A Journey through States of Water Class 6 Notes in Hindi
जल की विविध अवस्थाओं की यात्रा Class 6 Notes
कक्षा 6 विज्ञान नोट्स Chapter 8 जल की विविध अवस्थाओं की यात्रा – कक्षा 6 विज्ञान अध्याय 8 नोट्स
→ जल के वाष्प अवस्था में परिवर्तित होने का प्रक्रम वाष्पीकरण या वाष्पन कहलाता है।
→ जल वाष्प के द्रव अवस्था में परिवर्तित होने का प्रक्रम संघनन कहलाता है।
→ जल विभिन्न अवस्थाओं में पाया जाता है— ठोस, द्रव और गैस।
→ तापन व शीतलन करने पर जल अपनी अवस्था बदल लेता है।
→ परिस्थितियाँ जो वाष्पीकरण को तीव्र व धीमा बनाती हैं, वे हैं— संपर्क का क्षेत्र, नमी, हवा की गति इत्यादि।
→ वाष्पीकरण से शीतलन प्रभाव उत्पन्न होता है।
→ वायु में विद्यमान जल वाष्प संघनित होकर छोटी-छोटी जल की बूँदें बनाती हैं, जो बादल जैसी दिखाई देती हैं। बहुत सी छोटी जल की परस्पर मिलकर वर्षा, हिम अथवा ओले के रूप में गिरती हैं।
→ पृथ्वी की सतह तथा वायुमंडल के बीच जल के चक्रण को जल चक्र कहते हैं।
→ हमने वाष्पीकरण और संघनन की अवधारणाओं की जानकारी प्राप्त करने के लिए अवलोकन, प्रश्न करने, संभावित कारण, प्रयोग इत्यादि की प्रक्रिया का उपयोग किया है।
ग्रीष्मकाल की एक दोपहर में आवी और थिरव शिकंजी का आनंद ले रहे थे। शिकंजी में बर्फ देखकर थिरव के मन में अनायास ही बर्फ व जल की प्रकृति के बारे में विचार आने लगे। वह चकित होकर सोचने लगा-
आवी के विचार थिरव से अलग हैं। आप क्या सोचते हैं? वे ऐसा क्यों सोचते हैं?
क्या आपको लगता है कि थिरव सही है? आप इसकी जाँच कैसे कर सकते हैं?
क्रियाकलाप 1 – आइए, अवलोकन करें
कप में बर्फ का एक टुकड़ा डालें, इसे मेज पर रखें और इसका अवलोकन करें। बर्फ धीरे-धीरे जल में परिवर्तित हो जाती है। इन अवलोकनों से आप क्या निष्कर्ष निकालते हैं?
क्या इसका यह अर्थ है कि बर्फ व जल एक ही पदार्थ हैं? हाँ, बर्फ व जल एक ही पदार्थ के दो रूप हैं। इन रूपों को अवस्थाएँ भी कहा जाता है। जल की ये विभिन्न अवस्थाएँ अपने व्यवहार में कई अंतर रखती हैं। जल बहता है पर बर्फ नहीं। जल छलकता है पर बर्फ नहीं।
जल के विलुप्त होने की क्रिया की जाँच Class 6 Notes
वर्षाकाल की एक सुबह है। विद्यालय जाते समय आवी और थिरव देखते हैं कि खेल के मैदान में कई गड्ढे हैं जिनमें जल भरा हुआ है। उस शाम जब वे मैदान में खेलने गए तो उन्हें यह देखकर आश्चर्य हुआ कि कुछ गड्ढों में से जल की मात्रा कम हो गई है। क्या आपने कभी गड्ढों में से जल को विलुप्त होते देखा है? यह कहाँ जाता होगा? अपने मित्रों से चर्चा कीजिए।
आपने जल को और कहाँ विलुप्त होते देखा है? क्या आप कोई संभावित कारण सोच सकते हैं कि ऐसा क्यों होता होगा? आपने देखा होगा कि बर्तन धोने के कुछ समय बाद बर्तनों की सतह पर बचा हुआ जल सूख जाता है। क्या आपके द्वारा पहले सोचा गया कारण इस स्थिति में भी जल के विलुप्त होने की व्याख्या करता है?
