Students revise important topics using Extra Questions for Class 6 Social Science and Class 6 SST Chapter 7 Extra Questions and Answers in Hindi भारत की सांस्कृतिक जड़ें before exams.
Class 6 Social Science Chapter 7 Extra Questions and Answers in Hindi Medium भारत की सांस्कृतिक जड़ें
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
संस्कृति की शाखाएँ क्या हैं?
उत्तर:
ये शाखाएँ कला, साहित्य, विज्ञान, चिकित्सा, धर्म, शासन, युद्ध कला आदि से संबंधित हैं।
प्रश्न 2.
विचारधारा क्या है?
उत्तर:
विचारकों या आध्यात्मिक साधकों का समूह जो मानव जीवन, विश्व आदि के बारे में समान विचार साझा करते हैं।
प्रश्न 3.
चारों वेदों की रचना कब हुई?
उत्तर:
इनकी रचना 5वीं से दूसरी सहस्राब्दी ईसा पूर्व के बीच हुई थी।
प्रश्न 4.
कितनी पीढ़ियाँ कठोर प्रशिक्षण के माध्यम से इन वेदों को याद कर रही हैं और बिना किसी परिवर्तन के मौखिक रूप से आगे बढ़ा रही हैं।
उत्तर:
100 से 200 पीढ़ियों के बीच |
प्रश्न 5.
वैदिक भजनों की रचना किसने की?
उत्तर:
संस्कृत भाषा के प्रारंभिक रूप में ऋषि और ऋषिकाओं ने की।
प्रश्न 6.
ईश्वर का दूसरा नाम क्या था?
उत्तर:
सच / सत्या
प्रश्न 7.
ऋग्वेद के अंतिम मंत्र ( श्लोक ) को क्या कहते हैं?
उत्तर:
लोगों में एकता ।
प्रश्न 8.
वैदिक ग्रंथों में किन व्यवसायों का उल्लेख है?
उत्तर:
कृषक, बुनकर, कुम्हार, निर्माता, बढ़ई, चिकित्सक, नर्तक, नाई, पुजारी आदि ।
प्रश्न 9.
वैदिक संस्कृति में कौन-से अनुष्ठान विकसित हुए?
उत्तर:
उन्होंने यज्ञ किया और अर्पण किया। प्राथनाएँ और भजन गाए गए।
प्रश्न 10.
आधुनिक योग से आपका क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
किसी भी जाति, अमीर या गरीब और पंथ का कोई भी व्यक्ति योग कर सकता है।
प्रश्न 11.
हिंदू धर्म क्या है?
उत्तर:
आज सभी विचारधाराएँ मिलकर हिंदू धर्म बन गई हैं।
प्रश्न 12.
बुद्ध को ज्ञान कहाँ प्राप्त हुआ?
उत्तर:
बौद्ध गया में पीपल के पेड़ के नीचे (आज का बिहार ) ज्ञान प्राप्त हुआ।
प्रश्न 13.
मानव दुख का स्त्रोत क्या है?
उत्तर:
अविद्या ( अज्ञान) और आसक्ति मानव दुख का स्रोत है।
प्रश्न 14.
बुद्ध की शिक्षा का प्रसार और अभ्यास कौन कर रहे हैं?
उत्तर:
भिक्षुओं और भिक्षुणियों का समुदाय ।
प्रश्न 15.
राजकुमार वर्धमान महावीर कैसे बने?
उत्तर:
वर्धमान ने तपस्वी अनुशासन का पालन किया और 12 वर्षों के बाद अनंत ज्ञान या सर्वोच्च ज्ञान प्राप्त किया। इसलिए उन्हें महावीर के नाम से जाना जाता है।
प्रश्न 16.
जैन शब्द कहाँ से आया?
उत्तर:
जैन शब्द जिन से बना है, जिसका अर्थ है विजेता । विजेती का अर्थ है – अज्ञानता और आसक्ति पर विजय प्राप्त करना, ताकि ज्ञान प्राप्त किया जा सके।
प्रश्न 17.
लोक परंपरा क्या है?
