Quantcast
Channel: Learn CBSE
Viewing all articles
Browse latest Browse all 10062

Class 7 Hindi Chapter 5 Question Answer नहीं होना बीमार

$
0
0

Teachers encourage the use of NCERT Solutions for Class 7 Hindi Malhar Chapter 5 नहीं होना बीमार के प्रश्न उत्तर Question Answer for better language learning.

NCERT Class 7th Hindi Chapter 5 नहीं होना बीमार Question Answer

नहीं होना बीमार Class 7 Question Answer

कक्षा 7 हिंदी पाठ 5 प्रश्न उत्तर – Class 7 Hindi नहीं होना बीमार Question Answer

पाठ से

मेरी समझ से

(क) नीचे दिए गए प्रश्नों का सही उत्तर कौन – सा है? उसके सामने तारा (★) बनाइए। कुछ प्रश्नों के एक से अधिक उत्तर भी हो सकते हैं।

प्रश्न 1.
बच्चे के विद्यालय न जाने का मुख्य कारण क्या था?

  • उसका विद्यालय जाने का मन नहीं था।
  • उसका साबूदाने की खीर खाने का मन था।
  • उसने गृहकार्य नहीं किया था।
  • उसे बुखार हो गया था ।

Class 7 Hindi Chapter 5 Question Answer नहीं होना बीमार 1
उत्तर:

  • उसका विद्यालय जाने का मन नहीं था।
  • उसके गृहकार्य नहीं किया था।

प्रश्न 2.
कहानी के अंत में बच्चे ने कहा, “इसके बाद स्कूल से छुट्टी मारने के लिए मैंने बीमारी का बहाना कभी नहीं बनाया । ” बच्चे ने यह निर्णय लिया क्योंकि-

  • घर में रहने के बजाय विद्यालय जाना अधिक रोचक है।
  • बीमारी का बहाना बनाने से साबूदाने की खीर नहीं मिलती।
  • झूठ बोलने से झूठ के खुलने का डर हमेशा बना रहता है।
  • इस बहाने के कारण उसे दिनभर अकेले और भूखे रहना पड़ा।

उत्तर:

  • इस बहाने के कारण उसे दिनभर अकेले और भूखे रहना पड़ा।

Class 7 Hindi Chapter 5 Question Answer नहीं होना बीमार

प्रश्न 3.
“लेटे-लेटे पीठ दुखने लगी” इस बात से बच्चे के बारे में क्या पता चलता है?
Class 7 Hindi Chapter 5 Question Answer नहीं होना बीमार 2

  • उसे बिस्तर पर लेटे रहने के कारण ऊब हो गई थी।
  • उसे अपनी बीमारी की कोई चिंता नहीं रह गई थी।
  • वह बिस्तर पर आराम करने का आनंद ले रहा था।
  • बीमारी के कारण उसकी पीठ में दर्द हो रहा था।

उत्तर:

  • उसे बिस्तर पर लेटे रहने के कारण ऊब हो गई थी।

प्रश्न 4.
“क्या ठाठ हैं बीमारों के भी!” बच्चे के मन में यह बात आई क्योंकि-

  • बीमार व्यक्ति को बहुत आराम करने को मिलता है।
  • बीमार व्यक्ति को अच्छे खाने का आनंद मिलता है।
  • बीमार व्यक्ति को विद्यालय नहीं जाना पड़ता है।
  • बीमार व्यक्ति अस्पताल में शांति से लेटा रहता है।

उत्तर:

  • बीमार व्यक्ति को अच्छे खाने का आनंद मिलता है।

(ख) हो सकता है कि आपके समूह के साथियों ने अलग- अलग उत्तर चुने हों। अपने मित्रों के साथ चर्चा कीजिए कि आपने ये उत्तर ही क्यों चुनें?
उत्तर:

  1. मेरे द्वारा इस प्रश्न के दो विकल्पों का चयन करने का कारण यह है कि पाठ में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि एक दिन बच्चे का स्कूल जाने का मन नहीं किया, साथ ही उसने होमवर्क भी नहीं किया था। स्कूल जाता तो सजा मिलती । वह सजा से बचना चाहता था, इसलिए उसका स्कूल जाने का मन नहीं हुआ।
  2. मेरे द्वारा इस विकल्प का चयन करने का काण यह है कि बच्चे ने जो प्राप्त करने के लिए स्कूल न जाने का बहाना बनाया वह कामयाब नहीं हुआ, अपितु इसके विपरीत उसे दिनभर भूखा और अकेला रहना पड़ा।
  3. मेरे द्वारा इस विकल्प का चयन करने का कारण यह है कि बच्चा बीमार नहीं था इसलिए उसे आराम की आवश्यकता भी नहीं थी, अतः वह लेटे-लेटे बुरी तरह उकता गया। साथ ही उस पर अनेक पाबंदियाँ लगा दी गईं। किसी स्वस्थ व्यक्ति को यदि बीमारों की तरह लेटे रहने के लिए कहा जाए तो उसका उकताहट का अंदाजा लगाया जा सकता है।
  4. मेरे द्वारा इस विकल्प का चुनाव इसलिए किया गया क्योंकि अस्पताल में काका को खीर खाते देखकर ही बच्चे मन में यह विचार आया था कि बीमार व्यक्ति को अच्छा खाना-खाने का आनंद मिलता है।

(विद्यार्थी अपने मित्रों के साथ चर्चा करके बताएँगे कि उनके द्वारा विकल्प चुनने के क्या कारण हैं ।)

मिलकर करें मिलान

• पाठ में से चुनकर कुछ शब्द नीचे दिए गए हैं। अपने समूह में इन पर चर्चा कीजिए और इन्हें इनके सही अर्थों से मिलाइए। इसके लिए आप शब्दकोश, इंटरनेट या अपने परिजनों और शिक्षकों की सहायता ले सकते हैं।
Class 7 Hindi Chapter 5 Question Answer नहीं होना बीमार 3
उत्तर:
1. – 8
2. – 1
3. – 9
4. – 2
5. – 3
6. – 4
7. – 5
8. – 6
9. – 7

पंक्तियों पर चर्चा

पाठ में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें ध्यान से पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार अपने समूह में साझा कीजिए और लिखिए-

(क) “मैंने सोचा बीमार पड़ने के लिए आज का दिन बिलकुल ठीक रहेगा । चलो बीमार पड़ जाते हैं। ”
उत्तर:
बच्चा अस्पताल जाकर वहाँ की साफ-सफाई रख-रखाव आदि से प्रभावित होता है किंतु सबसे ज़्यादा वह मरीज को साबूदाने की खीर खिलाए जाने से प्रभावित होता है। वह भी खीर खाना चाहता है। वह सोचता है कि खीर खाने के लिए बीमार होना आवश्यक हैं, इसलिए जब एक दिन वह होमवर्क नहीं करता, तो पिटने के डर से स्कूल जाने का उसका मन नहीं होता। अब वह क्या करें, अतः उस दिन उसे बीमार पड़ना पूर्णतः उपयुक्त लगता है क्योंकि उसे लगता है कि बीमार पड़ने पर आराम, प्यार, दुलार और साबूदाने की खीर मिलेगी।

(ख) “देखो! उन्होंने एक बार भी आकर नहीं पूछा कि तू क्या खाएगा? पूछते तो मैं साबूदाने की खीर ही तो माँगता । कोई ताजमहल तो नहीं माँग लेता। लेकिन नहीं ! इससे सारे विकार निकल जाएँगे। विकार निकल जाएँ बस । चाहे इस चक्कर में तुम खुद शिकार हो जाओ।”
उत्तर:
बच्चे का बीमार होने का बहाना बनाना सफल नहीं हो पाता, अतः वह झुंझला जाता है और स्वयं पर ही खीझने लगता है, किंतु वह किसी से कुछ कह नहीं सकता। अन्यथा उसका झूठ बोलना सबके सामने आ सकता था। उसे सभी पर गुस्सा आता है। वह मन-ही-मन गुस्से, खीझ और झुंझलाहट से भर उठता है। उसे किसी ने खाने के लिए नहीं पूछा इस पर उसे आश्चर्य और क्षोम होता है। साथ ही उसे खाने के लिए न पूछने का मलाल भी है, अत: तरह-तरह के नकारात्मक विचार उसके मन में आते हैं। उसे किसी की कोई बात नहीं अच्छी लगती, किंतु वह अपना क्षोम न किसी पर व्यक्त कर सकता है, अत: सब कुछ उसके मन-ही-मन में चलता रहता है।

सोच-विचार के लिए

पाठ को एक बार फिर ध्यान से पढ़िए, पता लगाइए और लिखिए-

(क) अस्पताल में बच्चे को कौन-कौन सी चीजें अच्छी लगीं और क्यों?
उत्तर:
अस्पताल के वार्ड में एक लाइन से लगे पलंग, लाल कंबल, साफ-सुथरी सफेद चादरें, खिड़की, हरे पर्दे, चमचमाता फर्श बच्चे को प्रभावित करते हैं। खिड़कियों के पास झूमते हरे-भरे वृक्ष, शांत और स्वच्छ वातावरण से युक्त अस्पताल बच्चे को अच्छा लगा क्योंकि यह सब कुछ उसके लिए नया और अलग था । उसने पहली बार कोई अस्पातल देखा था, इसलिए यह सब उसके मन को अच्छा लग रहा था।