आवी सोच रही थी कि बर्तनों की सतह से जल रिस गया होगा। थिरव सोचता है कि बर्तनों की सतह से जल नहीं रिसता है । एक क्रियाकलाप की रूपरेखा बनाएँ और जाँचें कि किसका कथन सही है।
क्रियाकलाप 2 – आइए, जाँच करें
चित्र में दर्शाए अनुसार स्टील की एक प्लेट या थाली में एक चम्मच जल लें। देखें कि जल प्लेट के दूसरी ओर रिसता है या नहीं। इसे नियमित अंतराल पर तब तक देखते रहें जब तक जल पूरी तरह से विलुप्त न हो जाए।
आप क्या अनुमान लगाते हैं? क्या यह क्रियाकलाप इस निष्कर्ष पर पहुँचने के लिए पर्याप्त है कि स्टील की प्लेट से जल नहीं रिसता है?
यदि स्टील की प्लेट से जल नहीं रिसता है तो फिर जल कहाँ गया? यह जल गैसीय अवस्था में परिवर्तित हो जाता है जिसे जल वाष्प कहते हैं। जल वाष्प जल की दूसरी अवस्था है। आइए, एक और अवलोकन के बारे में सोचें, जहाँ आप देखते हैं कि जल विलुप्त हो रहा है।
जब हम डोसा बनाते हैं तब हम गर्म तवे पर जल छिड़कते हैं और जल विलुप्त हो जाता है। यह कहाँ जाता है?
आइए, चित्र बनाएँ
जल का क्या हुआ होगा, इसके बारे में एक विस्तृत रेखाचित्र नामांकन और शीर्षक के साथ बनाएँ।
गर्म तवे पर जो जल छिड़का जाता है, वह भाप में बदल जाता है। भाप वास्तव में जल वाष्प है, जिसका कुछ भाग जल की बूँदों में परिवर्तित हो जाता है। जल के वाष्प अवस्था में परिवर्तित होने की प्रक्रिया को वाष्पीकरण या वाष्पन कहते हैं।
वाष्पीकरण की प्रक्रिया कमरे के सामान्य तापमान पर भी लगातार होती रहती है। क्या आप वाष्पीकरण के अन्य उदाहरण सोच सकते हैं?
गीले कपड़े, पोंछा लगे फर्श और शरीर के पसीने का सूखना इसके कुछ अन्य उदाहरण हैं।
अब आप क्या सोचते हैं – गड्ढों से जल के विलुप्त होने का क्या कारण है? क्या यह:
(क) भूमि में जल के रिसाव के कारण है
(ख) जल के वाष्पीकरण कारण है या
(ग) इन दोनों के कारण है?
जैसे ही आप अपने हाथों पर हैंड सैनिटाइजर मलते हैं, वह विलुप्त हो जाता है। इसका क्या होता है?
एक और रहस्य Class 6 Notes
अगले दिन आवी, थिरव और उनके मित्र शिकंजी बनाने का फैसला करते हैं। तैयारी के दौरान वे काँच के गिलास में ठंडा जल लेते हैं और उसमें बर्फ के टुकड़े डालते हैं। कुछ मिनटों के बाद उन्हें काँच के गिलास की बाहरी सतह पर कुछ रोचक दिखाई देता है। यह क्या है? आइए, ऐसा ही क्रियाकलाप स्वयं करके पता लगाएँ।
क्रियाकलाप 3 – आइए, प्रयोग करें
एक काँच के गिलास में ठंडा जल लें। चित्र में दिखाए गए चित्र के अनुसार इसमें बर्फ के कुछ टुकड़े डालें। इसे पाँच मिनट तक बिना हिला-डुलाए रखें और इसका अवलोकन करें।
अपने अवलोकनों और मन में उठने वाले प्रश्नों तालिका 1 में अंकित करें। आप काँच के गिलास की बाहरी सतह छूकर पता लगा सकते हैं कि क्या यहाँ कोई परिवर्तन हुआ है। यहाँ आपके कई अवलोकन और प्रश्न हो सकते हैं।
आवी ने अवलोकन किया कि काँच के गिलास की बाहरी सतह पर जल की बूँदें दिखाई दे रही हैं। प्रारंभ में जल की छोटी बूँदें जमा होती हैं और ये बूँदें साथ मिलकर बड़ी बूँदों का निर्माण करती हैं। आप उपर्युक्त प्रक्रिया को धातु के पात्र के साथ भी करके देख सकते हैं। आप यह जानने के लिए उत्सुक होंगे कि जल की बूँदें कहाँ से आ गईं। काँच के गिलास की बाहरी सतह पर जल की बूँदों की उपस्थिति को समझाते हुए उसके संभावित कारण बताएँ। अपने मित्रों से चर्चा करें और इसके संभावित कारणों को चित्र में लिखें।
इस विषय पर आपके पास भी विभिन्न संभावित कारण हो सकते हैं। आप दूसरों के कारणों से सहमत और असहमत हो सकते हैं। आवी और थिरव ने भी कई संभावित कारणों पर चर्चा की। आप इन संभावित कारणों के विषय में क्या सोचते हैं जिनका उल्लेख चित्र में किया गया है?