उत्तर:
लिखित पाठ के बिना, रोजमर्रा के व्यवहार के माध्यम से आम लोगों के बीच मौखिक रूप से प्रसारित सांस्कृतिक प्रथाएँ या शिक्षाएँ ।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
वेद क्या हैं?
उत्तर:
- वेद हमें बताते हैं कि सभी प्राणी सुखी रहें।
- वे सभी के रोग और दुख से मुक्त होने की कामना करते हैं।
- वे हमें धर्म के मार्ग पर जीवन जीना सिखाते हैं।
प्रश्न 2.
जन या कुलों से क्या तात्पर्य है? उदाहरण वीजिए।
उत्तर:
जन या कुल शब्द का प्रयोग ऋग्वेद के समाज में समग्र रूप से लोगों के लिए किया जाता है। अकेले ऋग्वेद में 30 से अधिक ऐसे जनों की सूची दी गई है। उदाहरण के लिए, भरत, पुरुस, कुरुस, यदु, तुर्वश आदि।
प्रश्न 3.
उपनिषद क्या हैं और उन्होंने क्या सिखाया?
उत्तर:
- उपनिषद वैदिक अवधारणाओं पर आधारित ग्रंथों का समूह हैं।
- पुनर्जन्म का अर्थ है – बार-बार जन्म लेना ।
- कर्म का अर्थ है कि यदि आप अच्छा करते हैं तो परिणाम भी अच्छा होगा और यदि आप बुरा करते हैं तो परिणाम भी बुरा होगा।
प्रश्न 4.
भारतीय वर्शन पर उपनिषदों के प्रभाव का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
उपनिषदों ने भारतीय दर्शन को ब्रह्म (परम वास्तविकता) और आत्मा (व्यक्तिगत आत्मा) अवधारणाओं को प्रस्तुत करके महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित किया। वे अस्तित्व, चेतना, वास्तविकता की प्रकृति के बारे में गहन प्रश्नों का पता लगाते हैं और वेदांत और योग सहित विभिन्न दार्शनिक स्कूलों के लिए आधार तैयार करते हैं।
प्रश्न 5.
हिंदू दर्शन में ‘आत्मा की अवधारणा’ का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
हिंदू दर्शन में ‘आत्मा’ का अर्थ व्यक्तिगत आत्मा या स्वयं से है, जिसे शाश्वत और दिव्य माना जाता है। इसे ब्रह्मा, परम वास्तविकता के साथ एक माना जाता है, जो सभी अस्तित्व की एकता पर जोर देता है।
प्रश्न 6.
सिद्धार्थ गौतम ने अपने जीवन में पहली बार क्या देखा?
उत्तर:
उन्होंने अपने जीवन में पहली बार एक बूढ़ा आदमी, एक बीमार आदमी और एक शव देखा। उन्होंने एक तपस्वी को भी देखा, जो प्रसन्न और शांत दिख रहा था।
प्रश्न 7.
जैन धर्म जीवन की अंतर संबंधिता को किस प्रकार में देखता है?
उत्तर:
जैन धर्म इस बात पर जोर देता है कि सभी जीव एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं और एक-दूसरे पर निर्भर हैं। यह विश्वास सभी प्रकार के जीवन के प्रति करुणा और सम्मान को बढ़ावा देता है, क्योंकि किसी एक को नुकसान पहुँचाने से पूरा पारिस्थितिकी तंत्र प्रभावित होता है।
प्रश्न 8.
जैन धर्म में महावीर की प्रमुख शिक्षाएँ क्या हैं?
उत्तर:
महावीर की शिक्षाएँ (अहिंसा), अनेकांतवाद (बहुदृष्टिकोण) और अपरिग्रह के सिद्धांतों पर आधारित हैं। उन्होंने जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्ति पाने के लिए आत्म-अनुशासन, नैतिक जीवन और आध्यात्मिक ज्ञान की खोज के महत्व पर जोर दिया।
प्रश्न 9.
जातक कथाओं का क्या महत्व है?
