Students must start practicing the questions from CBSE Sample Papers for Class 9 Hindi A with Solutions Set 9 are designed as per the revised syllabus.
CBSE Sample Papers for Class 9 Hindi A Set 9 with Solutions
समय: 3 घंटे
पूर्णांक: 80
सामान्य निर्देश:
- इस प्रश्न- पत्र में कुल 15 प्रश्न हैं। सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
- इस प्रश्न-पत्र में कुल चार खंड हैं- क, ख, ग, घ।
- खंड-क में कुल 2 प्रश्न हैं, जिनमें उप- प्रश्नों की संख्या 10 है।
- खंड-ख में कुल 4 प्रश्न हैं, जिनमें उप- प्रश्नों की संख्या 20 है । दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए 16 उप- प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
- खंड-ग में कुल 5 प्रश्न हैं, जिनमें उप- प्रश्नों की संख्या 21 है।
- खंड-घ में कुल 4 प्रश्न हैं, सभी प्रश्नों के साथ उनके विकल्प भी दिए गए हैं।
- प्रश्नों के उत्तर दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए लिखिए।
खंड ‘क’ (अपठित बोध) (14 अंक)
इस खंड में अपठित गद्यांश व काव्यांश से संबंधित तीन बहुविकल्पीय (1 × 3 = 3) और दो अतिलघूत्तरात्मक व लघूत्तरात्मक (2 × 2 = 4) प्रश्न दिए गए हैं।
प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
हम चाहते हैं कि भविष्य में अच्छे नागरिक मिलें, तो हमें विद्यार्थियों को सभी दृष्टि से योग्य बनाना पड़ेगा। पहली बात उनमें राष्ट्रभक्ति की भावना का संचार कराने की है। हमारा विद्यार्थी वर्ग स्वयं को राष्ट्र की धरोहर समझकर अपनी रक्षा करें। उसे यह बात मन में ठान लेनी है कि उसके ऊपर भारत की रक्षा का भार है । उसे स्मरण रखना होगा कि वह उस महान राष्ट्र का नागरिक होने जा रहा है, जिसने आदिकाल में ही ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ की उद्घोषणा की थी। उसे इसका हमेशा पालन करना है । दूसरी बात यह है कि उसे कर्मठ बनना है। आलस्य को अपना महान शत्रु समझकर उसकी छाया से भी घृणा करनी है। विदेशों से होड़ करने के लिए हमारे छात्रों को समय से काम करने की आदत डालनी होगी। अधिक समय तक काम करने के लिए धैर्य के गुण का विकास करना होगा। आज सामूहिक प्रयत्नों की आवश्यकता है। तभी देश से दरिद्रता खत्म होगी और अज्ञान का अंधकार दूर होगा।
(क) विद्यार्थियों को योग्य बनाना पड़ेगा जिससे कि उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए।
1. भविष्य में अच्छे नागरिक मिलें।
2. उनकी शिक्षा की तरफ ध्यान देना होगा।
3. विद्यार्थियों को उचित सुविधा देनी होगी।
4. विद्यार्थियों को कर्मठ बनाना होगा।
(i) 1 और 2 सही हैं
(ii) 3 और 4 सही हैं
(iii) केवल 1 सही है
(iv) 1, 2, 3 और 4 सही हैं
उत्तरः
(iii) केवल 1 सही है विद्यार्थियों को योग्य बनाना पड़ेगा जिससे कि भविष्य में अच्छे नागरिक मिलें।
(ख) सुमेलित कीजिए
सूची I
A. स्वयं को राष्ट्र की धरोहर समझकर अपनी रक्षा करे।
B. की रक्षा का भार है।
C. गुण का विकास करना होगा।
सूची II
1. भारत
2. धैर्य के
3. विद्यार्थी
(i) 1 2 3
(ii) 3 1 2
(iii) 2 3 1
(iv) 1 3 2
उत्तरः
(ii) 3, 1, 2 विद्यार्थी स्वयं को राष्ट्र की धरोहर समझकर अपनी रक्षा करे, भारत की रक्षा का भार उसी पर है तथा उनमें धैर्य के गुण का विकास करना होगा।
(ग) कथन (A) विद्यार्थियों को कर्मठ बनना है।
कारण (R) आलस्य को अपना महान शत्रु समझकर उससे घृणा नहीं करनी है।
(i) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या करता है ।
(ii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही है, परंतु कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या नहीं करता है ।
(iii) कथन (A) सही है, किंतु कारण (R) गलत है।
(iv) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है।
उत्तरः
(ii) (A) और (R) दोनों सही हैं, परंतु (R), (A) की सही व्याख्या नहीं करता है । गद्यांश के अनुसार, विद्यार्थी को कर्मठ बनना है और आलस्य को अपना शत्रु समझकर उससे घृणा करनी चाहिए।
(घ) विद्यार्थियों को विदेशों से होड़ करने के लिए क्या करना चाहिए? स्पष्ट कीजिए।
उत्तरः
विद्यार्थियों को विदेशों से होड़ करने के लिए समय से कार्य करने की आदत डालनी होगी तथा इसके लिए अधिक समय तक कार्य करने के लिए धैर्य के गुण का विकास करना होगा।
(ङ) देश के विकास के लिए विद्यार्थियों को क्या करना चाहिए?
उत्तरः
देश के विकास के लिए विद्यार्थियों को स्वयं को राष्ट्र की धरोहर समझना चाहिए तथा अपनी रक्षा करनी चाहिए। उनको यह बात मन में निश्चित कर लेनी चाहिए कि देश की रक्षा का भार उनके ऊपर है। उनको आलस्य को त्यागकर कर्मठ बनना चाहिए।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित काव्यांश पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
मानो, जनता है फूल जिसे अहसास नहीं,
जब चाहो तभी उतार सजा लो दोनों में;
अथवा कोई दुधमुँही जिसे बहलाने के
जंतर-मंतर सीमित हों चार खिलौनों मे।
लेकिन होता भूडोल, बवंडर उठते हैं,
जनता जंब कोपाकुल हो भृकुटि चढ़ाती है;
दो राह समय के रथ का घर्घर – नाद सुनो,
सिंहासन खाली करो कि जनता आती है।
हुँकारों से महलों की नींव उखड़ जाती,
साँसों के बल से ताज हवा में उड़ता है,
जनता की रोके राह, समय में ताव कहाँ?