उपर्युक्त तर्क पर चर्चा करते रहें और इस चर्चा में सहायता करने वाले साक्ष्य खोजने के लिए क्रियाकलाप संचालित करें। सोचें कि ऐसी जल की बूँदें आपने और कहाँ देखी हैं?
आपने पौधों पर ओस की बूँदें देखी होंगी। हमें सुबह के समय ओस की बूँदे अधिक क्यों दिखाई देती हैं? जब हम आधे भरे बर्तन में जल उबालकर उसे स्टील की प्लेट से ढक देते हैं तो जल की कुछ बूँदें प्लेट की भीतरी सतह पर जमा हो जाती हैं। ये जल की बूँदें कहाँ से आती हैं? इस बारे में आप क्या सोचते हैं?
जब वायु में विद्यमान जल वाष्प ठंडी सतह के संपर्क में आती है तो जल की बूँदें बनती हैं। जल वाष्प के द्रव अवस्था में परिवर्तन की प्रक्रिया संघनन कहलाती है। जल के संघनन की प्रक्रिया को समझने के बाद क्रियाकलाप 3 पर पुनः विचार करें। क्या क्रियाकलाप 3 में काँच के गिलास की बाहरी सतह पर दिखाई देने वाला जल भी संघनन के कारण हो सकता है? आइए, एक क्रियाकलाप के माध्यम से इसकी जाँच करें।
क्रियाकलाप 8.4 – आइए, मापन करें
आवी और थिरव अपने कारणों के साक्ष्य खोजने के लिए एक क्रियाकलाप करते हैं। आप भी निम्नलिखित चरणों का पालन कर क्रियाकलाप कर सकते हैं। अपने आँकड़ों को तालिका 2 में अंकित करें।
जल और बर्फ के टुकड़ों से आधा भरा हुआ काँच का गिलास लें। एक छोटी स्टील की प्लेट से इसे ढक दें और डिजिटल तराजू पर तौलें। प्रत्येक पाँच मिनट पर तराजू की रीडिंग का अवलोकन कर उसे अंकित करें। 30 मिनट तक अवलोकन करने के बाद आँकड़े एकत्रित कर तालिका 2 में अंकित करें। पूर्वानुमान लगाएँ कि डिजिटल तराजू पर रखे ठंडे जल के द्रव्यमान पर क्या प्रभाव पड़ा होगा। क्या यह बढ़ेगा, घटेगा या समान रहेगा?
वायु में जल वाष्प की मात्रा को आर्द्रता भी कहा जाता है। आपके क्षेत्र के दैनिक आर्द्रता आँकड़ों को समाचार-पत्रों और अन्य स्रोतों में बताया जाता है। एक वर्ष के आँकड़े संकलित करें और यदि कोई पैटर्न है तो उसका अध्ययन करें।
क्या आपके निष्कर्ष आपके पूर्वानुमानों से मेल खाते हैं? अपने प्रेक्षणों की व्याख्या करें। आपने काँच के गिलास पर जल की कुछ देखी होंगी। वायु से जल वाष्प काँच के गिलास की ठंडी सतह के संपर्क में आती है और संघनन के कारण काँच के गिलास पर जल की बूंदों में परिवर्तित हो जाती है। डिजिटल तराजू पर ली गई रीडिंग अब बढ़ गई है। क्या हम यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि जल का रिसाव गिलास की सतह से नहीं हो रहा है? क्या हम यह भी निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि गिलास बाहर एकत्रित जल केवल संघनन के कारण है? नहीं, हम क्रियाकलाप 4 से ऐसा निष्कर्ष नहीं निकाल सकते। आप यह दिखाने के लिए और क्या कर सकते हैं कि काँच गिलास से जल नहीं रिस रहा है? उत्तर खोजने के लिए आप क्रियाकलाप 4 में क्या बदलाव करेंगे?