(ख) कहानी के अंत में बच्चे को महसूस हुआ कि उसे स्कूल जाना चाहिए था। क्या आपको लगता है उसका निर्णय सही था? क्यों?
उत्तर:
बच्चे का निर्णय सही था क्योंकि वह स्कूल जाता तो रोज की तरह अपनी रोचक दिनचर्या व्यतीत करता और उसे व्यर्थ का कष्ट, क्षोभ, भूख और अकेलापन नहीं सहना पड़ता ।

Class 7 Hindi Chapter 5 Question Answer नहीं होना बीमार

(ग) जब बच्चा बीमार पड़ने का बहाना बनाकर बिस्तर पर लेटा रहा तो उसके मन में कौन-कौन से भाव आ रहे थे?
(संकेत- मन में उत्पन्न होने वाले विकार या विचार को भाव कहते हैं, उदाहरण के लिए क्रोध, दुख, भय, करुणा, प्रेम आदि । )
उत्तर:
जब बच्चा बीमार पड़ने का बहाना बनाकर बिस्तर पर लेटा रहा तो उसने सोचा कि नाना नानी उसे बीमार जानकर उसका ज़्यादा ध्यान रखेंगे, उसे मनपसंद चीजें खाने को देंगे तथा ज़्यादा लाड करेंगे।

वह साबूदाने की मनपसंद खीर खाकर आराम से लेटा रहेगा किंतु ऐसा न होने पर वह परेशान हो उठा। किसी के द्वारा खाना खाने के लिए न पूछने पर मन-ही-मन परिवारजनों पर उसे क्रोध भी आया । दुःख और क्षोभ के कारण वह झुंझला रहा था। जलन, गुस्से और कुढ़न के कारण वह व्याकुल हो उठा था।

Class 7 Hindi Chapter 5 Question Answer नहीं होना बीमार 4

(घ) कहानी में बच्चे ने सोचा था कि “ठाठ से साफ-सुथरे बिस्तर पर लेटे रहो और साबूदाने की खीर खाते रहो। ” आपको क्या लगता है, असल में बीमार हो जाने और इस बच्चे की सोच में कौन-कौन सी समानताएँ और अंतर होंगे?
(संकेत – आप अपने अनुभवों के आधार पर इस प्रश्न पर विचार कर सकते हैं कि कहानी वाले बच्चे की कल्पना वास्तविकता से कितनी अलग है ।)
उत्तर:
असल में बीमार हो जाने और इस बच्चे की सोच में बहुत अंतर है – बीमार हो जाने पर स्वाभाविक रूप से शारीरिक कष्ट अधिक होता है, अतः व्यक्ति चाहकर भी नहीं उठ पाता, वह अपनी दिनचर्या से अलग दिनभर बिस्तर पर पड़े रहकर दूसरों की सेवा के आश्रित हो जाता है। बीमार व्यक्ति को कुछ भी अच्छा नहीं लगता, चाहे कितना भी स्वादिष्ट कोई भी पकवान हो, उसे खाने का वह आनंद नहीं आता जो स्वस्थ रहते हुए आता है। कहानी वाले बच्चे की कल्पना वास्तविकता से बिलकुल अलग है।

(ङ) नानीजी और नानाजी ने बच्चे को बीमारी की दवा दी और उसे आराम करने को कहा। बच्चे को खाना नहीं दिया गया। क्या आपको लगता है कि उन्होंने सही किया? आपको ऐसा क्यों लगता है?
उत्तर:
नानाजी और नानीजी ने अपने अनुभव के आधार पर जिस प्रकार की बीमारी का अंदाज़ लगाया उसके अनुसार उन्होंने उसे दवा दी और खाना नहीं दिया, अपने विचार से उन्होंने ठीक किया क्योंकि अनेक छोटी-मोटी बीमारियाँ ऐसी होती है, जिन्हें उपवास रखकर ठीक किया जा सकता ।

अनुमान और कल्पना से

(क) कहानी के अंत में बच्चा नानाजी और नानीजी को सब कुछ सच – सच बताने का निर्णय कर लेता तो कहानी में आगे क्या होता?
(संकेत- उसका दिन कैसे बदल जाता? उसकी सोच और अनुभव कैसे होते? )
उत्तर:
अगर बच्चा नानाजी और नानीजी को सच बताने का निर्णय कर लेता तो थोड़ी डाँट जरूर पड़ती, किंतु उसे दिन-भर भूखा और अकेले नहीं रहना पड़ता । जिस भावनात्मक पीड़ा, क्षोभ और क्रोध से वह गुज़रा उससे उसे नहीं गुजरना पड़ता और शायद नानीजी उसे बिना बीमार पड़े ही साबूदाना की खीर बनाकर खिलातीं ।

उसका दिन एक सबक में बदल जाता और भविष्य में वह कभी भी आराम करने या खीर खाने के लिए इस प्रकार के बहाने नहीं बनाने का वादा करता। उसका अनुभव एक सुखद स्मृति में बदल जाता।

Class 7 Hindi Chapter 5 Question Answer नहीं होना बीमार 5

(ख) कहानी में बच्चे की नानीजी के स्थान पर आप हैं। आप सारे नाटक को समझ गए हैं लेकिन चाहते हैं कि बच्चा सारी बात आपको स्वयं बता दे । अब आप क्या करेंगे?
(संकेत – इस सवाल में आपको नानाजी की जगह लेकर सोचना है और एक मनोरंजक योजना बनानी है जिससे बच्चा आपको स्वयं बातें बता दे ।)
उत्तर:
अगर मैं बच्चे की नानी के स्थान पर होता और बच्चे के स्कूल न जाने के बहाने को समझ जाता तो मैं उस दिन घर में साबूदाने की खीर सबके लिए बनाता, इस प्रकार बच्चे को लगता कि बिना बीमार पड़े या बीमारी का नाटक किए बिना भी साबूदाने की खीर मिल सकती तो क्यों मैं ये नाटक करूँ, और वह स्वयं ही अपने नाटक के विषय में बताने के लिए प्रेरित होता ।

(ग) कहानी में बच्चे के स्थान पर आप हैं और घर में अकेले हैं। अब आप ऊबने से बचने के लिए क्या – क्या करेंगे?
उत्तर:
मैं घर में अकेले रहते हुए ऊब से बचने के लिए अपने खिलौनों से खेलूँगा, अपने छूटे हुए होमवर्क को करूँगा । अपने कमरे को साफ़ करने के साथ ही प्रत्येक वस्तु को यथास्थान रखूँगा, जिससे नानीजी मेरा काम देखकर खुश हो जाए।

(घ) कहानी के अंत में बच्चे को लगा कि उसे स्कूल जाना चाहिए था। कल्पना कीजिए, अगर वह स्कूल जाता तो उसका दिन कैसा होता? अगले दिन जब वह स्कूल गया होगा तो उसने क्या-क्या किया होगा ?
उत्तर:
अगर बच्चा स्कूल जाता तो होमवर्क न करने के कारण उसे अध्यापक से डाँट तो पड़ती किंतु उसका शेष दिन अन्य दिनों की तरह ही उसकी मर्जी से बीतता । अगले दिन स्कूल जाने पर उसने वे सभी कार्य बड़े मन से किए होंगे, जिन्हें वह कल बिस्तर पर लेटकर ऊबते हुए याद कर रहा था और अपने स्कूल न जाने के निर्णय पर पछता रहा था।

(ङ) कहानी में नानाजी ने बच्चे की बीमारी ठीक करने के लिए उसे दवाई दी और खाने के लिए कुछ नहीं दिया। अगर आप नानीजी या नानाजी की जगह होते तो क्या-क्या करते?
उत्तर:
मैं बच्चे की बीमारी को समझने का प्रयास करता और तत्पश्चात उसे डॉक्टर के पास ले जाता। डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही खाना, पानी, फल आदि देता। साथ ही बच्चे की मन:स्थिति को समझने की कोशिश करता। अगर मुझे लगता कि बच्चा झूठ बोल रहा है तो उसे किसी-न-किसी प्रकार सच बोलने के लिए प्रेरित करता ।

Class 7 Hindi Chapter 5 Question Answer नहीं होना बीमार

कहानी की रचना

“अस्पताल का माहौल मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था। बड़ी-बड़ी खिड़कियों के पास हरे-हरे पेड़ झूम थे। न ट्रैफिक का शोरगुल, न धूल, न मच्छर-मक्खी…। सिर्फ लोगों के धीरे-धीरे बातचीत करने की धीमी-धीमी गुनगुन। बाकी एकदम शांति।”