वह जिधर चाहती, काल उधर ही मुड़ता
अब्दों, शताब्दियों, सहस्राब्द का अंधकार
बीता; गवाक्ष अंबर के दहके जाते
यह और नहीं कोई, जनता के स्वप्न अजय
चीरते तिमिर का वक्ष उमड़ते जाते हैं।
(क) जनता के हुंकारों से महलों की नींव उखड़ने का क्या अभिप्राय है? उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए।
1. अत्याचार सहन करना
2. शोषकों के घर तोड़ना
3. अशांति फैलाना
4. शोषकों की सत्ता छिनना
(i) 1 और 2 सही हैं
(ii) 3 और 4 सही हैं
(iii) केवल 3 सही है
(iv) केवल 4 सही है
उत्तरः
(iv) केवल 4 सही है। जनता की हुंकारों से महलों की नींव उखड़ने से अभिप्राय है कि जब जनता क्रांति पर उतरती है, तो महलों में रहने वाले शोषकों को सत्ता के छिनने का भय सताने लगता है और वे भयभीत हो जाते हैं।
(ख) कथन (A) शताब्दियों से फैला अंधकार दूर हो रहा है।
कारण (R) जनता द्वारा अपना अधिकार प्रयोग किया जा रहा है।
(i) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
(ii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, लेकिन कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या नहीं करता है।
(iii) कथन (A) सही है, किंतु कारण (R) गलत है।
(iv) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है।
उत्तरः
(i) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या करता है । शताब्दियों से फैला अंधकार दूर हो रहा है, क्योंकि जनता द्वारा अपना
अधिकार का प्रयोग किया जा रहा है।
(ग) ‘जंतर-मंतर सीमित हो चार खिलौनों में पंक्ति में निहित मूलभाव क्या है?
(i) वायदे मात्र करके जनता को बहलाना
(ii) बच्चों को खिलौने बाँटना
(iii) भारतीय जनता बच्चों के समान कमज़ोर है
(iv) खिलौने रूपी सुंदर बातों द्वारा शासक वर्ग को आकर्षित करना
उत्तरः
(i) वायदे मात्र करके जनता को बहलाना जंतर-मंतर सीमित हो चार खिलौनों में’ पंक्ति में निहित भाव यह है कि शासक वर्ग वायदे मात्र करके जनता को बहलाता है और अपना उल्लू सीधा करता है।
(घ) जनता का मार्ग रोकने की हिम्मत किसमें नहीं है?
उत्तरः
जनता का मार्ग रोकने की हिम्मत समय में नहीं है।
(ङ) जनता की तुलना फूलों से क्यों की गई है ?
उत्तरः
जनता की तुलना फूलों से इसलिए की गई है, क्योंकि फूलों की तरह जनता को कभी सिर – आँखों पर बिठाया जाता है, तो कभी नीचे गिरा दिया जाता है।
खंड ‘ख’ (व्याकरण) (16 अंक)
व्याकरण के लिए निर्धारित विषयों पर अतिलघूत्तरात्मक व लघूत्तरात्मक 20 प्रश्न दिए गए हैं, जिनमें से केवल 16 प्रश्नों (1 × 16 = 16) के उत्तर देने हैं।
प्रश्न 3.
निर्देशानुसार शब्द निर्माण पर आधारित पाँच प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
(क) ‘दुस्साहस’ शब्द में से उपसर्ग और मूल शब्द अलग कीजिए।
उत्तरः
‘दुस्साहस’ शब्द में ‘दुस्’ उपसर्ग व ‘साहस’ मूल शब्द के योग से बना है।
(ख) ‘सम्’ उपसर्ग लगाकर दो शब्द लिखिए।
उत्तरः
‘सम्’ उपसर्ग से बने दो शब्द निम्नलिखित हैं
(i) सम्मान = सम् + मान
(ii) ‘संपूर्ण = सम् + पूर्ण
(ग) ‘अपनापन’ शब्द में से प्रत्यय और मूल शब्द अलग कीजिए।
उत्तरः
‘अपनापन’ शब्द में ‘अपना’ मूल शब्द व ‘पन’ प्रत्यय है।
(घ) ‘आहट’ शब्द में प्रत्यय लगाकर दो शब्द लिखिए।
उत्तरः
‘आहट’ प्रत्यय से बने दो शब्द हैं
(i) घबराहट घबरा + आहट
(ii) गड़गड़ाहट गड़गड़ + आहट
(ङ) ‘निराहारी’ शब्द में प्रत्यय व उपसर्ग बताइए।
उत्तरः
‘निराहारी’ शब्द में ‘निर’ उपसर्ग ‘आहार’ मूल शब्द व ‘ई’ प्रत्यय है।
प्रश्न 4.
निर्देशानुसार समास पर आधारित पाँच प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 × 4 = 4)
(क) ‘गृहागत’ में कौन-सा समास है?
उत्तरः
‘गृहागत’ में तत्पुरुष समास है। इसका समास विग्रह ‘घर को आगत’ है।
(ख) ‘यथासमय’ समस्त पद का विग्रह करके समास का नाम लिखिए।
उत्तरः
‘यथासमय’ समस्त पद का विग्रह ‘समय के अनुसार’ है। यहाँ प्रथम पद (यथा) अव्यय शब्द है, इसलिए यहाँ अव्ययीभाव समास है।
(ग) ‘कमलनयन’ समस्त पद का विग्रह करके समास का नाम लिखिए।
उत्तरः
‘कमलनयन’ समस्त पद का विग्रह कमल के समान नयन है। यहाँ प्रथम पद (कमल) विशेषण तथा उत्तरपद (नेत्र) विशेष्य है, इसलिए यहाँ कर्मधारय समास है।
(घ) ‘त्रिभुवन’ में कौन-सा समास है?
उत्तरः
‘त्रिभुवन’ में तीन का समूह है। यहाँ पूर्वपद (त्रि) संख्यावाचक है, इसलिए यहाँ द्विगु समास है।
(ङ) ‘शास्त्रज्ञ’ का समास विग्रह क्या होगा?
उत्तरः
शास्त्रज्ञ का समास – विग्रह ‘शास्त्र का ज्ञाता’ होगा, इसलिए यहाँ कर्मधारय समास है।
प्रश्न 5.
निर्देशानुसार वाक्य भेद पर आधारित पाँच प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
(क) ‘संसार में सभी सुखी हो जाएँ।’ प्रस्तुत वाक्य का अर्थ के आधार पर वाक्य भेद बताइए।
उत्तरः
‘संसार में सभी सुखी हो जाएँ। प्रस्तुत वाक्य अर्थ के आधार पर इच्छावाचक वाक्य है।
(ख) ‘चक्कर लगाने से जूता फटता है।’ प्रस्तुत वाक्य को निषेधवाचक वाक्य में बदलिए।
उत्तरः
चक्कर लगाने से जूता नहीं फटता है।
(ग) ‘आप इस महल की रक्षा करो।’ प्रस्तुत वाक्य को प्रश्नवाचक वाक्य में बदलिए।
उत्तरः
क्या आप इस महल की रक्षा करेंगे?
(घ) ‘विजय सिंह जानवरों की देखभाल करते थे। ‘ प्रस्तुत वाक्य को संकेतवाचक वाक्य में बदलिए।
उत्तरः
यदि विजय सिंह रहते, तो जानवरों की देखभाल करते।
(ङ) ‘रोहन ! तुम रोज पढ़ने आया करो।’ प्रस्तुत वाक्य का अर्थ के आधार पर वाक्य भेद बताइए।
उत्तरः
रोहन ! ‘तुम रोज पढ़ने आया करो’ प्रस्तुत वाक्य अर्थ के आधार पर आज्ञावाचक है।
प्रश्न 6.