निम्नलिखित संशोधन के साथ क्रियाकलाप 4 को दोहराएँ। काँच के गिलास पर जल के स्तर को एक स्थाई मार्कर या पारदर्शी टेप से चिह्नित करें। आप क्या अवलोकन करते हैं? काँच के गिलास में जल का स्तर नीचे नहीं जाता बल्कि अतिरिक्त जल काँच के गिलास की बाहरी सतह पर जमा हो जाता है। आप इससे क्या निष्कर्ष निकाल सकते हैं? यह क्रियाकलाप दर्शाता है कि काँच के गिलास से जल नहीं रिस रहा है और संघनन के कारण अतिरिक्त जल एकत्रित हो रहा है।
जल की विभिन्न अवस्थाएँ क्या हैं? Class 6 Notes
जल एक ऐसा पदार्थ है जिसकी तीनों अवस्थाएँ हमारे दैनिक जीवन में देखी जा सकती हैं। ठोस अवस्था में यह बर्फ के रूप में विद्यमान रहता है। गर्म करने पर बर्फ पिघलकर द्रव अवस्था में परिवर्तित हो जाती है। और अधिक गर्म करने पर जल अपनी गैसीय अवस्था में परिवर्तित हो जाता है। आइए, जल की विभिन्न अवस्थाओं के गुणों की पहचान करने के लिए क्रियाकलाप 5 करते हैं।
क्रियाकलाप 5 – आइए, पहचान करें
एक पात्र में बर्फ का एक टुकड़ा डालें और इसे एक-दूसरे आकार के पात्र में स्थानांतरित करें। आप बर्फ के टुकड़े के आकार में क्या परिवर्तन देखते हैं? अपने अवलोकनों को तालिका 3 में अंकित करें।
जल को एक पात्र से अलग आकार वाले दूसरे पात्र में डालें। अवलोकन करें कि बर्फ की तुलना में जल का व्यवहार कैसा है और उसे अंकित करें। क्या आपने ध्यान दिया कि जल एक पात्र से दूसरे पात्र में कैसे प्रवाहित हो जाता है? इसके आकार का क्या होता है?
एक साफ सतह पर जल डालें और देखें कि यह कैसे फैलता है। जब जल अपने जलवाष्पीय रूप में परिवर्तित हो जाता है तो यह जल वाष्प कैसे प्रसारित होती है? इसकी तुलना जल के प्रसारण व्यवहार से करें।
ठोस, द्रव और गैसीय अवस्था में जल के गुणों में क्या-क्या अंतर हैं?
बर्फ (ठोस अवस्था) अपना आकार बनाकर रखती है चाहे उसे किसी भी पात्र में रखा जाए जबकि जल उसी पात्र का आकार ले लेता है जिसमें उसे डाला जाता है। बर्फ बहती और फैलती भी नहीं है।
जल (द्रव अवस्था) बहता है और अपना आकार बदलता है। जल का कोई निश्चित आकार नहीं होता है। यह जिस पात्र में रखा जाता है उसी का आकार ले लेता है लेकिन जल का आयतन स्थिर रहता है। क्या जल में भी फैलने का गुण होता है? हाँ, जल में आयतन स्थिर रखते हुए फैलने का गुण भी होता है।
जल वाष्प (गैसीय अवस्था) समस्त उपलब्ध स्थान में फैल जाने का गुण प्रदर्शित करती है। गैस निश्चित आकार धारण नहीं करती है। जल वाष्प सामान्य ताप पर भी विद्यमान रहती है, यद्यपि यह हमारे लिए अदृश्य है। यह हमारे आस-पास की वायु में विद्यमान है। कपड़े सुखाने या फर्श पर पोंछा लगाने जैसी गतिविधियों से वाष्पित होने वाला जल हमारे चारों ओर की वायु के जल वाष्प में योगदान देता है।
अब आप जल की तीन अवस्थाओं से परिचित हो चुके हैं। कुछ अन्य पदार्थ भी इन अवस्थाओं को प्रदर्शित करते हैं जैसे- मोम, तेल और घी। आइए, ठोस, द्रव और गैस के कुछ और उदाहरण देखें।
अपने आस-पास देखें और ठोस पदार्थों के कुछ उदाहरण खोजें। ठोस पदार्थों के कुछ उदाहरण पत्थर, लकड़ी और बर्तन भी हो सकते हैं। द्रव पदार्थों के अन्य उदाहरण क्या हैं जिनके विषय में आप सोच सकते हैं? यहाँ दो उदाहरण हैं- दूध और तेल। पाँच अन्य उदाहरणों के बारे में सोचें।
क्या आपने कभी ध्यान दिया है कि आप रसोईघर में प्रवेश किए बिना भी खाना पकने की गंध को अनुभव कर सकते हैं? यह गंध हम तक कैसे पहुँचती है?