इन पंक्तियों पर ध्यान दीजिए। इन पंक्तियों में ऐसा लग रहा है मानो हमारी आँखों के सामने अस्पताल का चित्र-सा बन गया हो। लेखन में इसे ‘चित्रात्मक भाषा’ कहते हैं। अनेक लेखक अपनी रचना को रोचक और सरस बनाने के लिए उपयुक्त स्थानों पर अनेक वस्तुओं, कार्यों, स्थानों आदि का विस्तार से वर्णन करते हैं।

लेखक ने इस कहानी को सरस और रोचक बनाने के लिए और भी अनेक तरीकों का उपयोग किया है। उदाहरण के लिए, उन्होंने कहानी में ‘बच्चे द्वारा कल्पना करने का भी प्रयोग किया है (जब बच्चा अकेले लेटे-लेटे घर और बाहर के लोगों के बारे में सोच रहा है)। इस कहानी में ऐसी कई विशेषताएँ छिपी हैं।

(विद्यार्थी अपनी पाठ्यपुस्तक की पृष्ठ संख्या-65 पर दिए गए विवरण को पढ़ें।)

(क) इस पाठ को एक बार फिर से पढ़िए और अपने समूह में मिलकर इस पाठ की अन्य विशेषताओं की सूची बनाइए। अपने समूह की सूची को कक्षा में सबके साथ साझा कीजिए।
उत्तर:

  1. बीमार व्यक्ति की देखभाल हेतु समय निकालना, मिलने जाते समय कुछ पसंदीदा उपयुक्त चीज़ ले जाना, संबंधी प्रसंग बच्चों के लिए प्रेरणादायी हैं।
  2. पाठ को पढ़कर अस्पताल के शांत, स्वच्छ वातावरण और कर्मचारियों के प्रति एक सकारात्मक छवि उभरती है।
  3. छोटे बच्चों के भोले विचारों का मनोविज्ञान जानकर मन में हास्य का भाव आता है कि बच्चा बीमारी से होने वाले कष्टों को न समझकर मात्र साबूदाने की खीर खाने की इच्छा होने के कारण स्वयं बीमार होने की कामना कर रहा है। उदाहरण – ‘क्या ठाठ हैं बीमारी के भी। मैंने सोचा ठाठ से साफ-सुधरे बिस्तर पर लेटे रहो और साबूदाने की खीर खाते रहो। काश ! सुधाकर काका की जगह मैं होता! मैं कब बीमार पहूँगा ।
  4. पहली बार अस्पताल जाने, वहाँ के दृश्य देखकर सहज-कौतूहल उत्पन्न होने, अनेक प्रश्न मन में उठने; जैसे अनेक स्वाभाविक दृश्य कहानी की गत्यात्मकता बनाए रहते हैं।
  5. बाल-सुलभ चंचलता युक्त कहानी के दृश्य एवं गतिविधियाँ अत्यंत रोचक विशिष्टताएँ लिए हुए हैं।
  6. बच्चे की बाल-सुलभ उलझनें जबरदस्ती लेटने का बँधन, स्कूल की दिनचर्या को याद करना, अपने बहाने पर प्रायश्चित आदि कहानी के रोचक तथ्य हैं।
  7. बच्चे का झुंझलाहट युक्त कथन उसकी मानसिक स्थिति को, घर के वातावरण को चित्रित करने में सहायक हैं, यथा – ” वे खाना खा रहे हैं। चबाने की आवाजें आ रही हैं। देखो! उन्होंने एक बार भी आकर नहीं पूछा कि तू क्या खाएगा? पूछते तो मैं साबूदाने की खीर ही तो माँगता। कोई ताजमहल तो नहीं माँग लेता। लेकिन नहीं । भूखे रहो !! इससे सारे विकार निकल जाएँगे ।
  8. सहज, सरल भाषा-शैली युक्त संपूर्ण कहानी बच्चों का मनोरंजन करने के साथ सबक भी देती प्रतीत होती है।

(ख) कहानी में से निम्नलिखित के लिए उदाहरणं खोजकर लिखिए-
Class 7 Hindi Chapter 5 Question Answer नहीं होना बीमार 6
उत्तर:

विशेष बिंदु कहानी में से उदाहरण
1. बच्चे द्वारा पिछली बातों को याद किया जाना कितना मजा आता जब रिसेस में ठेले पर जाकर नमक- मिर्च लगे अमरूद खाते कटर-कटर |
2. हास्य यानी हँसी-मजाक का उपयोग किया जाना पूछते तो मैं साबूदाने की खीर ही तो माँगता । कोई ताजमहल तो नहीं माँग लेता। लेकिन नहीं। भूखे रहो !! इससे सारे विकार निकल जाएँगे।
3. बच्चे द्वारा सोचने के तरीके में बदलाव आना क्या मुसीबत है! पड़े रहो ! आखिर अब तक कोई पड़ा रह सकता है? इससे तो स्कूल चला जाता तो ही ठीक रहता। सजा मिलती तो मिल जाती।
4. कहानी में किसी का किसी बात से अनजान होना मन्नू एक बार भी मुझे देखने नहीं आया। आया भी होगा तो दबे पाँव आया होगा और मुझे सोता जान लौट गया होगा।
5. बच्चे द्वारा स्वयं से बातें किया जाना देखो! उन्होंने एक बार भी आकर नहीं पूछा कि तू क्या खाएगा? पूछते तो मैं साबूदाने की खीर ही तो माँगता। कोई ताजमहल तो नहीं माँग लेता। लेकिन नहीं। भूखे रहो!!

समस्या और समाधान

कहानी को एक बार पुनः पढ़कर पता लगाइए-

(क) बच्चे के सामने क्या समस्या थी? उसने उस समस्या का क्या समाधान निकाला ?
उत्तर:
बच्चे के सामने समस्या थी कि वह बीमार नहीं था, किंतु साबूदाने की खीर खाना चाहता था। बच्चे को लगा कि खीर तभी खाने को मिलगी जब वह बीमार पड़ेगा, इसलिए उसने समस्या का समाधान यह खोजा कि बीमार होने का बहाना
किया जाए तो खाने के लिए साबूदाने की खीर मिलेगी ।

(ख) नानीजी – नानाजी के सामने क्या समस्या थी? उन्होंने उस समस्या का क्या समाधान निकाला ?
उत्तर:
नानीजी – नानाजी के सामने यह समस्या थी कि वे बच्चे की बीमारी का कोई कारण नहीं समझ पा रहे थे, अतः उन्होंने बच्चे की पेट संबंधी समस्या को ध्यान में रखते हुए कुछ घरेलू दवाइयाँ देकर समस्या का समाधान निकाला।

शब्द से जुड़े शब्द

• नीचे दिए गए स्थानों में ‘बीमार’ से जुड़े शब्द पाठ में से चुनकर लिखिए-
Class 7 Hindi Chapter 5 Question Answer नहीं होना बीमार 7
उत्तर:
Class 7 Hindi Chapter 5 Question Answer नहीं होना बीमार 8

खोजबीन

कहानी में से वे वाक्य ढूँढ़कर लिखिए जिनसे पता चलता है कि-

(क) कहानी में सर्दी के मौसम की घटनाएँ बताई गई हैं।
उत्तर:

  1. मैं रजाई से निकला ही नहीं।
  2. अस्पताल में लाल कंबल ।
  3. मैं रजाई में पड़ा पड़ा घर में चल रही गतिविधियों का अनुमान लगाता रहा।
  4. नानाजी ने रजाई हटाकर मेरा माथा छुआ।
  5. रीसेस में अमरूद खाते कटर-कटर | जब नहीं रहा गया तो मैं रजाई फेंककर दबे पाँव दरवाजे तक गया।
  6. आम! इस मौसम में ! जरूर बंबई वाले चाचाजी ने भेजे होंगे।

(ख) बच्चे को बहाना बनाने के परिणाम का आभास हो गया।
उत्तर:

  1. हे भगवान! यह तो अच्छी खासी बोरियत हो गई । पूरा दिन कोई कैसे लेटा रहे ? और शाम को … । क्या शाम को भी नानाजी बाहर जाने देंगे? सारे बच्चे हल्ला मचाते हुए आँगन में खेल रहे होंगे और मैं बिस्तर में पड़ा झख मार रहा होऊँगा। अक्लमंद ! और बनो बीमार ! और आज दिया गया होमवर्क ! किससे कॉपी माँगोगे? मैं रुआँसा हो गया।
  2. क्या मुसीबत है! ठप पड़े रहो! आखिर कब तक कोई पड़ा रह सकता है? इससे तो स्कूल चला जाता तो ही ठीक रहता । सज़ा मिलती तो मिल जाती।

(ग) बच्चे को खाना-पीना बहुत प्रिय है।
उत्तर:

  1. क्या ठाठ हैं बीमारों के भी। मैंने सोचा …. ठाठ से साफ-सुथरे बिस्तर पर पड़े रहो और साबूदाने की खीर खाते रहो! काश! सुधाकर काका की जगह मैं होता ! मैं कब बीमार पहूँगा।
  2. कितना मज़ा आता जब रिसेस में ठेले पर जाकर नमक मिर्च लगे अमरूद खाते कटर-कटर।
  3. जरा आँख लगती तो खाने ही खाने की चीजें दिखाई
    पड़तीं। गरमागरम खस्ता कचौड़ी…. मावे की बर्फी…. बेसन की चिक्की…. । गोलगप्पे और सबसे ऊपर साबूदाने की खीर! पता नहीं क्यों साबूदाने की खीर सिर्फ उपवास और बीमारी में ही बनाई जाती है। जैसे गुझिया सिर्फ होली-दिवाली और पंजीरी सिर्फ पूर्णिमा के दिन ही बनाई जाती है। क्यों? क्या ये चीजें जब इच्छा हो तब नहीं बनाई जा सकतीं। कोई मना करता है?
  4. .. वो खाना खा रहे हैं । चबाने की आवाजें आ रही हैं। देखो! उन्होंने एक बार भी आकर नहीं पूछा कि तू क्या खाएगा? पूछते तो मैं साबूदाने की खीर ही तो माँगता।
  5. आज क्या खाना बना होगा? खुशबू तो दाल-चावल की आ रही है। अरहर की दाल में हींग -जीरे का बघार और ऊपर से बारीक कटा हरा धनिया और आधा चम्मच देसी घी। फिर उसमें उन्होंने नीबू निचोड़ा होगा। थोड़ा-सा इस बीमार को भी दे दे कोई ।
  6. …… लेकिन खुशबू तो किसी और चीज की है। क्या हरी मिर्च तली गई है? उसे दाल-चावल में मसलकर खा रहे हैं। जब रहा नहीं गया तो मैं रजाई फेंककर खड़ा हो गया। दबे पाँव दरवाजे तक गया और चुपके से झाँककर देखा। हाँ, दाल-चावल, तली हुई हरी मिर्च |
  7. लेकिन मुन्नू आम चूस रहा था। आम ! इस मौसम में ! जरूर मुंबई वाले चाचाजी ने भेजे होंगे।

(घ) बच्चे को स्कूल जाना अच्छा लगता है।
उत्तर:
इससे तो स्कूल चला जाता तो ही ठीक रहता। सजा मिलती तो मिल जाती। कितना मजा आता जब रीसेस में ठेले पर जाकर नमक मिर्च लगे अमरूद खाते कटर-कटर ।

शीर्षक

(क) आपने जो कहानी पढ़ी है, इसका नाम ‘नहीं होना बीमार’ है। अपने समूह में चर्चा करके लिखिए कि इस कहानी का यह नाम उपयुक्त है या नहीं। अपने उत्तर के कारण भी बताइए।
उत्तर:
इस कहानी का शीर्षक / नाम उपयुक्त नहीं है, क्योंकि बच्चा इस कहानी में बीमार नहीं था। उसने बीमार होने का बहाना
बनाया था।

(ख) यदि आपको इस कहानी को कोई अन्य नाम देना हो तो क्या नाम देंगे? आपने यह नाम क्यों सोचा, यह भी बताइए |
उत्तर:
मैं इस कहानी को नाम देता – ‘सबक’। यह नाम मैं इसलिए देता क्योंकि बीमारी का झूठा बहाना बनाने का क्या परिणाम होता है, इसका ‘सबक’ बच्चा सीख चुका था।

अभिनय

(विद्यार्थी अपनी पाठ्यपुस्तक की पृष्ठ संख्या – 67 पर दिए गए संवाद पढ़ेंगे।)

चेहरों पर मुस्कान, मुँह में पानी

(क) इस कहानी में अनेक रोचक घटनाएँ हैं जिन्हें पढ़कर चेहरे पर मुस्कान आ जाती है। इस कहानी में किन बातों को पढ़कर आपके चेहरे पर भी मुस्कान आ गई थी ? उन्हें रेखांकित कीजिए ।
उत्तर:

  1. काश! सुधाकर काका की जगह मैं होता ! मैं कब बीमार पहुँगा!
  2. मैंने सोचा बीमार पड़ने के लिए आज का दिन बिल्कुल ठीक रहेगा, चलो बीमार पड़ जाते हैं।
  3. नाना जी बोले- आज इसे कुछ खाने को मत देना, आराम करने दो।
  4. जरा आँख लगती तो खाने की ही चीजें दिखाई देती ।
  5. वो खाना खा रहे हैं। चबाने की आवाजें आ रही हैं। देखो! उन्होंने एक बार भी आकर नहीं पूछा कि तू क्या खाएगा? पूछते तो मैं साबूदाने की खीर ही तो माँगता । कोई ताजमहल तो नहीं माँग लेता। लेकिन नहीं। भूखे रहो! इससे सारे विकार निकल जाएँगे । विकार निकल जाएँ बस। चाहे इस चक्कर में तुम खुद शिकार हो जाओ।
  6. थोड़ा-सा इस बीमार को भी दे दे कोई।

Class 7 Hindi Chapter 5 Question Answer नहीं होना बीमार

(ख) इस कहानी में किन वाक्यों को पढ़कर आपके मुँह में पानी आ गया था? उन्हें रेखांकित कीजिए ।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करेंगे।

लेखन के अनोखे तरीके

(विद्यार्थी अपनी पाठ्यपुस्तक की पृष्ठ संख्या – 68 पर दिए गए वाक्यों को पढ़ेगे।)

• नीचे कुछ वाक्य दिए गए हैं। कहानी में ढूँढ़िए कि इन बातों को कैसे लिखा गया है-

  1. ऐसा लगा मानो हमें देखकर सुधाकर काका खुश हो गए।
  2. खिड़कियाँ बहुत बड़ी थीं और उनके बाहर हरे पेड़ हवा से हिल रहे थे।
  3. वहाँ केवल लोगों के फुसफुसाने की आवाजें आ रही थीं।
  4. फुसफुसाने की आवाजों के सिवा वहाँ कोई आवाज नहीं थी।
  5. बीमार लोगों के बहुत मजे होते हैं।
  6. मैं झूठमूठ बीमार पड़ जाता हूँ ।

Class 7 Hindi Chapter 5 Question Answer नहीं होना बीमार 9
उत्तर:

  1. हमें देखकर सुधाकर काका जैसे खुश हो गए।
  2. बड़ी-बड़ी खिड़कियों के पास हरे-हरे पेड़ झूम रहे थे ।
  3. सिर्फ लोगों के धीरे-धीरे बात करके की धीमी-धीमी गुनगुन ।
  4. बाकी एकदम शांति ।
  5. क्या ठाठ हैं बीमारों के भी।
  6. मैंने सोचा बीमार पड़ने के लिए आज का दिन बिल्कुल ठीक रहेगा। चलो बीमार पड़ जाते हैं।

विराम चिह्न

देखें!” नानाजी ने रजाई हटाकर मेरा माथा छुआ। पेट देखा और नब्ज देखने लगे। इस बीच नानीजी भी आ गईं। “क्या हुआ?”, नानीजी ने ‘पूछा।
Class 7 Hindi Chapter 5 Question Answer नहीं होना बीमार 10
पिछले पृष्ठ पर दिए गए वाक्यों को ध्यान से देखिए। इन वाक्यों में आपको कुछ शब्दों से पहले या बाद में कुछ चिह्न दिखाई दे रहे हैं। इन्हें विराम चिह्न कहते हैं।
अपने समूह के साथ मिलकर नीचे दिए गए विराम चिह्न को कहानी में ढूँढ़िए। ध्यानपूर्वक देखकर समझिए कि इनका प्रयोग वाक्यों में कहाँ-कहाँ किया जाता है। आपने जो पता किया, उसे नीचे लिखिए—
Class 7 Hindi Chapter 5 Question Answer नहीं होना बीमार 11
आवश्यकता हो तो इस प्रश्न का उत्तर पता करने के लिए आप अपने परिजनों, शिक्षकों, पुस्तकालय या इंटरनेट की सहायता ले सकते हैं।
(विराम चिह्न को समझने के लिए अपनी पाठ्यपुस्तक की पृष्ठ संख्या 68-69 देखें।)

• अपने समूह के साथ मिलकर नीचे दिए गए विराम चिह्न को कहानी में ढूँढ़िए। ध्यानपूर्वक देखकर समझिए
नहीं होना बीमार कि इनका प्रयोग वाक्यों में कहाँ-कहाँ किया जाता है। आपने जो पता किया, उसे नीचे लिखिए-
उत्तर:

विराम चिह्न कहाँ प्रयोग किया जाता है
पूर्ण विराम (।) पूर्ण विराम का प्रयोग वाक्य के अंत में किया जाता है, जो वाक्य को पूरा करने और उसके अर्थ को स्पष्ट करने में मदद करता है।
अल्प विराम (,) अल्पविराम का प्रयोग वाक्य में दो या दो से अधिक शब्दों, वाक्यांशों या उपवाक्यों को अलग करने के लिए किया जाता है। यह विराम चिह्न वाक्य के अर्थ को स्पष्ट करने और उसे अधिक पठनीय बनाने में मदद करता है।
प्रश्नवाचक चिह्न (?) प्रश्नवाचक चिह्न का प्रयोग प्रश्न वाक्यों के अंत में किया जाता है जो किसी जानकारी या स्पष्टीकरण की माँग करते हैं।
विस्मयादिबोधक चिह्न (!) विस्मयादिबोधक का प्रयोग वाक्य में आश्चर्य, खुशी, दुख क्रोध आदि भावनाओं को व्यक्त करने के लिए
वाक्य के अंत में किया जाता है।
उद्धरण चिह्न (” “) उद्धरण चिह्न का प्रयोग किसी के कैसी होगी गली द्वारा कहे गए शब्दों या वाक्यों को ज्यों का त्यों उद्धृत (लिखने) करने के लिए किया जाता है।

• (विद्यार्थी अपनी पाठ्यपुस्तक की पृष्ठ संख्या – 69 पर दी गई गतिविधि पढ़ें।)
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करेंगे।

कैसी होगी गली

“मुझे बड़ी तेज इच्छा हुई कि इसी समय बाहर निकलकर दिन की रोशनी में अपनी गली की चहल-पहल देखूँ”
आपने कहानी में बच्चे के घर के साथ वाली गली के बारे में बहुत-सी बातें पढ़ी हैं। उन बातों और अपनी कल्पना के आधार पर उस गली का एक चित्र बनाइए ।

• (विद्यार्थी अपनी पाठ्यपुस्तक की पृष्ठ संख्या – 69 पर दी गई गतिविधि पढ़ें।)
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करेंगे।

पाठ से आगे

आपकी बात

(क) बच्चे ने अस्पताल के वातावरण का विस्तार से सुंदर वर्णन किया है। इसी प्रकार आप अपनी कक्षा का वर्णन कीजिए।
(ख) कहानी में बच्चे को घर में अकेले दिन भर लेटे रहना पड़ा था। क्या आप कभी कहीं अकेले रहे हैं? उस समय आपको कैसा लग रहा था? आपने क्या-क्या किया था?
(ग) कहानी में आम खाने वाले मुन्नू को देखकर बच्चे को ईर्ष्या हुई थी। क्या आपको कभी किसी से या किसी को आपसे ईर्ष्या हुई है? आपने तब क्या किया था ताकि यह भावना दूर हो जाए?
(घ) कहानी में नानाजी – नानीजी बच्चे का पूरा ध्यान रखने का प्रयास करते हैं। आपके घर और विद्यालय में आपका ध्यान कौन-कौन रखते हैं? कैसे?
(ङ) आप अपने परिजनों और मित्रों का ध्यान कैसे रखते हैं? क्या-क्या करते हैं या क्या-क्या नहीं करते हैं ताकि उन्हें कम-से-कम परेशानी हो ?

• (इससे संबंधित अंश पाठ्यपुस्तक की पृष्ठ संख्या-69 पर देखें।)
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करेंगे।

Class 7 Hindi Chapter 5 Question Answer नहीं होना बीमार

बहाने

(क) कहानी में बच्चे ने बीमारी का बहाना बनाया ताकि उसे स्कूल न जाना पड़े। क्या आपने कभी किसी कारण से बहाना बनाया है? यदि हाँ, तो उसके बारे में बताइए । उस समय आपके मन में कौन-कौन से भाव आ-जा रहे थे? आप कैसा अनुभव कर रहे थे ?
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।

Class 7 Hindi Chapter 5 Question Answer नहीं होना बीमार 12

(ख) आमतौर पर बनाए जाने वाले बहानों की एक सूची बनाइए।
उत्तर:
पेट दर्द, सिर दर्द, बुखार, किसी का जन्मदिन, माँ की सहायता के लिए रुकना, छोटे भाई का स्वस्थ्य खराब होना दादाजी के साथ अस्पताल जाना, बुआ, मौसी आदि का घर पर आना।

(ग) बहाने क्यों बनाने पड़ते हैं? बहाने न बनाने पड़ें, इसके लिए हम क्या – क्या कर सकते हैं?
उत्तर:
कई बार कुछ कार्य करने की हमारे इच्छा नहीं होती किंतु हम स्पष्ट बताने में डरते हैं या संकोच करते हैं इसलिए बहाने बनाने पड़ते हैं।
हमें बहाने न बनाने पड़ें इसके लिए संकोच और डर को छोड़कर थोड़ी हिम्मत जुटाकर सच बोलने की कोशिश करनी चाहिए।

अनुमान

“मैं रजाई में पड़ा-पड़ा घर में चल रही गतिविधियों का अनुमान लगाता रहा।”
कहानी में बच्चे ने अनेक प्रकार के अनुमान लगाए हैं। क्या आपने कभी किसी अनदेखे व्यक्ति / वस्तु / पशु – पक्षी/स्थान आदि के विषय में अनुमान लगाए हैं? किसके बारे में? क्या? कब? विस्तार से बताइए।
(संकेत – जैसे पेड़ से आने वाली आवाज सुनकर किसी प्राणी का अनुमान लगाना; कहीं दूर रहने वाले किसी संबंधी/रिश्तेदार के विषय में सुनकर उसके संबंध में अनुमान लगाना।)

• (विद्यार्थी इससे संबंधित अंश पाठ्यपुस्तक की पृष्ठ संख्या- 70 पर देखें।)
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करेंगे।

घर का सामान

“बहुत ढूँढ़ा गया पर थर्मामीटर मिला ही नहीं। शायद कोई माँगकर ले गया था।”

• कहानी में बच्चे के घर पर थर्मामीटर (तापमापी) खोजने पर वह मिल नहीं पाता। आमतौर पर हमारे घरों में कोई न कोई ऐसी वस्तु होती है जिसे खोजने पर भी वह नहीं मिलती, जिसे कोई माँगकर ले जाता है या हम जिसे किसी से माँगकर ले आते हैं। अपने घर को ध्यान में रखते हुए ऐसी वस्तुओं की सूची बनाइए –
Class 7 Hindi Chapter 5 Question Answer नहीं होना बीमार 13
उत्तर:

जो खोजने पर भी नहीं मिलती हैं जो कोई माँगकर ले जाते हैं जो आप किसी से माँगकर लाते हैं
कैंची पलास फूल
रबर खुरपी बीज
बोटल सीढ़ी मिट्टी
रूमाल कुर्सियाँ गुझिया बनाने का साँचा

खान-पान और आप

• (विद्यार्थी इससे संबंधित अंश पाठ्यपुस्तक की पृष्ठ संख्या – 71 पर देखें।)
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करेंगे।

Class 7 Hindi Chapter 5 Question Answer नहीं होना बीमार

आज की पहेली

• कहानी में आपने खाने-पीने की अनेक वस्तुओं के बारे में पढ़ा है। अब हम आपके सामने खाने-पीने की वस्तुओं या व्यंजनों से जुड़ी कुछ पहेलियाँ लाए हैं। इन्हें बूझिए और उत्तर लिखिए-
Class 7 Hindi Chapter 5 Question Answer नहीं होना बीमार 15
उत्तर:

पहेली उत्तर
1. रोटी जैसा होता है ये, पर आलू से भरा-भरा, घी-तेल साथी हैं इसके, दही चटनी से हरा-भरा आलू का पराठा
2. दाल-चावल का मेल है यह तो, भारत भर में तुम इसे पाओ, दक्षिण में ये खूब है बनता, चटनी – सांभर संग-संग खाओ, गोल – तिकोना इसका आकार, गरम-गरम तुम इसे बनाओ, कौन-सा व्यंजन होता है यह, बोलो बोलो नाम बताओ। मसाला डोसा
3. नाश्ते का यह बड़ा है खास, महाराष्ट्र में इसका वास, मिर्च-मसाले से भरपूर, संग बटाटा भी मशूहर
चटपटी लगी किसे ? बूझो नाम तो खाएँ इसे !
वड़ा पाव
4. बेसन से बने चौकोर या गोल, गुजरात में बड़ा है बोल। खाने में नर्म, पानी भरे, ध निया मिर्ची संग सजे। ढोकला
5. गोल-गोल पानी से भरके, चटनी सोंठ संग इसे खाओ उत्तर-दक्षिण पूरब-पश्चिम, गली-मुहल्लों में भी पाओ। खट्टी-मीठी, तीखी हाय, खाना तो इसे हर कोई चाहे ! गोलगप्पे (पानी पूरी)
6. हरे साग संग मुझको पाओ, मक्खन के संग मुझको खाओ। आटा मेरा हल्का पीला, स्वाद मेरा है बड़ा रंगीला। मुक्के की रोटी
7. आग में पकती हूँ, सोंधा-सा स्वाद, साथ में खाओ चूरमा बन जाए फिर बात, गरम दाल से मुझको प्यार, राजस्थान का मैं उपहार । बाटी
8. गोल-गोल और श्वेत रंग का रस से भरा हुआ हूँ खूब । मीठी दुनिया का महाराजा चाशनी मीठी डूब – डूब। रसगुल्ला