निर्देशानुसार अलंकार पर आधारित पाँच प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 × 4 = 4)
(क) ‘कनक- कनक ते सौ गुनी मादकता अधिकाय ।’ प्रस्तुत पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार बताइए।
उत्तरः
प्रस्तुत पंक्ति में कनक शब्द की एक से अधिक बार आवृत्ति हुई है, जिसमें प्रथम कनक का अर्थ है सोना और दूसरे कनक का अर्थ है धतूरा । अतः यहाँ यमक अलंकार है।
(ख) ‘जहाँ जुगल जोड़ी रहती है।’ प्रस्तुत पंक्ति में निहित अलंकार का नाम बताइए।
उत्तरः
प्रस्तुत पंक्ति में ‘ज’ वर्ण की एक से अधिक बार आवृत्ति होने के कारण यहाँ अनुप्रास अलंकार है।
(ग) ‘विमलांबरा रजनी वधू, अभिसारिका सी जा रही । ‘ प्रस्तुत काव्य पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार का नाम बताइए।
उत्तरः
प्रस्तुत काव्य पंक्ति में ‘विमलांबरा’ शब्द के दो भिन्न-भिन्न अर्थ हैं। रजनी अर्थात् रात्रि के पक्ष में ‘विमलांबरा’ शब्द का अर्थ है- विमल (स्वच्छ ), अंबर (आकाश) वाली तथा अभिसारिका के पक्ष में ‘विमलांबरा’ का अर्थ है- स्वच्छ वस्त्रों वाली। अतः यहाँ श्लेष अलंकार है।
(घ) ‘जग पड़ा देखो खगों का कुल महान, छिड़ गया जग में सम्मिलित मधुर गान ।’ प्रस्तुत काव्य पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार का नाम बताइए।
उत्तरः
प्रस्तुत काव्यांश में ‘जग’ शब्द दो बार आया है। प्रथम ‘जग का अर्थ ‘जगना’ है तथा दूसरे ‘जग का अर्थ संसार या दुनिया है। अतः यहाँ यमक अलंकार है।
(ङ) ‘कुकि कुकि कलित कुंजन करत कलोल ।’ प्रस्तुत काव्य पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार का नाम बताइए।
उत्तरः
प्रस्तुत काव्य पंक्ति में ‘क’ वर्ण की एक से अधिक बार आवृत्ति होने के कारण यहाँ अनुप्रास अलंकार है।
खंड ‘ग’ (पाठ्यपुस्तक एवं पूरक पाठ्यपुस्तक) (30 अंक)
इस खंड में पाठ्यपुस्तक एवं पूरक पाठ्यपुस्तक से प्रश्न पूछे गए हैं, जिनके निर्धारित अंक प्रश्न के सामने अंकित हैं।
प्रश्न 7.
निम्नलिखित पठित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
यह विलासिता की सामग्रियों से बाजार भरा पड़ा है, जो आपको लुभाने की जी-तोड़ कोशिश में निरंतर लगी रहती हैं। दैनिक जीवन में काम आने वाली वस्तुओं को ही लीजिए। टूथपेस्ट चाहिए? यह दाँतों को मोती जैसा चमकीला बनाता है, मुँह की दुर्गंध हटाता है। यह मसूड़ों को मजबूत करता है और यह ‘पूर्ण सुरक्षा’ देता है। वह सब करके जो तीन-चार पेस्ट अलग-अलग करते हैं, किसी पेस्ट का ‘मैजिक’ फार्मूला है। कोई बबूल या नीम के गुणों से भरपूर है, कोई ऋषि-मुनियों द्वारा स्वीकृत तथा मान्य वनस्पति और खनिज तत्त्वों के मिश्रण से बना है। जो चाहे चुन लीजिए।
(क) आज बाजार में किन चीजों की भरमार है?
(i) टूथपेस्ट की
(ii) मैजिक फार्मूला की
(iii) विलासिता की सामग्रियों की
(iv) खनिज तत्त्वों की
उत्तरः
(iii) विलासिता की सामग्रियों की गद्यांश के अनुसार, आज बाजार में विलासिता की सामग्रियों की भरमार है, जो हमें लुभाने की कोशिश में लगी रहती हैं।
(ख) टूथपेस्ट के विज्ञापनों का क्या आधार है? उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए।
1. दाँतों को चमकीला बनाता है
2. मुँह की दुर्गंध मिटाता है
3. मसूड़ों को मजबूत करता है
(i) 1 और 2 सही हैं।
(ii) केवल 4 सही है
(iii) 1, 2 और 3 सही हैं।
(iv) 1, 2 और 3 सही हैं
उत्तरः
(iii) 1, 2 और 3 सही हैं । गद्यांश के अनुसार, टूथपेस्ट के विज्ञापनों का आधार दाँतों को चमकीला बनाना, मुँह की दुर्गंध मिटाना, मसूडों को मजबूत बनाना है।
(ग) विज्ञापनों द्वारा _____ प्रयास किया जाता है। उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए।
1. उपभोक्ताओं को ज्ञान देने का
2. उपभोक्ताओं को दिग्भ्रमित करने का
3. उपभोक्ताओं को मजबूत बनाने का
4. सुरक्षा का
(i) 1 और 2 सही हैं
(ii) 3 और 4 सही हैं।
(iii) 3 और 4 सही हैं
(iv) केवल 3 सही है।
उत्तरः
(ii) केवल 2 सही है विज्ञापनों के द्वारा वस्तुओं के लुभावने तरीके से उपभोक्ताओं को दिग्भ्रमित करने का प्रयास किया जाता है।
(घ) किसी पेस्ट का मैजिक फार्मूला ऋषि मुनियों द्वारा वनस्पति व खनिज तत्त्वों के मिश्रण से बना है।
(i) अस्वीकृत व अलग
(ii) पूर्ण सुरक्षा
(iii) अलग-अलग
(iv) स्वीकृत और मान्य
उत्तरः
(iv) स्वीकृत और मान्य किसी पेस्ट का मैजिक फार्मूला ऋषि मुनियों द्वारा स्वीकृत और मान्य वनस्पति व खनिज तत्त्वों के मिश्रण से बना है।
(ङ) कथन (A) विलासिता की सामग्रियों से बाजार भरा पड़ा है।
कारण (R) विलासिता की सामग्रियाँ समाज में बढ़ती हुई उपभोक्तावादी संस्कृति और भौतिकवाद को इंगित करती हैं।
(i) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
(ii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, परंतु कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या नहीं करता है।
(iii) कथन (A) सही है, किंतु कारण (R) गलत है।
(iv) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है।
उत्तरः
(ii) A और R दोनों सही हैं, परंतु R, A की सही व्याख्या नहीं करता है । गद्यांश के अनुसार, लेखक बताते हैं कि बाजार विलासितापूर्ण सामग्रियों से भरा पड़ा है, जो विज्ञापनों के माध्यम से आपको लुभाने की जी-तोड़ कोशिश में निरंतर लगी रहती है। लोग अपने जीवन को सुखद और आरामदायक बनाने के लिए इन वस्तुओं को अपनाते हैं।
प्रश्न 8.
गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए। (2 x 3 = 6 )
(क) “मैं तुम्हारी फोटो देखते-देखते रो पड़ना चाहता हूँ।” यहाँ लेखक ने प्रेमचंद के किन दुःखों को व्यक्त करने का प्रयास किया है? ‘प्रेमचंद के फटे जूते’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तरः
प्रेमचंद के जीवन में अनेक परेशानियाँ रही होंगी, जिनके कारण वे दुःखी होंगे, किंतु उन दुःखों को उन्होंने अपने मन में ही छिपाए रखा, लेकिन जब वह अपनी पत्नी के साथ फोटो खिंचा रहे थे, तब वह दु:ख पूर्ण रूप से उनके चेहरे से गायब नहीं हो सका। लेखक को सबसे अधिक दुःख यही हुआ है कि इतना बड़ा कथाकार, उपन्यासकार होने के बाद भी प्रेमचंद के पास ढंग की वेशभूषा और जूते भी नहीं थे।
(ख) सुमति के व्यक्तित्व की किस विशेषता के कारण सभी लोग उसका आदर-सम्मान करते थे? ‘ल्हासा की ओर’ पाठ के आधार पर उत्तर दीजिए।
उत्तरः
सुमति एक मंगोल भिक्षु था। वह दूर-दूर तक गाँव के लोगों के लिए पुरोहित का काम करता था। वह अपने यजमानों में बहुत लोकप्रिय था। उसके यजमान उस पर बहुत श्रद्धा एवं विश्वास रखते थे। सुमति अत्यंत मिलनसार स्वभाव का था । वह बोधगया से गंडे-ताबीज लाकर अपने यजमानों में बाँटता था। अतः अत्यंत व्यवहार कुशल होने के कारण सभी लोग उसका सम्मान करते थे।
(ग) “इतना तो हो ही गया कि नौ-दस प्राणियों की जान बच गई। वे सब तो आशीर्वाद देंगे।” इस कथन के आलोक में पाठ ‘दो बैलों की कथा’ के आधार पर मोती की विशेषताएँ बताइए।
उत्तरः
“इतना तो हो ही गया कि नौ-दस प्राणियों की जान बच गई। वे सब तो आशीर्वाद देंगे” मोती के इस कथन से पता चलता है कि मोती की उग्रता के पीछे दयालुता की भावना छिपी है। वह किसी पर भी अत्याचार या अन्याय होते हुए नहीं देख सकता, उसमें परहित की सर्वश्रेष्ठ भावना व्याप्त है। वह कांजीहौस में पशुओं पर दया करके हीरा द्वारा दीवार तोड़ने के काम में साथ देता है। वह स्वयं को जोखिम में डालकर अत्याचारी के खिलाफ लड़ सकता है।
(घ) ‘साँवले सपनों की याद’ पाठ के आधार पर सालिम अली के व्यक्तित्त्व का चरित्र-चित्रण कीजिए।
उत्तरः
सालिम अली शरीर से दुबले-पतले थे। अतः वे कमज़ोर थे, लेकिन उनकी दृष्टि में सूक्ष्म निरीक्षण शक्ति प्रबल थी। वे जिज्ञासु प्रवृत्ति के थे। वे पक्षियों की गतिविधियों के पारखी थे। वे प्रकृति तथा पक्षियों से अत्यधिक प्रेम करते थे। उनके गले में सदा दूरबीन लटकी रहती थी। वे अत्यधिक संवेदनशील थे। उनका संपूर्ण जीवन पक्षियों के जीवन की जानकारी एवं खोजबीन करने में ही बीता था।
प्रश्न 9.
निम्नलिखित पठित काव्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प लिखिए।
ऊँचे कुल का जनमिया, जे करनी ऊँच न होई।
सुबरन कलस सुरा भरा, साधु निंदा सोई ||
(क) ‘ऊँचे कुल का जनमिया, जे करनी ऊँच न होई। ‘ पंक्ति में किस स्थिति की ओर संकेत है? उचित विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
1. जो व्यक्ति उच्च कुल में जन्म लेकर कर्म ऊँचे नहीं करता है
2. जो व्यक्ति उच्च कुल में जन्म लेकर स्वार्थ के कार्य करता है।
3. जो व्यक्ति केवल पुरुषार्थ के कार्य करता है।
4. जो व्यक्ति केवल धार्मिक कार्य करता है।
(i) केवल 1 सही है चुनकर
(ii) 2 और 3 सही हैं
(iii) 3 और 4 सही हैं
(iv) ये सभी
उत्तरः
(i) केवल 1 सही है कबीर के अनुसार, मनुष्य की श्रेष्ठता उसके उच्च कर्मों से होती है। ऊँचे कर्मों को आधार बनाकर ही मनुष्य श्रेष्ठ व उच्च स्थान को प्राप्त कर सकता है।
(ख) साधु किसकी निंदा करते हैं?
(i) स्वर्ण पात्र की
(ii) ऊँचे
(iii) सोने के कलश में रखी शराब की
(iv) ये सभी
उत्तरः
(iii) सोने के कलश में रखी शराब की पद्यांश के अनुसार, यदि शराब या मदिरा सोने के कलश में भी भरी हो तो भी ज्ञानीजन की दृष्टि में वह निंदनीय रहेगी।
(ग) प्रस्तुत पद्यांश में ‘सुरा’ शब्द प्रतीक है पर्युक्त विकल्प का चयन कीजिए।
1. अच्छाइयों का
2. शराब का
3. मदिरा का
4. बुराइयों का
(i) केवल 1 सही है
(ii) 2 और 3 सही हैं
(iii) 3 और 4 सही हैं
(iv) केवल 4 सही है
उत्तरः
(iv) केवल 4 सही है। पद्यांश में ‘सुरा’ शब्द बुराइयों का प्रतीक है। जिस प्रकार सोने के कलश में शराब भरने पर वह निंदनीय हो जाता है, उसी प्रकार उच्च कुल में जन्म लेने पर भी यदि व्यक्ति बुरे कर्म करता है, तो वह मनुष्य कहलाने योग्य नहीं होता।
(घ) सोने का कलश कब बुरा बन जाता है?
(i) जब उसमें शराब भरी हो
(ii) जब उसमें पानी भरा हो
(iii) जब उसमें कुछ भी न हो
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तरः
(i) जब उसमें शराब भरी हो सोने का कलश तब बुरा बन जाता है, जब उसमें शराब भरी होती है।
(ङ) कथन (A) ज्ञानीजन की दृष्टि में सोने का कलश भी बुरा है।
कारण (R) मनुष्य के कर्म मनुष्य को श्रेष्ठ बनाते हैं।
(i) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
(ii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, परंतु कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या नहीं करता है।
(iii) कथन (A) सही है, किंतु कारण (R) गलत है।
(iv) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है।
उत्तरः
(ii) A और R दोनों सही हैं, परंतु R, A की सही व्याख्या नहीं करता है। पद्यांश के अनुसार, ज्ञानीजन की दृष्टि में सोने का कलश भी बुरा है यदि वह शराब से भरा हो, उसी प्रकार यदि मनुष्य उच्च कुल में जन्म लेकर भी अच्छे कर्म न करे तो वह मनुष्य कहलाने के योग्य नहीं हैं, क्योंकि मनुष्य कर्म से श्रेष्ठ बनता है उच्च कुल में जन्म लेने से नहीं।
प्रश्न 10.