ऐसा इसलिए है कि स्वादिष्ट खाना पकने की सुगंध वायु के माध्यम से फैलती है और हमारी नाक तक पहुँचती है, भले ही हम रसोईघर में न हों।
गैसों के अन्य उदाहरण क्या हैं जिनके बारे में आप सोच सकते हैं? ऑक्सीजन व कार्बन डाइऑक्साइड के विषय में आप क्या कहेंगे?
8.4 हम जल की अवस्था कैसे परिवर्तित कर सकते हैं? Class 6 Notes
अब तक हम यह जान चुके हैं कि जल ठोस, द्रव और गैसीय अवस्था में विद्यमान है। आप जल की अवस्था कैसे परिवर्तित कर सकते हैं?
आप बर्फ को तुरंत उसकी द्रव अवस्था अर्थात् जल में कैसे परिवर्तित कर सकते हैं? यदि हमें बर्फ को जल और जल को जल वाष्प में परिवर्तित करना है तो हमें ऊष्मा की आपूर्ति करनी होगी। यदि हमें जल को बर्फ में परिवर्तित करना है तो क्या करना होगा?
जल को ठंडे वातावरण जैसे कि हिमीकरण यंत्र (फ्रीजर में रखकर ऐसा किया जा सकता है। जल जम जाता है और बर्फ में परिवर्तित हो जाता है। बर्फ बाहर निकालने पर पिघल जाती है और कुछ मात्रा जल में परिवर्तित हो जाती है।
क्या आप जल के अतिरिक्त अन्य उदाहरण सोच सकते हैं जो ठोस से द्रव में परिवर्तित हो जाते हैं?
मोमबत्ती, जो मोम से बनती है, इसका एक उदाहरण है। हम मोमबत्ती के मोम को द्रव अवस्था में कैसे बदल सकते हैं? हम द्रव मोम को ठोस में कैसे बदल सकते हैं? हमें द्रव मोम को ठोस में बदलने के लिए उसे ठंडा करना होगा। आपने अन्य कौन-से द्रव पदार्थ देखे हैं जो ठोस में परिवर्तित हो जाते हैं? क्या आपने शीतकाल में नारियल के तेल को ठोस अवस्था में परिवर्तित होते देखा है?