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Chapter 5 मीठाईवाला (Old Syllabus)

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास

कहानी से
प्रश्न 1.
मिठाईवाला अलग-अलग चीजें क्यों बेचता था और वह महीनों बाद क्यों आता था?
उत्तर-
मिठाईवाला अलग-अलग चीजें इसलिए बेचता था, क्योंकि वह बच्चों का सान्निध्य प्राप्त करना चाहता था। उसके बच्चों एवं पत्नी की मृत्यु असमय हो गई थी। वह अपने बच्चों की झलक इन गली के बच्चों में देखता था। इसलिए वह बच्चों की रुचि की चीजें बेचा करता था। वह बदल-बदल कर बच्चों की चीजें लाया करता था, इसलिए उसके आते ही बच्चे भी उसे घेर लिया करते थे। वह बच्चे की फरमाइशें पूरी करता रहता था। वह कई महीनों के बाद आता था क्योंकि उसे पैसों का कोई लालच नहीं था। इसके अलावे वह इन चीज़ों को तैयार करवाता था तथा बच्चों के उत्सुकता को बनाए रखना चाहता था।

प्रश्न 2.
मिठाईवाले में वे कौन से गुण थे जिनकी वजह से बच्चे तो बच्चे, बड़े भी उसकी ओर खिंचे चले आते थे?
उत्तर
मिठाईवाले का मधुर आवाज में गा-गाकर अपनी चीजों की विशेषताएँ बताना, बच्चों की मनपसंद चीजें लाना, कम दामों में बेचना, बच्चों से अपनत्व दर्शाना आदि ऐसी विशेषताएँ थीं। बच्चे तो बच्चे बड़े भी उसकी ओर खिंचे चले आते थे।

प्रश्न 3.
विजय बाबू एक ग्राहक थे और मुरलीवाला एक विक्रेता। दोनों अपने-अपने पक्ष के समर्थन में क्या तर्क पेश करते हैं?
उत्तर-
विजय बाबू एक ग्राहक थे जबकि मुरलीवाला एक विक्रेता। दोनों ने मोल-भाव के लिए अपने-अपने तर्क दिए। विजय बाबू ने अपने पक्ष में यह तर्क प्रस्तुत करते हुए कहते हैं-फेरीवाले की झूठ बोलने की आदत होती है। देते हैं सभी को दो-दो पैसे में, पर अहसान का बोझ मेरे ऊपर लाद रहे हो।

इसके विपरीत मुरलीवाले ने अपना तर्क प्रस्तुत करते हुए कहा-ग्राहक को वस्तुओं की लागत का पता नहीं होता, उनका दस्तूर होता है कि दुकानदार चाहे हानि उठाकर वस्तु क्यों न बेचे, पर ग्राहक यही समझते हैं कि दुकानदार उन्हें लूट रहा है।

प्रश्न 4.
खिलौनेवाले के आने पर बच्चों की क्या प्रतिक्रिया होती थी?
उत्तर-
खिलौने वाले के आने पर बच्चे खुश हो जाते थे। बच्चे अति उत्साहित हो जाते थे। उन्हें खेलकूद भूलकर अपने सामान, जूते-चप्पल आदि का ध्यान नहीं रहता। वे अपने-अपने घर से पैसे लाकर खिलौने का मोल-भाव करने लग जाते थे। खिलौनेवाला उनका मन चाहा खिलौने दे देता था और बच्चे उन्हें लेकर काफ़ी खुश हो जाते थे। बच्चे खुशी से पागल हो जाते थे।

प्रश्न 5.
रोहिणी को मुरलीवाले के स्वर से खिलौनेवाले का स्ण क्यों हो आया?
उत्तर-
रोहिणी को मुरलीवाले के स्वर से खिलौनेवाले का स्मरण इसलिए हो आया क्योंकि खिलौनेवाला की तरह ही इसकी आवाज़ जानी पहचानी थी। खिलौनावाला भी इसी प्रकार मधुर स्वर से गाकर खिलौना बेचा करता था। मुरलीवाला ठीक उसी तरह ही मीठे स्वर में गाकर मुरलियाँ बेचा करता था।

प्रश्न 6.
किसकी बात सुनकर मिठाईवाला भावुक हो गया था? उसने इन व्यवसायों को अपनाने का क्या कारण बताया?
उत्तर-
रोहिणी की बात सुनकर मिठाईवाला भावुक हो गया था। इस पर उसने भावुक हो बताया-मैं भी अपने नगर का एक प्रतिष्ठित व्यापारी था। मकान, व्यवसाय, गाड़ी-घोड़े, नौकर-चाकर सभी कुछ था। स्त्री थी, छोटे-छोटे दो बच्चे थे। मेरा वह सोने का संसार था। उसके पास सुख के सभी साधन थे। स्त्री और छोटे बच्चे भी थे। ईश्वर की लीला सभी को ले गई। उसने इन व्यवसायों को अपनाने के निम्नलिखित कारण बताएँ-

मैं इस व्यवसायों के माध्यम से अपने खोए बच्चों को खोजने निकला हूँ। इन हँसते-कूदते, उछलते तथा इठलाते बच्चों में अपने बच्चे की झलक होगी। इन वस्तुओं को बच्चों में बेचकर संतोष का अनुभव करता हूँ। बच्चों के चेहरे की खुशी देखकर मुझे असीम संतोष मिलता है।

प्रश्न 7.
‘अब इस बार ये पैसे न लँगा’-कहानी के अंत में मिठाईवाले ने ऐसा क्यों कहा?
उत्तर-
मिठाईवाले के जीवन का रहस्य कोई नहीं जानता था लेकिन जब उसने अपने जीवन की सारी गाथा दादी और रोहिणी को बताई। उसी समय रोहिणी के छोटे-छोटे बच्चे चुन्नू-मुन्नू आकर मिठाई माँगने लगते हैं। वह दोनों को मिठाई से भरी एकएक पुडिया देता है। रोहिणी पैसे देती है तो उसका यह कहना-“अब इस बार ये पैसे न लँगा।” इस बात को दर्शाता है। कि उसका मन भर आया और ये बच्चे उसे अपने बच्चे ही लगे।

प्रश्न 8.
इस कहानी में रोहिणी चिक के पीछे से बात करती है। क्या आज भी औरतें चिक के पीछे से बात करती हैं? यदि करती हैं तो क्यों? आपकी राय में क्या यह सही है?
उत्तर
स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् संविधान ने स्त्री-पुरुष को समान अधिकार दिए और आज शिक्षा के प्रसार व आधुनिकीकरण से भी समाज में बदलाव आया है। आज स्त्रियाँ पुरुषों से किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। लेकिन भारत के कुछ पिछड़े गाँव व स्थान ऐसे भी हैं जहाँ स्त्रियों को आज भी पर्दे में रहना पड़ता है। ऐसे में वे चिक के पीछे बात करने को मजबूर होती हैं। हमारी राय में यह पूर्णतया गलत है क्योंकि स्त्री-पुरुष दोनों समाज के आधार हैं। दोनों को समान दर्जा मिलना चाहिए।

इन पिछड़े वर्गों में जागृति लाने हेतु सरकार व युवावर्ग को आगे आना होगा और लोगों की सोच बदलनी होगी जिससे साक्षर राष्ट्र का निर्माण किया जा सके।

कहानी से आगे

प्रश्न 1.
मिठाईवाले के परिवार के साथ क्या हुआ होगा? सोचिए और इस आधार पर एक और कहानी बनाइए?
उत्तर
मिठाईवाले का परिवार अवश्य ही किसी दुर्घटना का शिकार हुआ होगा। कहानी-एक गाँव में एक मिठाईवाले की दुकान थी। तरह-तरह की मिठाइयाँ वह बेचा करता था। छोटे-बड़े सभी उसकी मिठाइयाँ शौक से खाते थे। दुकान के साथ ही उसका घर भी था। जब भी दुकान पर कोई ग्राहक न होता वह अपने बच्चों के साथ खेलता और खुश होता था। उसके बच्चे बहुत शालीन थे। कभी भी उसे किसी बात के लिए परेशान न करते। एक दिन वह अपनी पत्नी व बच्चों के साथ गाँव में किसी रिश्तेदार की शादी में गया। खुशी-खुशी गाँव वालों ने भी उसकी सारी तैयारियाँ करवाईं। उसने कपड़े, गहने, बच्चों का सामान बहुत कुछ खरीदा। गाँव के कुछ लोग उसे स्टेशन तक छोड़ने भी गए।

रेलगाड़ी में पत्नी, बच्चे व वह स्वयं सभी बहुत खुश थे। अचानक तेज़ रफ़्तार से चलती गाड़ी के कुछ डिब्बे रेल की पटरी से उतर गए व बुरी तरह से उलट गए। न जाने कितने ही लोग इस हादसे में मर गए। मरने वालों में उसकी पत्नी व बच्चे भी थे। मिठाईवाला तो जैसे पागल ही हो गया। वह गाँव वापस आ गया। आज भी इतने वर्षों बाद वह इस हादसे को भूल नहीं पाया। गुमसुम न जाने कौन-सी यादों में खोया रहता है। अपनी सारी यादों को ताज़ा रखने के लिए उसने अपने घर को एक अनाथ आश्रम बना डाला। न जाने अनाथ बच्चों को पालने में वह कौन-सी खुशी प्राप्त करता है।