कविताओं के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए। (2 × 3 = 6 )
(क) ‘कैदी और कोकिला’ पाठ के आधार पर बताइए कि कवि को किस कारण कोयल से ईर्ष्या हो रही है?
उत्तरः
कवि कहता है कि हे कोयल ! तुम्हें प्रकृति की सारी हरियाली और संपूर्ण आकाश विचरण करने के लिए प्राप्त है, लेकिन मैं दस फुट के तंग स्थान में रह रहा हूँ। कोयल के गीतों की प्रशंसा संपूर्ण संसार करता है, जबकि इस कारागार में कवि का रोना भी अपराध की श्रेणी में गिना जाता है। इसी बोध के कारण कवि कोयल से ईर्ष्या करता है।
(ख) ‘सवैये’ कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए कवि रसखान किसकी लाठी और कंबल पर क्या न्योछावर करने को तैयार हैं और क्यों?
उत्तरः
कवि रसखान कृष्ण की लाठी एवं कंबल के बदले तीनों लोकों का राज न्योछावर करने को तैयार हैं, क्योंकि वह कृष्ण के अनन्य भक्त हैं। श्रीकृष्ण के प्रति अनन्य भक्ति-भावना के कारण रसखान के लिए श्रीकृष्ण से संबंधित प्रत्येक वस्तु अनमोल है। इसलिए वह इस प्रकार का त्याग करना चाहते हैं।
(ग) ‘बच्चे काम पर जा रहे हैं’ नामक कविता में कवि ने किस प्रकार की पीड़ा को व्यक्त किया है तथा इस पीड़ा का मूल कारण क्या है?
उत्तरः
‘बच्चे काम पर जा रहे हैं’ नामक कविता में कवि ने बच्चों से बचपन छीन लिए जाने की पीड़ा को व्यक्त किया है तथा इस पीड़ा का मूल कारण ‘बच्चों का मन मारकर बाल मजदूरी करना है।’ कवि यह सोचकर दुःखी है कि इतनी छोटी आयु में उन्हें काम करना पड़ रहा है और समाज के लोग बाल मज़दूरी होते देखकर संवेदनहीन बने रहते हैं। वे इस भयावह स्थिति से जरा भी विचलित नहीं होते ।
(घ) ‘वाख’ कविता के माध्यम से कवयित्री मनुष्य को क्या प्रेरणा देना चाहती है?
उत्तरः
‘वाख’ कविता के माध्यम से कवयित्री मनुष्य को संकीर्ण संप्रदाय की भावना से ऊपर उठकर ईश्वर भक्ति करने की प्रेरणा देना चाहती है। कवयित्री सांसारिक कार्यों को पूर्णतः त्याग करने की बात नहीं कहती, बल्कि संसार एवं ईश्वर, भोग एवं त्याग में संतुलन बनाने का समर्थन करती है। इसलिए वह मनुष्य को समभावी होने पर बल देती है।
प्रश्न 11.
पूरक पाठ्यपुस्तक के पाठों पर आधारित निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में लिखिए। (4 x 2 = 8 )
(क) “उमा का स्वर आज की नारी का स्वर है।” इस कथन के आलोक में ‘रीढ़ की हड्डी’ पाठ के आधार पर अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
एकांकी के आधार पर ” उमा का स्वर आज की नारी का स्वर है ।” उमा उन लोगों की पोल खोल देती है, जो लड़कियों को भेड़-बकरियाँ या फर्नीचर का सामान मानते हैं। उमा लड़कियों के स्वतंत्र व्यक्तित्व का प्रतिनिधित्व करती है और लड़कियों के स्वतंत्र व्यक्तित्व के लिए उनका शिक्षित होना अत्यंत आवश्यक मानती है। आज की नारी उमा जैसी शिक्षा प्राप्त कर स्पष्टवादी, निर्भीक एवं चरित्रवान बनना चाहती है। वह आज की नारी का प्रतिनिधित्व करती है।
(ख) ‘मेरे संग की औरतें’ पाठ में लेखिका ने बच्चों की शिक्षा के लिए स्वयं प्रयास किया है। पठित पाठ के आधार पर बताइए कि बच्चों के लिए शिक्षा कितनी आवश्यक है।
उत्तरः
‘मेरे संग की औरतें’ पाठ में लेखिका ने बच्चों की शिक्षा के लिए स्वयं सराहनीय प्रयास किया है। “शिक्षा बच्चों का जन्मसिद्ध अधिकार है” संबंधी धारणा में विश्वास करने वाली लेखिका ने कर्नाटक के छोटे-से कस्बे बागलकोट में कोई भी स्तरीय शिक्षा देने वाला स्कूल न होने के कारण, वहाँ एक अच्छा प्राइमरी स्कूल खुलवाया और उसे कर्नाटक सरकार से मान्यता भी दिलवाई। बच्चों के लिए शिक्षा अत्यंत आवश्यक है। शिक्षित नागरिक ही अपना तथा अपने समाज एवं देश का विकास कर सकते हैं।
(ग) पटना की बाढ़ में पिकनिक मनाने आए युवक युवतियों की कौन-सी मानसिकता झलकती है? उनके साथ बुरा व्यवहार क्यों हुआ?
उत्तरः
बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा के समय भी कुछ युवाओं द्वारा पिकनिक मनाना उनकी संकीर्ण एवं स्वार्थपूर्ण मानसिकता को दर्शाता है। वर्ष 1967 में पटना में आई भीषण बाढ़ में लगभग पूरा शहर डूब गया था। इस बाढ़ ने अत्यधिक जान-माल की क्षति की थी. जिससे चारों तरफ उदासी एवं निराशा व्याप्त थी। ऐसी स्थिति में पटना के राजेंद्र नगर इलाके में कुछ मनचले युवक-युवतियों की टोली सज-धजकर एक नाव पर सवार हो पानी में उतरी। एक युवक घुटनों पर कोहनी रख रंगीन पत्रिका पढ़ रही युवती के सामने डायलॉग बोल रहा था। ट्रांजिस्टर पर फिल्मी गाना ऊँची आवाज में बज रहा था। युवक-युवतियों का यह आनंदोत्सव राजेंद्र नगर के लडकों को पसंद नहीं आया। इसलिए उन्होंने अपनी छतों से इतनी सीटियों एवं कवियों की बौछार की, जिससे वे सब लज्जित हो गए। उनका सारा उत्साह जाता रहा। वास्तव में, बाढ़ में घिरे लोगों को उनका पिकनिक मनाना बुरा लगा और उन्होंने उनका तिरस्कार किया।
खंड ‘घ’ (रचनात्मक लेखन) (20 अंक)
इस खंड में रचनात्मक लेखन पर आधारित प्रश्न पूछे गए हैं, जिनके निर्धारित अंक प्रश्न के सामने अंकित हैं।
प्रश्न 12.