वायुमंडलीय जल जनित्र (Atmospheric Water Generator) मशीनें पीने योग्य जल बनाने के लिए आर्द्र वायु से जल एकत्रित करती हैं। यह कार्य वायु को ठंडा कर जल वाष्प के संघनन के माध्यम से किया जाता है। यह प्रक्रिया बर्फ के ठंडे जल से भरे काँच के गिलास के बाहर पानी की बूँदों के बनने के समान है।
अतः हम देख सकते हैं कि पानी व अन्य पदार्थ गरम व ठंडा करने पर अपनी अवस्था बदल लेते हैं। ठोस के द्रव अवस्था में परिवर्तित होने के प्रक्रम को पिघलना कहते हैं। द्रव के ठोस अवस्था में परिवर्तित होने के प्रक्रम को हिमीकरण कहते हैं। आइए, क्रियाकलाप 6 के माध्यम से जल की विभिन्न अवस्थाओं के बीच के संबंध की जाँच करें।
क्रियाकलाप 6 – आइए, चित्र पूरा करें
बॉक्स में दिए गए शब्दों का प्रयोग करके जल से परिवर्तित हुई विभिन्न अवस्थाओं के लिए चित्र को क, ख, ग और 1,2,3,4 के स्थान में भरें। आपकी सहायता के लिए दो शब्द पहले से भरे गए हैं।
जल को तीव्र या धीमी गति से कैसे वाष्पित किया जा सकता है? Class 6 Notes
अनुभाग में, हमने वाष्पीकरण के बारे में सीखा। आइए, अब इसे और अधिक जानें। अपने आस-पास अवलोकन करें। वे कौन-सी परिस्थितियाँ हैं जो प्रभावित करती हैं कि जल कितनी तीव्रता से वाष्पित होगा? ठंडे दिन की तुलना में गरम दिन में आप वाष्पीकरण में क्या अंतर देखते हैं? इस विषय में अपने मित्रों से चर्चा करें। निम्नलिखित शब्द चर्चा में आपकी सहायता कर सकते हैं- पंखा, कपड़े सूखना, पसीना आना, तीव्र हवाओं वाला दिन, गरम दिन, बरसात का दिन। आइए, जल के वाष्पन की तीव्रता को प्रभावित करने वाली परिस्थितियों की जाँच लिए क्रियाकलाप 7 करें।
क्रियाकलाप 8.7 – आइए, अन्वेषण करें
एक छोटी बोतल के ढक्कन में जल लें (आप जल की जगह सैनिटाइजर का भी प्रयोग कर सकते हैं)। एक प्लेट में छोटी बोतल के ढक्कन के समान मात्रा में ही जल लें। बोतल के ढक्कन व प्लेट में जल का क्षेत्रफल भिन्न-भिन्न है। दोनों को एक-दूसरे के निकट रखें। प्रत्येक स्थिति में जल के पूरी तरह से वाष्पित होने में लगने वाले समय को तालिका 4 में अंकित करें।
इस अन्वेषण से आप क्या निष्कर्ष निकाल सकते हैं? यदि आप प्लेट में जल फैलाते हैं तो वह वायु के संपर्क में अधिक आता है। इसलिए इसका वाष्पीकरण तीव्र होता है। यदि उपर्युक्त क्रियाकलाप में जल के स्थान पर दूध लिया जाए तो क्या होगा?
जल के वाष्पन की तीव्रता को प्रभावित करने वाली अन्य परिस्थितियाँ
क्रियाकलाप 7 से मिलता जुलता एक अन्य क्रियाकलाप करते हैं। इसके द्वारा यह ने का प्रयास करते हैं कि वे कौन-सी परिस्थितियाँ हैं जो जल के वाष्पन की तीव्रता को प्रभावित करती हैं। इस क्रियाकलाप में आप क्या परिवर्तन करेंगे और क्या समान रखेगें? तालिका 5 में अपने अन्वेषण के आँकड़ों को अंकित करें एवं उन पर चर्चा करें।
तालिका 5 – अन्वेषण के आँकड़े अंकित करना जहाँ एक स्थिति परिवर्तित होती है और एक स्थिति समान रहती है
स्थिति जो समान रखी गई-
जिन परिस्थितियों के बारे में आपने पता लगाया उनके अतिरिक्त हम जल को तीव्रता से व मंद गति से कैसे वाष्पित कर सकते हैं, यह जानने के लिए आप क्रियाकलाप 8 कर सकते हैं।
क्रियाकलाप 8 – आइए, अन्वेषण करें
दो समान बोतलों के ढक्कन लें। दोनों में समान मात्रा में जल भरें। एक ढक्कन को सूर्य के प्रकाश में रखें और दूसरे को छाया वाले स्थान में रखें जैसा कि चित्र में दर्शाया गया है। प्रत्येक 15 मिनट के बाद दोनों ढक्कनों का अवलोकन करें। प्रत्येक स्थिति में जल के पूरी तरह से वाष्पित होने में लगने वाला समय अंकित करें। आप इस गतिविधि को किसी हवा वाले दिन या बरसात वाले दिन दोहराएँ और अपने अवलोकन अंकित करें।
क्रियाकलाप 8 और अन्य समान अनुभवों से आप क्या निष्कर्ष निकालते हैं?