उत्तर:
जातक कथाएँ बुद्ध के पिछले जन्मों की कहानियाँ हैं, जो नैतिक शिक्षा और करुणा, निस्वार्थता और ज्ञान के मूल्यों को दर्शाती हैं, जो बौद्ध शिक्षाओं के केंद्र में हैं।
प्रश्न 10.
जनजाति क्या है?
उत्तर:
एक सामाजिक इकाई को परिवारों या कुलों के समूह रूप में परिभाषित किया जाता है जो एक समान वंश, संस्कृति और भाषा साझा करते हैं, एक मुखिया के अधीन एक घनिष्ठ समुदाय में रहते हैं और निजी संपत्ति नहीं रखते हैं।
प्रश्न 11.
जंगली को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
ये लोग एक विशिष्ट समझे जाने वाले वातावरण जैसे जंगल या पहाड़ में रहते हैं। इन लोगों के लिए भारतीय संविधान में एक शब्द का प्रयोग किया गया है जिसका प्रयोग अंग्रेजी में जनजातियों या न्यायाधिकरण समुदायों और हिंदी में जंगली को संदर्भित करने के लिए किया जाता है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
बौद्ध धर्म में चार आर्य सत्य क्या हैं?
उत्तर:
चार आर्य सत्य हैं-
(1) दुख का सत्य (दुख)
(2) दुख का कारण (समुदाय)
(3) दुख का अंत (निरोध) और
(4) दुख के अंत की ओर ले जाने वाला मार्ग (मरगा)
प्रश्न 2.
बौद्ध धर्म में ध्यान की भूमिका पर चर्चा कीजिए।
उत्तर:
ध्यान बौद्ध धर्म में एक मौलिक अभ्यास है, जिसका उद्देश्य मन की शांति, एकाग्रता और अंतर्दृष्टि विकसित करना है। यह अभ्यास करने वालों को वास्तविकता की प्रकृति की गहरी समझ विकसित करने, दुख कम करने और ज्ञान प्राप्त करने मदद करता है। आध्यात्मिक विकास को बढ़ाने के लिए विपश्यना और जैन जैसे ध्यान के विभिन्न रूपों का उपयोग किया जाता है।
प्रश्न 3.
बुद्ध की शिक्षाएँ दुख की अवधारणा को कैसे संबोधित करती हैं?
उत्तर:
बुद्ध की शिक्षाएँ दुख की समझ पर केंद्रित हैं, जो चार आर्य सत्यों में समाहित हैं। वे दुख को जीवन का एक अंतर्निहित हिस्सा, इसके कारणों तथा नैतिक जीवन, मानसिक अनुशासन और ज्ञान के माध्यम से इसके निवारण का मार्ग बताते हैं, जो अंततः निर्वाण या मुक्ति की ओर ले जाते हैं।
प्रश्न 4.
बौद्ध धर्म और जैन धर्म में भिक्षुओं की क्या भूमिका होती है?
उत्तर:
बौद्ध धर्म और जैन धर्म दोनों में भिक्षु अपना जीवन आध्यात्मिक अभ्यास, शिक्षण और अपने-अपने दर्शन के प्रसार के लिए समर्पित करते हैं। वे अक्सर तपस्वी जीवन जीते हैं, ध्यान, अध्ययन और सामुदायिक सेवा पर ध्यान केंद्रित करते हैं। उन्होंने अपनी शिक्षाओं को दूर-दूर तक फैलाया। उन्होंने दूर-दूर के स्थानों पर नए मठ बनाए।
प्रश्न 5.
जैन धर्म और बौद्ध धर्म में अहिंसा के महत्व की व्याख्या करें।
उत्तर:
अहिंसा या हिंसा जैन धर्म और बौद्ध धर्म दोनों में एक मुख्य सिद्धांत है। यह सभी जीवित प्राणियों के प्रति दया और विचारों में किसी को नुकसान न पहुँचाने पर जोर देता है। यह सिद्धांत नैतिक आचरण को आकार देता है और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व को बढ़ावा देता है, जो अनुयायियों की जीवनशैली और आध्यात्मिक प्रथाओं को प्रभावित करता है।
बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1.