निम्नलिखित तीन विषयों में से किसी एक विषय पर लगभग 120 शब्दों में एक अनुच्छेद लिखिए।
(क) ऑनलाइन शिक्षा का बढ़ता प्रचलन
संकेत बिंदु:
• ऑनलाइन शिक्षा से अभिप्राय
• ऑनलाइन शिक्षा की हानियाँ
• ऑनलाइन शिक्षा के लाभ
उत्तरः
ऑनलाइन शिक्षा का बढ़ता प्रचलन ऑनलाइन शिक्षा एक ऐसा माध्यम है, जिसके द्वारा शिक्षक घर बैठे इंटरनेट के माध्यम से देश के किसी भी कोने से विद्यार्थियों को पढ़ा सकते हैं। इसके अंतर्गत शिक्षक और विद्यार्थी उपयुक्त समय का चुनाव कर इंटरनेट के द्वारा एक-दूसरे से जुड़ जाते हैं। स्काइप, जूम, व्हाट्सएप्प आदि विभिन्न माध्यमों को अपनाकर शिक्षक विद्यार्थी को सरलता से शिक्षा प्रदान कर सकते हैं। कुछ समय पहले तक ऑनलाइन शिक्षा उच्च शिक्षा ग्रहण करने वाले विद्यार्थियों तक ही सीमित थी, परंतु कोरोना काल के दौरान लॉकडाउन के अंतर्गत सभी विद्यालय, महाविद्यालय आदि शैक्षणिक संस्थान बंद होने पर प्राथमिक शिक्षा ग्रहण करने वाले विद्यार्थी भी ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से शिक्षा ग्रहण करने लगे । विद्यार्थियों की शिक्षा को निर्बाध रूप से बनाए रखने के लिए अधिकांश शैक्षणिक संस्थानों द्वारा ऑनलाइन शिक्षा को प्रोत्साहन दिया गया।
ऑनलाइन शिक्षा के अंतर्गत विभिन्न एप्स; जैसे- जूम, गूगल सीट की सहायता से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करके शिक्षक एकसाथ कई विद्यार्थियों को घर बैठे शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। इसके माध्यम से विद्य र्थी विषय को भली-भाँति समझ रहे हैं और यदि किसी विषय से संबंधित उन्हें कोई समस्या होती है, तो शिक्षक तुरंत उस समस्या का समाधान कर देते हैं। साथ ही विभिन्न विषयों से संबंधित शैक्षिक सामग्री; ‘जैसे- वर्कशीट, नोट्स आदि उपलब्ध कराकर विद्यार्थियों की जिज्ञासाओं को शांत किया जा रहा है, जिससे विद्यार्थी अपनी शिक्षा को निरंतर जारी रख सकते हैं। अतः ऑनलाइन शिक्षा सुविधाजनक है। इससे समय की बचत होती है तथा विद्यार्थी की एकाग्रता क्षमता में वृद्धि होती है।
ऑनलाइन शिक्षा के लिए कंप्यूटर, लेपटॉप व स्मार्टफोन की उपलब्धता आवश्यक है इनमें से किसी के भी माध्यम से छात्र ऑनलाइन शिक्षा ग्रहण कर सकते हैं। अधिकांश लोग सीमित आय वाले हैं। उनके लिए महँगे स्मार्टफोन खरीदना आसान नहीं है। इसके साथ सभी जगह इंटरनेट की गुणवत्ता अच्छी न होने के कारण ऑनलाइन शिक्षा बाधित होती है। शिक्षा ग्रहण करने हेतु विद्यार्थियों को अधिक समय तक फोन देखना पड़ता है, जिसके कारण आँखों में दर्द, माइग्रेन आदि शारीरिक समस्याएँ उत्पन्न होने का भय बना रहता है तथा मानसिक विकास भी अवरुद्ध होता है। अतः ऑनलाइन शिक्षा के सीमित और संतुलित उपयोग पर बल देना आवश्यक है।
(ख) विश्व योग दिवस
संकेत बिंदु:
• योग का महत्त्व
• योग भारत की धरोहर
• उद्देश्य
उत्तरः
(ख) विश्व योग दिवस:
योग का मनुष्य के जीवन में बहुत अधिक महत्त्व है। वे सभी क्रियाएँ, जो शरीर व मन को स्वस्थ बनाती हैं, ‘योग’ कहलाती हैं। अतः योग जीवन में मन व चित्त को नियंत्रित करने में सहायता करता है। स्वस्थ रहने का प्रमुख साधन ‘योग’ है। योग में पूरी मानव जाति को एकजुट करने की शक्ति है। यह ज्ञान, कर्म और भक्ति का आदर्श मिश्रण है। यह हमारे शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है। इसलिए योग के महत्त्व को समझते हुए इसे अपने जीवन में अपनाना चाहिए।
21 जून, 2014 को प्रथम बार संपूर्ण विश्व में ‘विश्व योग दिवस’ मनाया गया। इसके पश्चात् यह घोषणा की गई कि प्रत्येक वर्ष यह दिवस 21 जून को ‘विश्व योग दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा। ऐसा माना जाता है कि योग की शुरुआत भारत में पूर्व – वैदिक काल में हुई। योग हज़ारों वर्षों से भारतीयों की जीवन शैली का हिस्सा रहा है। यह भारत की धरोहर है। विश्व योग दिवस का उद्देश्य संपूर्ण विश्व में योग से प्राप्त होने वाले लाभों के प्रति लोगों को जागरूक करना है। आधुनिक युग में मनुष्य का मन तथा शरीर अत्यधिक तनाव और रोग ग्रस्त हो गया है। मनुष्य को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रखने में योग पूर्णतः सक्षम है।
(ग) बाढ़ प्राकृतिक आपदा
संकेत बिंदु:
• बाढ़ के कारण
• बाढ़ प्रभावित क्षेत्र
• बाढ़ के हानिकारक प्रभाव
• नियंत्रण के उपाय
उत्तरः
बाढ़ : प्राकृतिक आपदा
बाढ़ बड़े क्षेत्र में भारी मात्रा में पानी का अतिप्रवाह है. जिससे प्रभावित स्थानों का विनाश होता है। यह अकसर भारी बारिश के कारण होता है। कई क्षेत्रों में नदी या समुद्र के पानी का स्तर बढ़ने अथवा बाँधों के टूटने के कारण बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। बर्फीले क्षेत्रों में बर्फ के पिघलने के कारण लोगों को बाढ़ का सामना करना पड़ता है तथा दूसरी ओर तटीय क्षेत्रों में तूफ़ान और सुनामी इस आपदा के उत्तरदायी कारक हैं।सामान्य जन-जीवन को बाधित करने से लेकर पर्यावरण को नुकसान पहुँचाने तक बाढ़ के कई नकारात्मक परिणाम होते हैं। बहुत-से लोग और पशु गंभीर बाढ़ के कारण मृत्यु के गर्त में गिर जाते हैं। काफी समय तक जलभराव रहने के बाद मलेरिया, डेंगू जैसी बीमारियाँ उत्पन्न हो जाती हैं।
गंभीर बाढ़ के कारण बहुत से लोगों के घर, कीमती सामान आदि डूब जाते हैं। अत: उनके सामने आर्थिक समस्या उत्पन्न हो जाती है। इससे मृदा का भारी मात्रा में क्षरण होता है, क्योंकि मिट्टी विशाल जल को पूरी तरह अवशोषित नहीं कर पाती, जिससे मिट्टी की गुणवत्ता प्रभावित होती है। इसके साथ ही भारी मात्रा में पेड़-पौधों व अन्य वनस्पतियों पर भी हानिकारक प्रभाव पड़ता है।
सामान्यतः प्रत्येक वर्ष भारत में कई क्षेत्रों को बाढ़ की समस्या का सामना करना पड़ता है, जिनमें बिहार, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, केरल, असम, गुजरात, आंध्र प्रदेश, ओडिशा आदि सम्मिलित हैं। बाढ़ के कारण इन क्षेत्रों को गंभीर नुकसान पहुँचता है तथा अभी भी ये क्षेत्र खतरे का सामना कर रहे हैं। बाढ़ जैसी भयंकर प्राकृतिक आपदा पर नियंत्रण करना आवश्यक है । भारत सरकार को इस समस्या को गंभीरता से लेते उचित जल १ हुए निकासी की व्यवस्था करनी चाहिए तथा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बाढ़ बैरियर स्थापित किए जाने चाहिए। इसके साथ ही बाढ़ चेतावनी प्रणालियों को स्थापित करना चाहिए।
प्रश्न 13.