छाया वाले स्थान में रखे ढक्कन की तुलना में सूर्य के प्रकाश में रखे हुए ढक्कन से तीव्रता से वाष्पित हो जाता है। प्राय: तेज धूप वाले दिनों में कपड़े जल्दी सूख जाते हैं। क्या तेज हवा वाले दिन कपड़े जल्दी सूखते हैं या धीमी गति से? प्राय: यह देखा गया है कि तेज हवा वाले दिन कपड़े जल्दी सूख जाते हैं। हवा की गति बढ़ने से जल तीव्रता से वाष्पित होता है।
यह भी प्राय: देखा गया है कि बरसात के दिनों में कपड़े देर से सूखते हैं। बरसात के दिन पानी धीरे-धीरे वाष्पित होता है। यदि वायु में जल की मात्रा पहले से ही अधिक है (अधिक आर्द्रता) तो जल मंदगति से वाष्पित होता है। यदि आप बरसात के दिन अपने कपड़े सुखाना चाहते हैं तो आप इन्हें तेजी से कैसे सुखा सकते हैं?
शीतलन प्रभाव Class 6 Notes
आवी की माँ ने पीने का जल रखने के लिए स्टेनलेस स्टील के बर्तन की जगह मिट्टी का मटका खरीदा है। विद्यालय से लौटने पर आवी ने मिट्टी मटके पर ध्यान दिया और उसमें से जल पिया। जल पीकर आवी आश्चर्य व्यक्त करती है और पूछती है कि मिट्टी के मटके में जल इतना ठंडा क्यों है? मैंने जल को स्टेनलेस स्टील के बर्तन में कभी ठंडा होते नहीं पाया। आपके विचार में इसका क्या कारण है?
जल बर्तन की सतह से बाहर रिसता है और वाष्पित हो जाता है जिससे जल पर शीतलन प्रभाव पड़ता है। शीतलन प्रभाव के अन्य उदाहरण क्या हैं? ग्रीष्मकाल में फर्श और छत को ठंडा करने के लिए उन पर जल का छिड़काव इसका एक अन्य उदाहरण है।
जब आप अपने हाथों पर सैनिटाइजर लगाते हैं तो आपको कैसा महसूस होता है? आइए, एक सरल व बिजली मुक्त, गमलों से (पॉट इन पॉट) कूलर का मॉडल बनाकर शीतलन प्रभाव का अवलोकन करने के लिए क्रियाकलाप 9 का निष्पादन करें।
क्रियाकलाप 9 – आइए, एक मॉडल बनाएँ
भिन्न-भिन्न आकार के दो मिट्टी के गले लें। बड़े गमले के निचले हिस्से को रेत की एक परत से भरें। जैसा कि चित्र में दर्शाया गया है, छोटे गमले को बड़े गमले के बीच में रखें। गमलों के बीच के रिक्त स्थान में और अधिक रेत भरें। रेत वाले क्षेत्र में जल डालें। छोटे गमले का शीर्ष ढकने के लिए ढक्कन या गीली जूट की बोरी रखें। जब गमलों का (पॉट-इन-पॉट) कूलर तैयार हो जाए तो आप उसका चित्र भी बना सकते हैं।
गमलों के (पॉट-इन-पॉट) कूलर को ठंडा होने के लिए 4-5 घंटे का समय दें। यह समय सीमा कई स्थितियों से प्रभावित हो सकती है। अवलोकन कर चर्चा करें कि किस प्रकार से गमलों के अंदर शीतलन प्रभाव पैदा होता है। कूलर में रखे फलों और साग-भाजी की ताजगी की जाँच के लिए उनका एक सप्ताह तक प्रतिदिन अवलोकन कीजिए। रेत नम रखने के लिए आपको नियमित रूप से उसमें जल का छिड़काव करना होगा। इसमें साग और फलों को कितने दिनों तक ताजा रखा जा सकता है?