हिंदू धर्म में वेदों का प्राथमिक उद्देश्य क्या है?
(क) ऐतिहासिक विवरण उपलब्ध कराना
(ख) धार्मिक ग्रंथों के रूप में कार्य करना
(ग) वैज्ञानिक स्पष्टीकरण प्रस्तुत करना
(घ) कहानियों से मनोरंजन करना
उत्तर:
(ख) धार्मिक ग्रंथों के रूप में कार्य करना
व्याख्या : वेद सबसे प्राचीन ग्रंथ हैं। हिंदू धर्म के ग्रंथ, अनुष्ठानों, भजनों और आध्यात्मिक ज्ञान के आधार के रूप में कार्य करते हैं।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित में से कौन-सा बौद्ध धर्म का केंद्रीय विचार है?
(क) जाति व्यवस्था
(ख) चार आर्य सत्य
(ग) अनेक देवताओं की पूजा
(घ) अनुष्ठानों का महत्व
उत्तर:
(ख) चार आर्य सत्य
व्याख्या : क्योंकि यह जीवन के कष्टों के बारे में बात करते हैं।
प्रश्न 3.
जैन धर्म में ‘अहिंसा’ शब्द का क्या अर्थ है ?
(क) सत्यता
(ख) अहिंसा
(ग) अनासक्ति
(घ) दान
उत्तर:
(ख) अहिंसा
व्याख्या : अहिंसा एक मौलिक सिद्धांत है। जैन धर्म का सिद्धांत जो सभी जीवित प्राणियों के प्रति अहिंसा पर जोर देता है।
प्रश्न 4.
हिंदू संस्कृति में गणेश चतुर्थी का क्या महत्व है?
(क) यह मौसम फसल की कटाई की शुरुआत का प्रतीक है।
(ख) यह भगवान गणेश के जन्म का उत्सव मनाता है।
(ग) यह देवी दुर्गा का सम्मान करता है।
(घ) यह उपवास का दिन है।
उत्तर:
(ख) यह भगवान गणेश के जन्म का उत्सव मनाता है।
व्याख्या : इस दिन गणेश जी का जन्म हुआ था तथा कई जगहों पर प्रतिमा भी स्थापित की जाती है।
प्रश्न 5.
निम्नलिखित में से कौन-सा कथन ‘कर्म’ की अवधारणा का सबसे अच्छा वर्णन करता है?
(क) एक प्रकार का ध्यान
(ख) जन्म और पुनर्जन्म का चक्र
(ग) कारण और प्रभाव का नियम
(घ) एक पवित्र पाठ
उत्तर:
(ग) कारण और प्रभाव का नियम
व्याख्या : कर्म से तात्पर्य उस सिद्धांत से है, जिसके अनुसार प्रत्येक कार्य के परिणाम होते हैं, जो भविष्य के अनुभवों और पुर्नजन्मों को प्रभावित करते हैं।
प्रश्न 6.
बौद्ध धर्म में अष्टांगिक मार्ग का मुख्य केंद्र क्या है?
(क) धन प्राप्ति
(ख) ज्ञान प्राप्ति
(ग) अनुष्ठानों का पालन
(घ) सामाजिक स्थिति प्राप्त करना
उत्तर:
(ख) ज्ञान प्राप्ति
व्याख्या : अष्टांगिक मार्ग नैतिक और मानसिक विकास के लिए एक मार्गदर्शक है, जिसका उद्देश्य ज्ञान प्राप्त करना और दुख से मुक्ति पाना है।
प्रश्न 7.
निम्नलिखित में से कौन-सी जनजातीय विश्वास प्रणालियों की विशेषता नहीं है?
(क) प्रकृति से संबंध
(ख) जटिल अनुष्ठान
(ग) लिखित पाठों का सख्त पालन
(घ) मौखिक परंपराएँ
उत्तर:
(ग) लिखित पाठों का सख्त पालन
व्याख्या: क्योंकि जनजाति के लोग अपने रीति-रिवाज लिखने की बजाय बोलकर, गाकर अपनी आने वाली पीढ़ी को बताते हैं।
प्रश्न 8.
