Students summarize chapters using Ganita Prakash Class 6 Notes and Class 6th Maths Chapter 2 Notes in Hindi रेखाएँ और कोण for better understanding.
Lines and Angles Class 6 Notes in Hindi Medium
रेखाएँ और कोण कक्षा 6 नोट्स
कक्षा 6 गणित अध्याय 2 नोट्स रेखाएँ और कोण
→ बिंदु : समष्टि में एक डॉट (बिंदी) द्वारा निरूपित एक अवस्थिति। इसकी कोई लंबाई, चौड़ाई या ऊँचाई नहीं होती है तथा इसे प्राय: अंग्रेजी के बड़े अक्षर से व्यक्त किया जाता है (उदाहरणार्थ, बिंदु A)।
→ रेखाखंड : किसी रेखा का एक भाग जिसके दो अंत-बिंदु होते हैं। यह दो बिंदुओं को जोड़ने वाला लघुतम पथ होता है, जिसे \(\overline{\mathrm{AB}}\) या \(\overline{\mathrm{BA}}\) के रूप में व्यक्त किया जाता है, जहाँ A और B अंत-बिंदु हैं।
→ रेखा : यह बिंदुओं का एक अपरिमित संग्रह होता है, जो दोनों दिशाओं में बिना किसी अंत के विस्तृत होता है। इसे इस पर स्थित किन्हीं दो बिंदुओं (उदाहरणार्थ, रेखा AB ) या अंग्रेजी के एक छोटे अक्षर (उदाहरणार्थ, रेखा l ) द्वारा निरूपित किया जाता है।
→ किरण : रेखा का एक भाग, जो एक बिंदु से प्रारंभ होता है तथा अनंत रूप से एक दिशा में विस्तृत होता है। इसे इसके अंत-बिंदु से और इसी पर स्थित एक अन्य बिंदु के उपयोग द्वारा व्यक्त किया जाता है (उदाहरणार्थ, किरण AB बिंदु A से प्रारंभ होती है तथा B से होकर जाती है)।
→ कोण : ऐसी दो किरणों (भुजाओं) से बनता है, जिनका एक उभयनिष्ठ अंत-बिंदु (शीर्ष) होता है। कोणों को अंशों (डिग्री) में मापा जाता है।
→ न्यून कोण : एक ऐसा कोण जिसकी माप 90 अंश से कम और 0 अंश से अधिक होती है। यह एक छोटा घुमाव निरूपित करता है।
→ समकोण : वह कोण जिसकी माप ठीक 90 अंश होती है। इसे प्राय: एक शीर्ष पर एक वर्ग बनाकर निरूपित किया जाता है।
→ अधिक कोण : एक ऐसा कोण जिसकी माप 90 अंश से अधिक परंतु 180 अंश से कम होती है। यह एक बड़े घुमाव को निरूपित करता है।
→ ऋजु कोण ( या सरल कोण ) : एक ऐसा कोण जिसकी माप, एक सरल रेखा बनाते हुए, ठीक 180 अंश होती है।
→ प्रतिवर्ती कोण : एक ऐसा कोण जिसकी माप 180 अंश से अधिक और 360 अंश से कम होती है।
→ लंब रेखाएँ : वे रेखाएँ जो परस्पर एक समकोण (90 अंश) पर प्रतिच्छेद करती हैं।
→ कोण समद्विभाजक : यह एक रेखा या किरण होती है. जो किसी कोण को दो समान (बराबर) भागों में विभाजित करती है।
→ त्रिभुज : एक बहुभुज जिसकी तीन भुजाएँ और तीन कोण होते हैं। किसी त्रिभुज के अंतः कोणों का योग सदैव 180 अंश होता है।
→ बहुभुज : एक परिमित संख्या के रेखाखंडों (भुजाओं) द्वारा बनी एक बंद आकृति, जिसमें रेखाखंड सिरे से सिरा मिलाकर जुड़े होते हैं।
→ उत्तर बहुभुज : एक ऐसा बहुभुज, जिसमें सभी अंतःकोण 180 अंश से कम माप के होते हैं तथा कोई भी भुजाएँ अंदर की ओर वक्रित नहीं होती हैं।
→ अवतल बहुभुज : एक ऐसा बहुभुज, जिसमें न्यूनतम एक अंतःकोण 180 अंश से अधिक माप का होता है, जो एक गुहा (गुफा) का प्रभाव रचित कर देता है।
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