वह कौन-सी स्थितियाँ होंगी जो इन दिनों की संख्या को प्रभावित कर सकती हैं? बेहतर शीतलन के लिए हम रेत के स्थान पर और क्या प्रयोग कर सकते हैं? आप सभी इस अनोखे मिट्टी के पात्र से परिचित होंगे जिसे सुराही कहा जाता है (चित्र)। ग्रीष्मकाल में सुराही का उपयोग जल ठंडा रखने के लिए किया जाता है।
बादल हमें वर्षा कैसे देते हैं? Class 6 Notes
संघनन जल को पृथ्वी की सतह पर वापिस लाने के प्रक्रम में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह कैसे होता है? जैसे-जैसे वायु धरती की सतह से ऊपर उठती है तो ये ठंडी होती जाती है। एक निश्चित ऊँचाई पर वायु इतनी ठंडी हो जाती है कि उसमें उपस्थित जल वाष्प छोटी-छोटी जल की बूँदों (जलकणिकाएँ) में परिवर्तित हो जाती है, जो आमतौर पर धूल कणों के आस-पास बनती हैं। ये छोटी कणिकाएँ वायु मे तैरती रहती हैं और बादल के रूप में दिखाई देती हैं। बहुत-सी जलकणिकाएँ आपस में मिलकर जल की बड़ी बूँदें बनाती हैं।
इनमें से कुछ बूँदें इतनी भारी हो जाती हैं कि वे नीचे गिरने लगती हैं। इन गिरती हुई बूँदों को ही हम वर्षा कहते हैं। विशेष परिस्थितियों में ये ओले या हिम के रूप में भी गिर सकती हैं। आवी वर्षा का आनंद लेती है और एक कविता रचती है। आप भी इस कविता को पूरा कर अपनी कक्षा में प्रस्तुत कर सकते हैं।
क्रियाकलाप 10 बादलों के निर्माण में धूल के कणों की भूमिका को दर्शाता है।
क्रियाकलाप 10 – आइए, सामूहिक क्रियाकलाप में भागीदार बनें
प्रयोग में न आने वाली 1 लीटर की एक खाली बोतल लें। उसमें लगभग 1 कप जल डालें। ढक्कन कसकर बंद कर दें। अब 2-3 मिनट तक लगातार बोतल को जल्दी-जल्दी दबाएँ और छोड़ें। फिर बोतल में जल के ऊपर के स्थान का अवलोकन करें। समाचार-पत्र का एक छोटा टुकड़ा जलाकर जल में मिलाएँ और इस प्रक्रिया दोहराएँ।
आप क्या अवलोकन करेंगे? इस स्थिति में आप बोतल में जल के ऊपर कुछ धुँधलापन (बादल) देखेंगे। समाचार-पत्र के जलने से बहुत छोटे अदृश्य धूल के कण निकलते हैं जिसके चारों ओर जल वाष्प संघनित होकर बादलों का निर्माण करती है। आइए, हम अपनी समझ को दर्शाने के लिए क्रियाकलाप 11 करें कि जल कैसे अपनी अवस्था और अपनी गति बदलता है।
क्रियाकलाप 11 – आइए, प्रक्रिया समझें
बॉक्स में दिए गए शब्दों और चित्र में दर्शाए गए तीर के चिह्नों का उपयोग करके चित्र तीरांकित कर यह दर्शाएँ कि जल कहाँ संग्रहित है, जल कैसे अपनी अवस्था बदलता है और यह कहाँ जाता है।
मैंने क्या अच्छा किया? क्या मैं जल चक्र के सभी भागों को नामांकित? करने में सक्षम था/थी? जल चक्र के कौन-से भाग मुझे स्पष्ट नहीं थे?
जल महासागरों और पृथ्वी की सतह से जल वाष्प के रूप में वाष्पित होकर वायु जाता है और वर्षा, ओलों तथा हिम के रूप में वापस लौटता है और अंत में बहकर महासागरों में चला जाता है। जल के इस प्रकार चक्रण को जल चक्र कहते हैं।
पृथ्वी पर उपलब्ध जल का केवल एक छोटा-सा भाग ही पौधों, जानवरों व मनुष्यों उपयोग के योग्य है। अधिकांश जल महासागरों में है और इसका उपयोग सीधे तौर पर नहीं किया जा सकता है। हम जल का उपयोग पीने के साथ-साथ अन्य कई गतिविधियों के लिए भी करते हैं। बढ़ती जनसंख्या के साथ जल का उपयोग करने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ रही है। जल की बढ़ती माँग के कारण विश्व के कई भागों में जल की कमी हो रही है। अत: यह बहुत आवश्यक है कि हम सभी जल का बुद्धिमानी से उपयोग करें और इसे व्यर्थ होने से बचाएँ। आइए, हम अपने जलाशयों को प्रदूषण से मुक्त रखें। आप प्रकृति की अमूल्य संपदा’ नामक अध्याय में जल और उसके संरक्षण के विषय में अधिक विस्तृत जानकारी प्राप्त करेगें।
Class 6th Science Notes
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