प्रश्न 2.
हाट-मेले, शादी आदि आयोजनों में कौन-कौन-सी चीजें आपको सबसे ज्यादा आकर्षित करती हैं? उनको सजाने बनाने में किसका हाथ होगा? उन चेहरों के बारे में लिखिए।
उत्तर-
हाट-मेले, शादी आदि आयोजनों में हमें मिठाइयाँ गोल-गप्पे, चाट-पापडी, फूट-चाट, चीलें, छोले-भटूरे, सांभर-डोसा, इडली, चाइनिज फूड व इनके अलावा विभिन्न खाद्य पदार्थ आकर्षित करते हैं। उनको बनाने सजाने में विभिन्न पाक कला विशेषज्ञों का हाथ होता है। जैसे खाद्य पदार्थों के लिए हलवाई। इनके पहनावे अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग हो सकते हैं। जैसे समोसे बनाने वाला समोसे बनाने में, सांभर डोसा बनाने वाला सांभर में, इडली बनाने वाला इडली बनाने में, आइसक्रीम बनाने वाला आइसक्रीम बनाने में आदि।

प्रश्न 3.
इस कहानी में मिठाईवाला दूसरों को प्यार और खुशी देकर अपना दुख कम करता है? इस मिज़ाज की और कहानियाँ, कविताएँ ढूंढ़िए और पढ़िए।
उत्तर-
ऐसी कहानी पुस्तकालय से हूँढ़ें। यह कार्य छात्र स्वयं करें।

अनुमान और कल्पना

प्रश्न 1.
आपकी गलियों में कई अजनबी फेरीवाले आते होंगे। आप उनके बारे में क्या-क्या जानते हैं? अगली बार जब आपकी गली में कोई फेरीवाला आए तो उससे बातचीत कर जानने की कोशिश कीजिए।
उत्तर-
हमारे गली में मौसम के अनुसार कई फेरीवाले आते हैं। जैसे-मूंगफलीवाला, चाटवाला, फलवाला, सब्जीवाला, खिलौनेवाला, आइसक्रीमवाला, कपड़ेवाला आदि। वे सब बड़ी मीठी स्वर में पुकार-पुकार कर अपनी चीजें बेचते थे। ये लोग कम पैसे में पूँजी के आभाव में घूम-घूम कर चीजें बेचते हैं। अगर इनके पास पूँजी होती तो ये भी बड़े दुकानदार होते। चाट, आलू, टिक्की, फेरीवाले से बातचीत

बालक – ऐ चाटवाले भैया दस रुपये के कितने टिक्की दिए हैं ?
चाटवाला – पाँच के एक और दस रुपये के दो टिक्की।
बालक – दस रुपये के तीन आते हैं?
चाटवाला – मेरे आलू के टिक्की विशेष प्रकार के हैं। मैं तो दस रुपया का एक ही देता हूँ।
बालक – अच्छा बीस रुपये का आलू टिक्की दे दो।।

प्रश्न 2.
आपके माता-पिता के जमाने से लेकर अब तक फेरी की आवाज़ों में कैसा बदलाव आया है? बड़ों से पूछकर लिखिए।
उत्तर-
हमारे माता-पिता के जमाने में प्रत्येक वस्तुएँ फेरीवाला ही बेचने आया करता था। वह मधुर स्वर में गा-गाकर अपना सामान बेचा करते थे। फेरीवाला प्रायः सभी तरह की वस्तुएँ लाया करते थे। लेकिन आजकल फेरीवालों की संख्या में काफ़ी कमी आ गई है। लोग प्रायः ब्रांडेड सामान खरीदना पसंद करते हैं, अतः वे अधिकतर दुकान से सामान लेते हैं। फेरीवाले पहले की तरह मधुर स्वर में गाते हुए नहीं चलते हैं। अब उनके मीठे स्वर में कमी आ गयी है।

प्रश्न 3.
आपको क्या लगता है-वक्त के साथ फेरी के स्वर कम हुए हैं? कारण लिखिए।
उत्तर
यह सही है कि वक्त के साथ फेरी के स्वर कम हुए हैं क्योंकि लोगों की रुचि फेरीवालों से सामान खरीदने में कम होती जा रही है।

भाषा की बात

प्रश्न 1.
मिठाईवाला बोलनेवाली गुड़िया
ऊपर वाला’ का प्रयोग है। अब बताइए कि
(क) ‘वाला’ से पहले आनेवाले शब्द संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण आदि में से क्या हैं?
(ख) ऊपर लिखे वाक्यांशों में उनका क्या प्रयोग है?
उत्तर-
(क) ‘मिठाईवाला’ शब्द संज्ञा है तथा बोलना क्रिया।
(ख) मिठाईवाला शब्द विशेषण है जबकि बोलने वाली गुड़िया में गुड़िया संज्ञा है जबकि बोलने वाला शब्द विशेषण है जो गुड़िया की विशेषता बता रहा है।

प्रश्न 2.
“अच्छा मुझे ज़्यादा वक्त नहीं, जल्दी से दो ठो निकाल दो।”
• उपर्युक्त वाक्य में ‘ठो’ के प्रयोग की ओर ध्यान दीजिए। पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार की भाषाओं में इस शब्द का प्रयोग संख्यावाची शब्द के साथ होता है, जैसे, भोजपुरी में-एक ठो लइका, चार ठे आलू, तीन ते बटुली।
• ऐसे शब्दों का प्रयोग भारत की कई अन्य भाषाओं/ बोलियों में भी होता है। कक्षा में पता कीजिए कि किस-किस की भाषा-बोली में ऐसा है। इस पर सामूहिक बातचीत कीजिए।
उत्तर
विद्यार्थी स्वयं करें। झारखंड की हिंदी, बंगला तथा असमी भाषा में भी ठो का प्रयोग होता है।

प्रश्न 3.
“वे भी, जान पड़ता है, पार्क में खेलने निकल गए हैं।”
‘‘क्यों भई, किस तरह देते हो मुरली?”
“दादी, चुन्नू-मुन्नू के लिए मिठाई लेनी है। जरा कमरे में चलकर ठहराओ।”

  • भाषा के ये प्रयोग आजकल पढ़ने-सुनने में नहीं आते आप ये बातें कैसे कहेंगे?

उत्तर-
“लगता है वे भी पार्क में खेलने निकल गए हैं?”
“भैया, इस मुरली का मूल्य क्या है?”
“दादी चुन्नू-मुन्नू के लिए मिठाई लेनी है। जरा जाकर उसे कमरे में बुलाओ।”

मूल्यपरक प्रश्न ( कुछ करने को )

प्रश्न 1.
फेरीवालों की दिनचर्या कैसी होती होगी? उनका घर-परिवार कहाँ होगा? उनकी जिंदगी में किस प्रकार की समस्याएँ और उतार-चढ़ाव आते होंगे? यह जानने के लिए दो-दो के समूह में छात्र-छात्राएँ कुछ प्रश्न तैयार करें और फेरीवालों से बातचीत करें। प्रत्येक समूह अलग-अलग व्यवसाय से जुड़े फेरीवाले से बात करें।
उत्तर-
फेरीवाले का जीवन काफ़ी कठिन होता है। वह सुबह से शाम तक गलियों में चक्कर लगाते रहते हैं। उनका घर-परिवार उनसे अलग गाँव या दूसरे शहर में होता है या किसी छोटी कॉलोनियों में। उनके जीवन में अनेक समस्याएँ आती होंगी। जैसे पूरा सामान न बिकना, सामान का खराब हो जाना या सड़ जाना, तबियत खराब होने, अधिक बारिश होने पर, या अधिक गरमी पड़ने से घर से बाहर न निकल पाना। कभी-कभी इन्हें खरीद से कम में भी माल बेचना पड़ता है जिससे कि इनका मूल धन डूब जाए, इस प्रकार की और भी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

प्रश्नानुसार आज के दौर में अलग-अलग व्यवसाय से जुड़े फेरीवालों से उनकी समस्याओं व जीवन के बारे में बात करें।

प्रश्न 2.
इस कहानी को पढ़कर क्या आपको यह अनुभूति हुई कि दूसरों को प्यार और खुशी देने से अपने मन का दुख कम हो जाता है? समूह में बातचीत कीजिए।
उत्तर-
हाँ, फेरीवाले के जीवन से इस बात का पता लगता है कि दूसरों को प्यार और खुशी देने से दुख कम हो जाता है। जैसे मिठाईवाले के बच्चे और पत्नी की मृत्यु के बाद, वह दुसरे बच्चों को जब उनकी पसंद का सामान ला-लाकर बेचता तो उनके चेहरे पर खुशी की लहर देखकर उसे संतोष, धैर्य और सुख की अनुभूति होती थी। वह उन्हीं में अपने बच्चों की झलक देखता था। इसलिए कहा भी है कि दुख बाँटने से कम होता है।

