Teachers recommend Class 6 SST Notes and Class 6 Social Science Chapter 13 Notes in Hindi कार्य का महत्व for mastering important definitions and key concepts.
The Value of Work Class 6 Notes in Hindi
कार्य का महत्व Class 6 Notes
कक्षा 6 सामाजिक विज्ञान अध्याय 10 नोट्स कार्य का महत्व
→ आर्थिक तथा गैर-आर्थिक गतिविधियाँ
- आर्थिक गतिविधियों में वस्तुओं या सेवाओं के लिए मुद्रा विनिमय शामिल है। उदाहरण-व्यापार, खेती, कानून, परिवहन और निर्माण।
- गैर-अर्थिक गतिविधियाँ वे हैं जिनमें आय अथवा संपत्ति अर्जित नहीं होती बल्कि इन्हें क्रतज्ञता, स्नेह, सेवा और सम्मान की भावनाओं से किया जाता है। उदाहरण-पारिवारिक कार्यं, घर की मरम्मत और दादा-दादी की सेवा करना शामिल है।
→ गैर-आर्थिक गतिविधियों तथा सामुवायिक सहभागिता
- गैर-अर्थिक गतिविधियाँ, जैसे मंदिरों, गुरुद्वारों, मस्जिदों और गिरजाघरों में सेवा (निःस्वार्थ सेवा), मूल्य उत्पन्न करती है तथा समाज में योगदान देती है।
- ये प्रथाएँ संतुष्टि और कृतज्ञता की अनुभूति कराती हैं और ये सेवा कार्य निःस्वार्थ भाव से समाज में योगदान देते हैं।
- स्वच्छ भारत अभियान अपने आस-पास सफाई रखने के लिए एक सामूहिक प्रयास है, जिसका उद्देश्य गलियों, सड़कों, पार्को तथा अन्य सार्वजनिक स्थानों को साफ रखना है।
- भारत में वन महोत्सव वृक्षों के महत्व और वन संरक्षण के प्रति जागरूकता को बढ़ावा देता है तथा वृक्षारोपण अभियानों के लिए समुदाय सदस्यों को शामिल करता है।
→ आधिक गतिविधियाँ: वे गतिविधियाँ जिनमें मुदाअर्थः सम्मिलित है अथवा जिन्हें अर्थॉपार्जन के लिए किया जाता है अथवा जो सम्मिलित पक्षों के लिए वस्तुओं के नकद मूल्य से संबोधत होती है।
→ गैर-आर्थिक गतिविधियाँ: वे गतिविधियाँ जिनमें आय अथवा संपत्ति अर्बित नहीं होती, वल्कि इन्हें कृतज्ञता, स्नेह, सेवा और आदर जैसी अनुभूतियों के साथ किया जाता है। उदाहरणअभिमावकों द्वारा परिवार के लिए भोजन बनाना।
→ बाजार : वह स्थान जहाँ व्यक्ति वस्तुओं और सेवाओं का लेन-देन करते हैं। व्यक्ति वस्तुओं और सेवाओं के बदले अन्य वस्तुओं का लेन-देन कर सकते हैं, कितु अधिकांश बाजारों में इनका लेन-देन धनराशि के लिए किया जाता है।
→ शुल्क : किसी व्यावसायिक परामर्श या सेवाओं के लिए एक व्यक्ति या संगठन को किया गया भुगतान। उदाहरण-एक चिकित्सक या वकील को दिया गया शुल्क।
→ वस्तु का नकद मूल्य: किसी वस्तु का व्यक्ति द्वारा तय किया गया मौद्रिक मूल्य जो कि उस वस्तु से मिलने वाले लाभ पर आधारित होता है।
→ वेतन : एक नियोक्ता द्वारा कर्मचारी को नियमित रूप से प्रतिमाह किया जाने वाला नियत धुगतान।
→ मजदूरी : एक विशिष्ट समयावधि के लिए नियोक्ता द्वारा श्रमिक को किया गया पुगतान।
→ वस्तु के रूप में भुगतानः किए गए कार्य के लिए प्राप्त किया गया गैर-मौद्रिक भुगतान।
→ सेवा : निःस्वार्थ सेवा, जो अक्सर सामुदायिक प्रथाओं में देखी जाती हैं जैसे गुरुद्वारों में लंगर (सामुदायिक रसोई), जहाँ सभी श्रदालुओं को नि:शुल्क भोजन कराया जाता है।
→ कार्य का मूल्य: हमारे जीवन में कार्य का महत्व तथा प्रभाव है इसलिए कार्य को समर्पण और श्रदा के साथ किया जाना चाहिए।
→ स्वयंसेवी समूहः एक समुदायिक संगठन जहाँ व्यक्ति एक सामान्य उद्देश्य के लिए बिना किसी मौद्रिक मुआवजे के एक साथ है।
→ तकनीशियनः एक कुशल कर्मचारी जो मशीनरी या उपकरण चलाता है, जैसे निर्माण या इंजीनियरिए क्षेत्रों में।
→ सामुवायिक विकास : शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और अर्थिक विकास सहित विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से समुदाय में जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना।
→ व्यावसायिक सेवाएँ: विशिष्ट ज्ञान या कौशल वाले व्यक्ति जैसे डॉक्टर, वकील और इंजीनियर द्वारा प्रदान की गई सेवाएँ, जिसके लिए आमतौर पर शुल्क देना पड़ता है।
→ नि:स्वार्थ सेवा: कुछ भी अपेक्षा किए बिना दूसरों की मद करने के लिए किए गए कार्य जो अक्सर सामुदायिक सेवा व धर्मार्थ कार्य से जुड़े होते हैं।
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