दिल्ली परिवहन निगम के महाप्रबंधक के नाम एक पत्र लिखिए, जिसमें बस कंडक्टर के अभद्र व्यवहार की शिकायत की गई हो।
उत्तरः
परीक्षा भवन,
दिल्ली।
दिनांक 16 नवंबर, 20XX
सेवा में.
महाप्रबंधक,
दिल्ली परिवहन निगम,
सिंधिया हाउस,
नई दिल्ली।
विषय कंडक्टर के अभद्र व्यवहार की शिकायत हेतु ।
महोदय.
निवेदन यह है कि मैं प्रतिदिन प्रातः 8:00 बजे आनंद विहार से द्वारिका के लिए बस रूट नंबर 318 से यात्रा करता हूँ। यहाँ मुझे प्रतिदिन कोई-न-कोई नई बात देखने को मिलती है। कोई भी दिन ऐसा नहीं जाता, जब यात्रियों का कंडक्टर से झगड़ा न होता हो। इस नंबर की बस में मोहनलाल नामक एक कंडक्टर नियुक्त है, जो सभी यात्रियों से खुले पैसे माँगता है और यात्रियों द्वारा अपना बाकी पैसा वापस माँगे जाने पर पूरा पैसा नहीं देता। एक रुपया अपने पास रख लेना तो जैसे उसकी आदत बन गई है। यदि कोई यात्री अपना एक रुपया वापस माँगने की जिद पकड़ लेता है तो उसे “जाने कहाँ-कहाँ के भिखारी चले आते हैं, इस बस में” जैसी अपमानजनक भाषा सुननी पड़ती है। यहाँ तक कि वह महिला यात्रियों को भी नहीं छोड़ता। कई बार उसकी शिकायत ए. टी. आई. से भी की जा चुकी है, फिर भी उसके व्यवहार में कोई सुधार नहीं हुआ है। अतः आपसे विनम्र निवेदन है कि इस कंडक्टर के विरुद्ध विभागीय जाँच कराई जाए तथा उसे शिष्टाचार का पालन करने अथवा विनम्रतापूर्वक बात करने की चेतावनी दी जाए।
धन्यवाद।
भवदीय
क. ख.ग.
अथवा
आप एक ट्रैकिंग कैंप में जाना चाहते थे, परंतु आपके पिताजी ने मना कर दिया है। उन्हें ऐसे कैंपों की उपयोगिता बताते जाने की अनुमति देने के लिए पत्र लिखिए।
उत्तरः
परीक्षा भवन,
रामपुर।
दिनांक 20 अगस्त, 20XX
आदरणीय पिताजी,
सादर प्रणाम!
पत्र लिखने का विशेष कारण यह है कि मैं अगले माह विद्यालय की ओर से देहरादून में आयोजित होने वाले ट्रैकिंग कैंप में जाना चाहता हूँ। मैं जानता हूँ कि आप मुझे इस कैंप में जाने की अनुमति नहीं देना चाहते, फिर भी मैं आपको इस कैंप की कुछ विशेषताओं के विषय में बताना चाहता हूँ, ताकि आप मुझे वहाँ जाने की अनुमति देने के संबंध में अपने निर्णय पर पुनर्विचार करें। कैंप की विशेषताएँ निम्न प्रकार हैं
- इन कैंपों में विभिन्न क्षेत्रों से आने वाले छात्र आपस में मिल-जुलकर रहते हैं, जिससे उनमें परस्पर सहयोग और विश्वास की भावना का विकास होता है।
- विभिन्न संस्कृतियों से आने वाले छात्रों का आपस में परिचय होता है। इससे राष्ट्रीय एकता की भावना का भी विकास होता है।
- ट्रैकिंग कैंप में अनेक साहसिक कार्य कराए जाते हैं, जिससे शारीरिक विकास के साथ-साथ मानसिक विकास भी होता है।
मुझे विश्वास है कि आप इन कैंपों की उपयोगिता को समझकर मुझे ट्रैकिंग कैंप में जाने की अनुमति प्रदान करेंगे।
आपका पुत्र
क. ख.ग.
प्रश्न 14.
आपके मोहल्ले के पार्क में कई अनधिकृत खोमचे वालों ने डेरा जमा लिया है, उन्हें हटाने के लिए नगर निगम के अधिकारी को लगभग 100 शब्दों में एक ई-मेल लिखिए।
उत्तरः
From : Rohan@gmail.com
To : mcdnorth@gmail.com
CC : abc@gmail.com
BCC :
विषय पार्क से खोमचे वालों के अनधिकृत डेरों को हटाने के संबंध में।
मान्यवर,
मै आदर्श नगर का निवासी हूँ। मैं आपको हमारे मोहल्ले के पार्क की स्थिति से अवगत कराना चाहता हूँ। हमारे मोहल्ले में एक ही पार्क है, जहाँ मोहल्ले के सभी छोटे-बड़े बच्चे खेलते हैं, युवा – महिलाएँ व बुजुर्ग घूमने जाते हैं, परंतु कुछ महीनों से इस पार्क के काफी बड़े हिस्से पर अनधिकृत खोमचे वालों ने डेरा जमा रखा है, जिससे हम लोगों को वहाँ जाने में काफी परेशानी हो रही है, साथ ही वहाँ गंदगी भी बहुत बढ़ गई है। अतः महोदय आपसे विनम्र निवेदन है कि आप पार्क को जल्द से जल्द अनधिकृत खोमचे वालों के डेरों से मुक्त कराने की कृपा करें। इसके लिए हम आपके आभारी रहेंगे।
सधन्यवाद।
भवदीय
क. ख. ग.