प्रश्न 3.
अपनी कल्पना की मदद से मिठाईवाले का चित्र शब्दों के माध्यम से बनाइए।
उत्तर-
मिठाईवाला मीठा स्वर, लंबा दुबले पतले शरीर, भूरी-भूरी आँखें, सिर पर टोकरी, पैरों में चप्पल, पजामा, कुर्ता पहने, कंधे पर गमछा लिए चलता होगा। वह सिर पर पगड़ी बाँधता होगा। उसके कंधों पर फेरी का सामान होता होगा, जिसमें खट्टीमीठी, स्वादिष्ट, सुगंधित गोलियाँ होंगी। जब वह मीठी स्वर में आवाज़ लगाते हुए गली में आता होगा तो बच्चे दौड़कर उसे घेर लेते होंगे।

अन्य पाठेतर हल प्रश्न

बहुविकल्पी प्रश्नोत्तर
(क) ‘मिठाईवाला’ पाठ के लेखक के नाम हैं
(i) भवानीप्रसाद मिश्र
(ii) भगवतीप्रसाद वाजपेयी
(iii) विजय तेंदुलकर
(iv) शिवप्रसाद सिंह

(ख) किसके गान से हलचल मच जाती थी ?
(i) किसी गायक के
(ii) शास्त्रीय संगीतज्ञ से
(iii) खिलौनेवाले के
(iv) इनमें कोई नहीं

(ग) रोहिणी ने बच्चों से क्या जानना चाहा था?
(i) कहाँ से खरीदा
(ii) कितने को खरीदा
(iii) कब खरीदा
(iv) कितने में खरीदा

(घ) बच्चों ने हाथी-घोड़े कितने में खरीदा था?
(i) दो रुपए में
(ii) दो पैसे में
(iii) तीन पैसे में
(iv) पचास पैसे में

(ङ) खिलौनेवाले का गान गली भर के मकानों में कैसे लहराता था?
(i) झील की तरह
(ii) सागर की तरह
(iii) दो आने में
(iv) तीन रुपए में

(च) चुन्नू-मुन्नू ने कितने में खिलौने खरीदे थे?
(i) तीन पैसे में
(ii) दो पैसे में
(iii) दो आने में
(iv) तीन रुपए में

(छ) रोहिणी को मुरलीवाले के स्वर से किसका स्मरण हो आया?
(i) मिठाईवाले को
(ii) खिलौनेवाले का
(iii) फेरीवाले का
(iv) बच्चों का

(ज) रोहिणी ने मुरलीवाले की बातें सुनकर क्या महसूस किया?
(i) ऐसे फेरीवाले आते-जाते रहते हैं
(ii) वह महँगा सामान बेचता है।
(iii) ऐसा स्नेही फेरीवाला पहले नहीं देखा।
(iv) मुरलीवाला अच्छा व्यवहार नहीं करता

(झ) फिर वह सौदा भी कैसा भी सस्ता बेचता है? अर्थ के आधार पर वाक्य भेद है
(i) संकेतवाचक
(ii) विधानवाचक
(iii) विस्मयादिबोधक
(iv) इच्छासूचक

उत्तर
(क) (ii)
(ख) (iii)
(ग) (ii)
(घ) (iv)
(ङ) (ii)
(च) (ii)
(छ) (iii)
(ज) (iii)
(झ) (iii)

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

(क) रोहिणी के पति का क्या नाम था? रोहिणी ने उनसे किसे बुलाने के लिए और क्यों कहा?
उत्तर-
रोहिणी के पति का नाम विजय बाबू था। रोहिणी ने उनसे मुरलीवाले को बुलाने के लिए कहा।

(ख) चुन्नू-मुन्नू कौन थे और कहाँ गए थे?
उत्तर-
चुन्नू-मुन्नू रोहिणी के बच्चे थे और पार्क में खेलने गए थे।

(ग) मुरलीवाले का स्वर सुनकर रोहिणी को क्या स्मरण हो आया?
उत्तर-
मुरलीवाले के स्वर सुनकर रोहिणी को मन-ही-मन खिलौनेवाले का स्मरण हो आया। वह भी इसी तरह गा-गाकर खिलौने बेचा करता था।

(घ) मिठाईवाला पहले क्या था?
उत्तर-
मिठाईवाला पहले प्रतिष्ठित व्यापारी था।

(ङ) राय विजयबहादुर के बच्चों ने कौन-सा खिलौना खरीदा?
उत्तर-
राय विजयबहादुर के बच्चे चुन्नू और मुन्नू ने हाथी और घोड़ा खरीदा।

लघु उत्तरीय प्रश्न

(क) नगरभर में क्या समाचार फैल गया था? लोग उसके बारे में क्या बातें कर रहे थे?
उत्तर-
नगरभर में समाचार फैल गया कि मधुर तान में गाकर मुरलियाँ बेचनेवाला आया है। वह सिर्फ दो-दो पैसे में मुरली बेचता है। लोगों के लिए वहाँ यह आश्चर्य वाली बातें थीं और वे सोच रहे थे कि भला इतने कम पैसे में क्या फायदा होता होगा।

(ख) मीठे स्वर को सुनकर लोग अस्थिर क्यों हो जाते थे?
उत्तर-
खिलौनेवाले के आते ही मधुर स्वर व मादक रूप से गा-गाकर बच्चों को बुलाता था कि छोटे-बड़े सभी उसके मीठे स्वर से प्रभावित होकर अस्थिर हो जाते थे।

(ग) मुरलीवाला देखने में कैसा था? लोगों ने उसके बारे में क्या अंदाजा लगाया?
उत्तर-
मुरलीवाला देखने में गोरा-पतला युवक था। उसकी उम्र लगभग 30-32 की थी। वह बीकानेरी रंगीन साफ़ा बाँधता था। उसके बारे में लोगों ने यही अंदाजा लगाया कि संभवतः वही व्यक्ति सबसे पहले खिलौने बेचने शहर में आया था।

(घ) मिठाईवाले की आवाज़ सुन रोहिणी झट से नीचे क्यों उतर आई ?
उत्तर-
मिठाईवाले की आवाज़ सुनकर रोहिणी तुरंत समझ गई कि वह वही व्यक्ति है जो पहले खिलौने और मुरली लेकर आया था। उस व्यक्ति के सरल स्वभाव से रोहिणी कुछ परिचित हो गई थी। वह उसके विषय में जानना चाहती थी, इसलिए वह झट से आवाज़ सुनकर नीचे उतर कर आई ताकि बच्चों के लिए मिठाई के बहाने उसे बुलाया जा सके।

(ङ) मिठाईवाले के मन की व्यथा क्या थी?
उत्तर-
मिठाईवाले के मन की व्यथा थी कि उसके पत्नी व बच्चे किसी हादसे के शिकार हो गए थे, अब वह जीवन के दिन अकेले काट रहा था। यही उसकी व्यथा का कारण था।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

(क) ग्राहकों का व्यवहार कैसा होता है? कहानी के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
ग्राहक के मन में सदैव यह भावना बनी रहती है कि दुकानदार उससे अधिक कीमत लेता है और झूठ बोलता है। पहले सामान का दाम बढ़ा-चढ़ाकर बताता है और ग्राहक पर अहसान जताने के लिए दाम को थोड़ा कम कर देता है। वह तब भी काफ़ी मुनाफा कमाता है जबकि यह सभी दुकानदारों के ऊपर लागू नहीं होता। कई दुकानदार थोड़े लाभ पर अपना सामान बेच देते हैं। कई बार उसे अपना सारा मुनाफा छोड़ना पड़ता है। कभी-कभी नुकसान में अपना सौदा बेचना पड़ता है। ग्राहक को दुकानदार के साथ उचित व्यवहार करना चाहिए।

(ख) इस पाठ से हमें क्या संदेश मिलता है?
उत्तर-
इस पाठ से हमें संदेश मिलता है कि किसी का दुख बाँटना ही मनुष्यता है। जैसे रोहिणी ने जब मिठाईवाले की कहानी सुनी तो उसका हृदय भी द्रवित हो उठा।

मूल्यपरक प्रश्न

(क) आप मिठाईवाले को किस दृष्टिकोण से देखते हैं?
उत्तर-
अगर हम मानवीय दृष्टिकोण से देखते हैं तो पाते हैं कि मिठाईवाला अपने छोटे-से जीवन में काफ़ी परेशानी एवं दुख झेल चुका था। वह हमारी सहानुभूति का पात्र है। वह बच्चों के बीच में रहकर अपने बच्चे का रूप देखता है तथा दुख को भूलना चाहता है। हमें ऐसे व्यक्तियों के कष्ट कम करने का प्रयास करना चाहिए।

The post Class 7 Hindi Chapter 5 Question Answer नहीं होना बीमार appeared first on Learn CBSE.


Viewing all articles
Browse latest Browse all 10062

Trending Articles