हिंदू दर्शन में ब्राह्मण शब्द का क्या अर्थ है ?
(क) एक विशिष्ट देवता
(ख) परम वास्तविकता या ब्रह्मांडीय आत्मा
(ग) एक पवित्र पाठ
(घ) एक प्रकार का अनुष्ठान
उत्तर:
(ख) परम वास्तविकता या ब्रह्मांडीय आत्मा
व्याख्या : हिंदू दर्शन में ब्रह्मा को परम, अपरिवर्तनीय वास्तविकता माना जाता है, जो समस्त अस्तित्व को घेरे हुए है।
प्रश्न 9.
निम्नलिखित में से कौन-सी प्रथा जैन धर्म का केंद्रीय अंग है?
(क) पवित्र स्थलों की तीर्थयात्रा
(ख) अनुष्ठान बलिदान
(ग) ध्यान और आत्म-अनुशासन
(घ) देवताओं की पूजा
उत्तर:
(ग) ध्यान और आत्म-अनुशासन
व्याख्या : क्योंकि इसके माध्यम से ही हम ज्ञान की प्राप्ति कर सकते हैं।
प्रश्न 10.
हिंदू धर्म में योग का प्राथमिक लक्ष्य क्या है?
(क) शारीरिक स्वास्थ्य
(ख) आध्यात्मिक ज्ञानोदय
(ग) सामाजिक स्थिति
(घ) धन संचय
उत्तर:
(ख) आध्यात्मिक ज्ञानोदय
व्याख्या : योग एक आध्यात्मिक अभ्यास है जिसका उद्देश्य ईश्वर से मिलन और आत्मज्ञान प्राप्त करना है।
अभिकथन- कारण प्रश्न
निम्नलिखित प्रश्नों में, अभिकथन (A) के बाद कारण (R) दिया गया है। सही विकल्प का चयन इस रूप में करें-
(क) अभिकथन (A) और कारण (R) दोनों सत्य हैं और कारण (R) अभिकथन (A) का सही स्पष्टीकरण है।
(ख) अभिकथन (A) और कारण (R) दोनों सत्य हैं लेकिन कारण (R) अभिकथन (A) का सही स्पष्टीकरण नहीं है।
(ग) अभिकथन (A) सत्य है लेकिन कारण (R) असत्य है।
(घ) अभिकथन (A) असत्य है लेकिन कारण (R) सत्य है।
1. (A) : जैन धर्म जीवन के सभी पहलुओं में अहिंसा के सिद्धांत पर जोर देता है। (R) : जैन दर्शन में अहिंसा को सर्वोच्च गुण माना जाता है।
2. (A) : आत्मा की अवधारणा उपनिषदों की शिक्षाओं का केंद्र है। (R) : उपनिषद केवल अनुष्ठानों और बलिदानों पर केंद्रित हैं।
3. (A) : सिद्धार्थ गौतम को बुद्ध, अर्थात् प्रबुद्ध व्यक्ति के रूप में जाना जाता है। (R) : बोधि वृक्ष के नीचे ध्यान करने के बाद उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई।
4. (A) : वेदों को भारतीय साहित्य का सबसे प्राचीन ग्रंथ माना जाता है। (R) : इनकी रचना पहली सहस्राब्दी ईसा पूर्व के प्रारंभ में हुई थी।
5. (A) : ब्रह्मा की अवधारणा हिंदू दर्शन का केंद्रीय स्थान है। (R) : ब्रह्मा को परम वास्तविकता के रूप में देखा जाता है, जो भौतिक संसार से अलग है।
उत्तर:
1. (क)
2. (ग)
3. (क)
4. (ग)
5. (ग)
स्थिति अध्ययन
निम्नलिखित स्रोतों को पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों का उत्तर दीजिए-
I. जैन धर्म भी मनुष्यों से लेकर अदृश्य जीवों तक सभी प्राणियों के परस्पर जुड़ाव और निर्भरता पर जोर देता है, क्योंकि वे एक-दूसरे का समर्थन करते हैं और एक-दूसरे के बिना नहीं रह सकते।
प्रश्न 1.