अथवा
“जहाँ सुमति तहँ संपत्ति नाना” उक्ति को आधार बनाकर लगभग 100-120 शब्दों में एक लघुकथा लिखिए।
उत्तरः
उक्ति का अर्थ “जहाँ सुमति तहँ संपत्ति नाना” उक्ति का अर्थ यह है कि जहाँ सुमति अर्थात् श्रेष्ठ या सद्बुद्धि होती है, वहाँ आनंद और सुख-शांति का निवास होता है। वस्तुतः सुख-समृद्धि का आधार मनुष्य की सद्बुद्धि ही है। जिस व्यक्ति में सुमति होती है, उसमें प्यार एवं स्नेह की धारा अनवरत रूप से प्रवाहित होती रहती है, साथ ही उसमें आत्मविश्वास जैसे मानवीय गुणों का विकास होता है। वह अपने जीवन में असीम सफलताएँ प्राप्त करता है। लघु कथा दो भाई थे – रवि और किशन। रवि अत्यंत सुशील, विवेकी और सद्गुणों से युक्त था, तो किशन पूर्णत: विलासी और झगड़ालू प्रवृत्ति का था। रवि के परिवार में आपसी प्रेम और सद्भाव था, इसी कारण उसके घर में सभी प्रकार के सुख और संपत्ति विद्यमान थी। दूसरी ओर किशन के घर में सदैव, झगड़ा, क्लेश, ईर्ष्या, द्वेष के भाव रहने के कारण परिवार के सभी लोग दुःखी रहते थे।
किशन के परिवार में आपसी द्वेष और क्लेश तो था ही साथ ही वह रवि के परिवार की सुख-संपन्नता देखकर उससे ईर्ष्या भाव भी रखता था। एक दिन परिवार में एक विशेष आयोजन के दौरान रवि का किशन के घर आना हुआ। ईर्ष्यावश किशन ने रवि से उसके घर में व्याप्त सुख-शांति का कारण पूछा तो उसने कहा कि घर के सभी लोग परस्पर प्यार, अपनेपन और सौहार्द्रता के साथ रहते हैं। अत: परिवार में व्याप्त इन्हीं सद्गुणों और सद्बुद्धि के कारण ही घर में सुख-संपन्नता बनी रहती है।
रवि की बातों का किशन पर अच्छा प्रभाव पड़ा। जब उसने अपने परिवार वालों को रवि के वैभवपूर्ण जीवन का रहस्य बताया, तो सभी ने अपने व्यवहार को बदलने का निश्चय किया। किशन अब सभी कार्य नियत समय पर करने लगा। वह न तो लड़ाई-झगड़ा करता और न ही किसी से बैरभाव रखता और अपनी विलासी प्रवृत्ति को भी त्याग चुका था। घर के अन्य लोग भी परस्पर प्रेमपूर्वक रहने लगे । सुमति और वैचारिक परिवर्तन के परिणामस्वरूप उनके घर से क्लेश, दुर्विचार आदि दुर्गुण चले गए और उसका स्थान मधुरता, सरलता, सद्विचार, नम्रता आदि सद्गुणों ने ले लिया। अब किशन ईमानदारी और परिश्रम से धन कमाता, घर के सभी सदस्य परस्पर प्रेमपूर्वक मिलजुल कर रहने लगे। परिणामस्वरूप उसके घर में सभी प्रकार की सुख-संपत्ति, आनंद तथा संतोष का वास हो गया। अब वे खुशीपूर्वक अपना जीवन व्यतीत करने लगे।
सीख इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि जिस घर में सभी लोग परस्पर प्रेम एवं आनंद के साथ रहते हैं, उस घर में सदैव सुख-समृद्धि का वास रहता है। अतः सुखी जीवन व्यतीत करने के लिए सुमति अर्थात् सद्गुणों को अपनाना आवश्यक है।
अध्यापक
मुकेश
प्रश्न 15.
आप मुकेश हैं और आपकी कक्षा के अध्यापक आपसे गृह कार्य में होने वाली गलती पर आपसे कारण पूछ रहे हैं। उनके साथ होने वाले संवाद को लिखिए।
उत्तरः
अध्यापक : मुकेश, तुमने अपना गृह कार्य ध्यान से नहीं किया है। क्या मैं इसका कारण जान सकता हूँ?
मुकेश : सर, मैं बहुत लज्जित हूँ, लेकिन कारण जानकर आपको भी मुझसे कोई शिकायत नहीं होगी।
अध्यापक : अच्छा बताओ तो क्या कारण है? मैं भी तो जानूँ।
मुकेश : सर, कल मेरे घर में एक दुर्घटना हो गई। मेरा छोटा भाई खेल-खेल में गिर गया, जिससे उसके पैर की हड्डी टूट गई।
अध्यापक : सच कह रहे हो!
मुकेश : सर, मैंने आज तक कोई झूठा बहाना नहीं बनाया है। दुर्घटना के बाद देर रात तक मैं अस्पताल में ही था।
अध्यापक : अच्छा, यह कारण है तो फिर ठीक है, लेकिन अपने गृह कार्य को सुधारकर दोबारा मुझे दिखाना।
मुकेश : धन्यवाद सर! आगे से कभी आपको ऐसी शिकायत का अवसर नहीं दूँगा।
अथवा
भारत विकास संस्थान के प्रभारी की ओर से निःशुल्क रक्त- जाँच व रक्त दान शिविर के आयोजन के लिए लगभग 80 शब्दों में सूचना लिखिए।
उत्तरः
भारत विकास संस्थान, दिल्ली
सूचना
दिनांक 15 सितंबर, 20XX
निःशुल्क रक्त- जाँच व रक्त दान शिविर
सर्वसाधारण को सूचित किया जाता है कि 2 अक्टूबर, 20XX को ‘गाँधी जयंती’ के अवसर पर ‘भारत विकास संस्थान’ के सहयोग से जी.टी.वी. अस्पताल में ‘नि: शुल्क रक्त- जाँच’ व ‘रक्त-दान’ शिविर का आयोजन किया जा रहा है। शिविर का समय प्रातः 6 बजे से सायं 5 बजे तक रहेगा। इस शिविर में सभी रक्तदान करने के इच्छुक व्यक्ति अपनी जाँच कराके रक्तदान कर सकते हैं। रक्तदान करने से कई जरूरतमंद लोगों की जान बचाई जा सकती है। अतः सभी से अनुरोध है कि अधिक-से-अधिक संख्या में आकर इस जनकल्याण के कार्य में योगदान दें।
प्रभारी
(भारत विकास संस्थान)
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