान-पत्र वितरण में देरी के संबंध में।
महोदय,
सविनय निवेदन यह है कि मेरी आयु मतदान करने योब्य हो गई है इसीलिए मैंने गरुण ऐप के द्वारा अपने मतदाता पहचान-पत्र के लिए आवेदन किया था। आवेदन किए हुए एक महीने से भी ऊपर हो गया है, परंतु अभी तक भी मेरा मतदाता पहचान-पत्र मुझे पाप्त नहीं हुआ है और अगले सप्ताह में एम.सी. डी. चुनाय भी हैं, जिनमें पहचान-पत्र न होने के कारण में मतदान नहीं कर पाक्कैगा।
इसीलिए मेरा आपसे विनम्र निवेदन है कि मुझे मेरा मतदाता पहचान-पत्र जल्द-से-जल्द उपलब्र कराने की कृपा करें जिससे में आने वाले चुनाव में मतदान कर सकूँा
घन्यवाद
भवदीय
क.ख.ग.

अथवा

परीक्षा भवन,
दिल्ली।
दिनांक 22 मार्च, 20 X X
मिय मित्र मानव
नमस्कार,
आशा है कि तुम स्वस्थ होंगे और घर पर सभी लोग भी स्वस्थ होंगे। मे तुम्हें यह बताना चाहता हूँ कि मेरे घर के आस-पास अनेक अशिक्षित प्रौद व्यक्ति हैं। उनके पास न घर हैं न वस्त्र हैं। वह लोग सड़क पर ही अपना जीवन व्यतीत कर रहे है। मैं उनको जब भी देखता हैं मेरा मन भर आता है इसीलिए मेंने उन्हें सक्षर बनाने के लिए फ्री कक्षा शुरू की है। उन्हें किताबें तथा जानकारी की वस्तुएँ उपलब्य कराई हैं, जिससे की वह पढ़ाई करें और अपने लिए एक अच्छा मार्ग दूँढ सकें।

में तुमसे अनुरोध करता हूं कि भविष्य में यदि तुम्हें भी कही ऐसी सेवा करने का अवसर मिले तो अवश्य ही करना। इससे मन को बहुत शांति प्राप्त होती है।

तुक्हारा मित्र
दक्ष

CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 4 with Solutions

प्रश्न 16.
आप माही खंडेलवाल हैं। आप एम.ए.बी.एड. हैं। आपको महावीर इंटरनेशनल स्कूल अ.ब.स. नगर में अंग्रेजी अध्यापिका पद के लिए आवेदन करना है। इसके लिए आप अपना एक संक्षिप्त स्ववृत्त (बायोडाटा) लगभग 80 शब्दों में तैयार कीजिए।
अथवा
आप राजीव कुमार हैं। आपका बैंक ऑफ बड़ौदा में खाता है। उसमें आपने एटीएम कार्ड के लिए आवेदन किया था, जो 1 माह के पश्चात् भी प्राप्त नहीं हुआ। अतः महाप्रबंधक महोदय को शिकायत करते हुए लगभग 80 शब्दों में एक ई-मेल लिखिए।
उत्तर :
स्ववृत्त
नाम : माही खंडेलवाल
पिता का नाम : श्री प्रकाश खंडेलवाल
माता का नाम : श्रीमती प्रतिभा खंडेलवाल
जन्म तिथि : 16 मार्च, 19XX
वर्तमान पता : D-91, जनता कॉलोनी, आदर्श नगर, जयपुर
स्थायी पता : उपर्युक्त
दूरभाष नंबर : 0141241XX X X
मोबाइल नंबर : 924599XXXX
ई-मेल : 23#ahi@gmail.com

शैक्षणिक योग्यताएँ

CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 4 with Solutions 1

अन्य संबंधित योग्यताएँ

कंप्यूटर का विशेष ज्ञान और अभ्यास (एम,एस ऑफिस इंटरनेट)
हिंदी भाषा का ज्ञान

उपलब्धियाँ

सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता (राज्य स्तरीय वर्ष 2014) में प्रथम पुरस्कार अनुभव
प्राची इंटरनेशनल स्कूल में 5 वर्ष का अनुभव

संदर्भित व्यक्ति का विवरण

श्री मदनलाल शर्मा प्रिसिपल राजकीय विद्यालय, जयपुर

तिथि 7.10 .2021
स्थान जयपुर

माही खंडेलवाल
हस्ताक्षर

अथवा

CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 4 with Solutions 2

प्रश्न 17.
आप अपना पुराना स्मार्टफोन बेचना चाहते हैं, उससे संबंधित एक आकर्षक विज्ञापन लगभग 40 शब्दों में लिखिए। (4 × 1 = 4)
अथवा
आप वीणा/ विकास हैं। आपकी छोटी बहन ने विद्यालय की वार्षिक परीक्षा में पूरे विद्यालय में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। उसे बधाई देते हुए 40 शब्दों में एक संदेश लिखिए।
उत्तर :
CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 1 with Solutions 1.3
अथवा

बधाई संदेश
दिनांक 3 अप्रैल, 20XX
समय 2:00 बजे दोपहर
प्रिय बहन!
आज तुमने अपने विद्यालय में प्रथम स्थान प्राप्त किया उसके लिए बहुत-बहुत बधाई।
तुम्हारे आत्मविश्वास और अथक परिश्रम के कारण ही यह संभव हुआ है। तुम्हारी यह उन्नति हमारे लिए प्रेरणादायी है। ईश्वर तुम्हें जीवन के प्रत्येक कदम पर सफलता प्रदान करें। आशा करती हूँ कि तुम भविष्य में भी इसी प्रकार से उन्नति करती रहो।

तुम्हारी बड़ी बहन
वीणा

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