जैन धर्म प्राणियों के बीच संबंधों के बारे में किस बात पर जोर देता है?
उत्तर:
जैन धर्म आपसी भाई-चारे पर, प्राणियों की संबद्धता और अन्योन्याश्रता पर जोर देता है।
प्रश्न 2.
जैन धर्म के अनुसार क्या प्राणी एक-दूसरे के बिना रह सकते हैं?
उत्तर:
नहीं, प्राणी एक-दूसरे के बिना नहीं रह सकते हैं।
प्रश्न 3.
जैन धर्म में परस्पर निर्भरता के महत्व को समझाइए ।
उत्तर:
जैन धर्म में अन्योन्याश्रता का महत्व इस विश्वास में निहित है कि मनुष्यों और अदृश्य जीवों सहित सभी जीवित प्राणियों में आत्मा होती है और वे एक-दूसरे पर निर्भर होते हैं।
II. उपनिषदों ने आत्मा या स्वयं की अवधारणा भी प्रस्तुत की – वह दिव्य सार जो प्रत्येक प्राणी में निवास करता है, लेकिन अंततः ब्रह्मा के साथ एक है।
प्रश्न 1.
उपनिषदों ने किस अवधारणा को प्रस्तुत किया ?
उत्तर:
उपनिषदों ने आत्मा या स्वयं की अवधारणा को प्रस्तुत किया।
प्रश्न 2.
उपनिषदों के अनुसार आत्मा और ब्रह्मा के बीच क्या संबंध है?
उत्तर:
आत्मा अंतत: ब्रह्मा के साथ एक है।
प्रश्न 3.
आत्मा की अवधारणा के महत्व पर चर्चा करें।
उत्तर:
आत्मा जीवन का सार है और सर्वोच्च ज्ञान का स्रोत शरीर में इसका अस्तित्व ही जीवन है और इसका बाहर निकलना ही जीव की मृत्यु को परिभाषित करता है ।
मिलान कीजिए
स्तंभ क | स्तंभ ख |
महावीर | (क) अहिंसा |
अनेकांतवाद | (ख) आत्मज्ञान |
सिद्धार्थ गौतम | (ग) जैन धर्म |
अहिंसा | (घ) अनेक दृष्टिकोण |
निर्वाण | (ङ) बौद्ध धर्म |
उत्तर :
1. – (ग)
2. – (घ)
3. – (ङ)
4. – (क)
5. – (ख)
रिक्त स्थान भरिए
1. बौद्ध धर्म के संस्थापक ……….. हैं।
2. जैन धर्म ………… के सिद्धांत पर जोर देता है जिसका अर्थ है अहिंसा |
3. यह शब्द जैन ………….. धर्म में सभी जीवित प्राणियों के परस्पर संबंध की अवधारणा को संदर्भित करता है।
4. उपनिषदों ने यह अवधारणा प्रस्तुत की कि …………. प्रत्येक प्राणी के भीतर दिव्य सार है।
5. जैन धर्म के संस्थापक महावीर का जन्म ……….. हुआ था।
उत्तर :
1. सिद्धार्थ गौतम
2. अहिंसा
3. अनेकांतवाद
4. आत्मा
5. बिहार
सत्य अथवा असत्य
1. वेदों को भारत का सबसे प्राचीन ग्रंथ माना जाता है।
2. जैन धर्म बौद्ध की एक शाखा के रूप में उभरा।
3. बौद्ध धर्म और जैन धर्म दोनों ही सभी जीवित प्राणियों को नुकसान न पहुँचाने की बात करते हैं।
4. ब्रह्मा की अवधारणा जैन धर्म का केंद्रीय तत्व है।
5. जैन धर्म में महावीर को महानायक के रूप में जाना जाता है।
उत्तर :
1. सत्य
2. असत्य
3. सत्य
4. असत्य
5. सत्य
The post Class 6 SST Chapter 7 Extra Questions and Answers in Hindi भारत की सांस्कृतिक जड़ें appeared first on Learn CBSE.